पालरोड ब्रांच के एक खाते से शुरूआत का शक,बैंकों के 200 करोड़ फंसे 20 करोड़ वसूले
- यूको बैंक व आईडीएफसी बैंक में 850 करोड़ के ट्रांजेक्शन की कारस्तानी का मामला
- मामले में जोधपुर पुलिस ने एक संदिग्ध को किया डिटेन
- बैंकों ने साधी चुप्पी
- नोटिस व फोन से वसूली की कोशिश में नहीं हो रहे कामयाब
- जयपुर में दर्ज हुआ मुकदमा
जोधपुर,पालरोड ब्रांच के एक खाते से शुरूआत का शक,बैंकों के 200 करोड़ फंसे 20 करोड़ वसूले। यूको बैंक व आईडीएफसी बैंक के सर्वर में तकनीकी खामी का फायदा उठाकर 850 करोड़ की कारस्तानी में दोनों बैंकों के 200 करोड़ रुपए फंस गए हैं। दिवाली से ठीक पहले बड़े स्तर पर हुई इस कारस्तानी को लेकर बैंक नोटिस व फोन के भरोसे वसूली की कोशिश तो कर रहे हैं लेकिन सफलता नहीं मिल पा रही है। पता चला है कि बीते 10 दिनों में महज 20 करोड़ की वसूली हुई है। इधर,जोधपुर की पाल रोड स्थित ब्रांच के एक खाते से इस पूरी कारस्तानी की शुरूआत होने की जानकारी सामने आ रही है। इस खाताधारक ने करीब 2 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए, जिनमें से 97 लाख रुपए खाते से निकाले भी गए। गनीमत रही कि बड़ी राशि खातों में रहने से बैंकों ने इस घटना का पता चलते ही खुद वापस ले ली। दरअसल,दिवाली से ठीक पहले कुछ लोगों को इस बात की जानकारी लगी कि आईडीएफसी बैंक से यूको बैंक में एमपीएस या यूपीआई से पेमेंट ट्रांसफर करने पर पैसा आईडीएफसी के खाते से कट नहीं रहा लेकिन यूको बैंक के खाते में पैसा क्रेडिट हो रहा है। यह बात आग की तरफ फैली। खासकर,ग्रामीण इलाकों में तो ऐसे लोग रातों रात लखपति बन गए। लोग आईडीएफसी व यूको बैंक के खाता धारकों की तलाश करने लगे। कोई कमीशन के लालच में तो कोई अपनी कमाई के चक्कर में खातों के नंबर एक-दूसरे से शेयर करने लगे। दिवाली पर जब बैंकों को इसकी भनक लगी तो उन्होंने ऐसे ट्रांजेक्शन तलाशने शुरू किए और बड़ी संख्या में खाते फ्रीज कर उनमें जमा राशि को डेबिट कर दिया।
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जयपुर में दर्ज हुआ मुकदमा,जोधपुर में संदिग्ध पकड़ा
मामले का खुलासा होने के बाद फिलहाल जयपुर साइबर थाने में एक मुकदमा दर्ज हुआ है। बताया जा रहा है कि इस तरह के कुछ मुकदमें और दर्ज होंगे। इस बीच बैंक की ओर से जयपुर साइबर थाने को सूचना दी गई कि जोधपुर में लक्ष्मण विश्नोई नामक व्यक्ति इस पूरे मामले में संदिग्ध है। पुलिस ने उसके बारे में जानकारी जुटाई तो लोकेशन शास्त्रीनगर इलाके में मिली। इस पर शास्त्रीनगर थाने को इत्तला मिली और पुलिस ने इसे पकड़ लिया है। अब इसे जयपुर साइबर थाने को सौंपा जाएगा।
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पाल रोड ब्रांच से मिला कनेक्शन
दरअसल,मुकदमा दर्ज होने के बाद जब पुलिस ने इस मामले की छानबीन शुरू की तो पता चला कि जोधपुर के पाल रोड स्थित यूको बैंक में विकास ट्रेडर्स के नाम से कोई खाता है। संभावना है कि सबसे पहले इसी खाते में ट्रांजेक्शन शुरू हुए थे। विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि इस खाते में करीब 2 करोड़ रुपए आईडीएफसी बैंक से ट्रांसफर किए गए। बाद में इसमें से 97 लाख रुपए इधर-उधर कर निकाल लिए गए। शेष राशि खाते में जमा थी, जो बैंक के सतर्क होने के बाद डेबिट कर दी गई। इस खाते से जुड़े लोगों के बारे में साइबर क्राइम जयपुर थाने को सूचना मिली थी,जिसके आधार पर जोधपुर में कार्रवाई हुई।
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समझदार लोग ही लौटा रहे पैसा, बाकि से वसूली में हो रही मुश्किल
बैंकों को जब इस घोटाले का पता चला तो उन्होंने पहले खाते फ्रीज किए,फिर खातों में जमा राशि को डेबिट करते हुए बैलेंस मानइस में कर दिए। दीपावली के बाद लोगों को नोटिस भी भेजने शुरू किए गए तो फोन कर कारस्तानी से निकाली राशि जमा करवाने को भी कहा जा रहा है। हकीकत यह है कि समझदार लोग तो पैसा वापस जमा करवा रहे हैं लेकिन इस तरीके से अब तक महज 20 करोड़ की वसूली हो सकी है। बैंकों से इस तरह के करीब 850 करोड़ के ट्रांजेक्शन हुए थे। गनीमत रही कि 650 करोड़ रुपए खातों में रहा,जो समय रहते बैंकों को वापस मिल गया। अभी भी करीब 180 करोड़ की वसूली होनी है।
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देचू के युवक को लौटाने है 2.49 लाख
देचू यूको बैंक ने अपने एक ग्राहक को उसके खाते में आए 2 लाख 49हजार 758 रुपए वापस जमा करवाने के लिए फोन किया। खाताधारक ने जवाब दिया कि उसके खाते में जिसने यह पैसे डाले थे,वह तो निकलवाकर ले गया,अब वह कैसे जमा करवाए। बैंक की ओर से कहा गया कि पैसे तो तुम्हे जमा करवाने ही होंगे। अब युवक असमंजस में है कि जिसको पैसे दिए, उसने नहीं लौटाए तो यह राशि उसे अपनी जेब से भरनी होगी।
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