एमडीएमएच में लीवर के बिलियरी सिस्ट एडिनोमा की जटिल सर्जरी
- विशेषज्ञों का दावा लीवर की इतनी बड़ी गांठ की पश्चिमी राजस्थान की पहली 3D लेप्रोस्कोपिक सर्जरी
- मथुरादास माथुर अस्पताल ने शल्य चिकित्सा के क्षेत्र में रचा नया कीर्तिमान
जोधपुर,एमडीएमएच में लीवर के बिलियरी सिस्ट एडिनोमा की जटिल सर्जरी। डॉ सम्पूर्णानंद मेडिकल कालेज से सम्बद्ध पश्चिमी राजस्थान सबसे बड़े हॉस्पिटल मथुरादास माथुर अस्पताल के सर्जरी आउटडोर में 27 वर्षीय महिला 5 साल से पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द,भारीपन से परेशान थी तथा पिछले साल उसके पेट के ऊपरी हिस्से में गांठ भी महसूस होने लगी जिसकी जांच करने पर पता लगा कि लीवर में एक गांठ है,यह गांठ इतनी बड़ी थी कि इसने दाएं साइड के पेट को आधे से भी ज्यादा कवर कर रखा था। महिला ने पहले भी कई जगह दिखाया और सभी ने उसे अहमदाबाद जाने की सलाह दी। मरीज के परिजन उसे मथुरादास माथुर अस्पताल में सह आचार्य एवं यूनिट ई प्रभारी डॉ.दिनेश दत्त शर्मा के पास लेकर आए और अपनी बीमारी के बारे में बताया। डॉ. दिनेश दत्त शर्मा ने मरीज को चेक करने के पश्चात पाया कि उसके लीवर में बहुत बड़ी गांठ लगभग 22 ×20 ×18 सेमी की है तथा अन्य जांच करने पर पाया कि यह भी बिलियरी सिस्ट एडिनोमा नामक लीवर की गांठ है,यह लीवर की काफी दुर्लभ गांठ होती है,जिसका समय पर इलाज नहीं करने पर भविष्य में कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। गांठ इतनी बड़ी थी कि इसने लीवर के दाएं लोब को लगभग 80 प्रतिशत से ज्यादा खत्म कर रखा था। इस प्रकार की ऑपरेशन में गांठ के साथ-साथ लीवर का हिस्सा भी निकालना पड़ता है जिससे भविष्य में गांठ को वापस होने से रोका जा सके। दूरबीन से ऑपरेशन करने के दौरान पाया कि यह गांठ इतनी बड़ी है कि दूरबीन द्वारा ऑपरेशन के लिए पेट में जगह नहीं बन पा रही है तो गांठ में छेद करके इसके अंदर का लगभग साढ़े तीन लिटर (3.5 litre) फ्लुड बाहर निकाला गया,इसके पश्चात ही पेट में दूरबीन द्वारा ऑपरेशन करने के लिए जगह बन पाई। ऑपरेशन में बिलियरी सिस्ट एडिनोमा को लीवर के एडज्वाइनिंग हिस्से के साथ बाहर निकाला गया,जो काफी चैलेंजिंग था, डॉ.दिनेश दत्त शर्मा ने बताया कि दूरबीन द्वारा लिवर को काटना (Liver Resection) काफी चैलेंजिंग होता है। ऑपरेशन के दौरान हार्मोनिक स्केलपल से लिवर का रिसेक्शन किया गया,ब्लीडिंग कंट्रोल करने के लिए लीवर के अंदर की छोटी-छोटी ब्लड वेसल्स को हार्मोनिक एवं लाइगा क्लिप द्वारा बांधा गया ताकि ब्लीडिंग को कंट्रोल किया जा सके पर मथुरा दास माथुर अस्पताल की शल्य चिकित्सकों की टीम ने इस कार्य को बहुत ही दक्षता के साथ अंजाम दिया।ऑपरेशन के पश्चात मरीज पूर्ण रूप से स्वस्थ है एवं अपनी साधारण दिनचर्या के कार्य आसानी से कर रहा है एवं मरीज़ को अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई है।
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ऑपरेशन करने वाली टीम में सह आचार्य एवं युनिट प्रभारी डॉ.दिनेश दत्त शर्मा के साथ डॉ.अंशुल,डॉ. पारंग,डॉ.राकेश भटनागर,डॉ.हेमंत कुमार थे।बेहोशी की टीम में डॉ.शोभा उज्जवल,डॉ.गीता सिंगारीया,डॉ. भरत चौधरी,डॉ.शिप्रा गोयल ने सहयोग किया। नर्सिंग ऑफिसर टीम इंचार्ज वरुण विकास जोशी के साथ सुमेर सिंह राजपुरोहित,निर्मला चौधरी आदि ने सहयोग किया। मथुरादास माथुर अस्पताल की अधीक्षक डॉ. विकास राजपुरोहित ने बताया कि इतनी विशाल साइज लगभग 22× 20 ×18 सेमी साइज की लीवर की बिलियरी सिस्ट एडिनोमा गांठ का पश्चिमी राजस्थान का पहला ऑपरेशन है जो 3D लेप्रोस्कोपी द्वारा किया गया है। मथुरादास माथुर अस्पताल में इस प्रकार की जटिल सर्जरी लगातार होती रहती है। मरीज का यह इलाज पूर्णतः निःशुल्क किया गया तथा प्राचार्य डॉ. दिलीप कच्छावाह ने ऑपरेशन करने वाली टीम को बधाई दी।
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