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भारत विकास परिषद का गुरु वंदन छात्र अभिनंदन कार्यक्रम सम्पन्न

भारत विकास परिषद का गुरु वंदन छात्र अभिनंदन कार्यक्रम सम्पन्न

  • 41 विद्यार्थियों व 46 शिक्षकों का किया सम्मान
  • विद्यार्थियों ने गुरुजनों के चरणों में पुष्प अर्पित कर कर्तव्यनिष्ठा की ली शपथ

जोधपुर,शहर में भारत विकास परिषद मुख्य शाखा की ओर से मंगलवार को बीआर बिड़ला पब्लिक स्कूल प्रांगण में गुरु वंदन छात्र अभिनंदन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम के माध्यम से प्राचीन काल से चली आ रही गुरु-शिष्य परंपरा को पुनर्जीवित किया गया। कालांतर में होने वाले परिवर्तनों से विचलित न होकर अपने लक्ष्य प्राप्ति हेतु गुरु के सान्निध्य में रहते हुए प्रयासरत रहने की आवश्यकता बतलाई गई।
कार्यक्रम का शुभारंभ भारत विकास परिषद के पदाधिकारियों जगदीश शर्मा प्रांतीय अध्यक्ष, प्रोफेसर वीडी दवे प्रांतीय संगठन मंत्री, अर्चना बिड़ला अध्यक्ष, सुरेशचंद्र भूतड़ा सचिव,किशनदास बिड़ला उपाध्यक्ष, डॉ. सूरज माहेश्वरी जिला प्रमुख, उमा काबरा कार्यक्रम संयोजक एवं प्राचार्य प्रमिला शर्मा ने ज्ञान की देवी मां शारदा के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन कर किया। तत्पश्चात कक्षा प्रथम से बारहवीं तक सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को मोमेंटो प्रदान कर सम्मानित किया गया। जिन विद्यार्थियों ने खेलकूद में सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन किया उन्हें भी सम्मानित कर उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी गई।
इस अवसर पर विद्यार्थियों ने गुरुजनों को माल्यार्पण कर उनके चरणों में पुष्प अर्पित किए और कर्तव्यनिष्ठा की शपथ ली।

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इस मौके पर प्रांतीय अध्यक्ष जगदीश शर्मा ने आशीर्वचन स्वरूप देश के भावी कर्णधारों को संवेदनशील नागरिक बनने की प्रेरणा दी। सचिव सुरेशचंद्र भूतड़ा ने विद्यार्थियों को शपथ दिलाते हुए देश के विकास में योगदान देने का संदेश दिया।

कार्यक्रम में विद्यालय डायरेक्टर अर्चना बिड़ला ने कहा कि विद्यार्थी जीवन में मां और गुरु का अविस्मरणीय योगदान होता है। यह आवश्यक है कि बच्चों को संस्कारवान बनाने की दिशा में गुरुजन भी सत्यनिष्ठा के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें।

कार्यक्रम के अंत में, विद्यालय प्राचार्य प्रमिला शर्मा ने अतिथियों को स्मृति चिह्न भेंट करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति की पहचान उसके अपने संस्कारों से है, जिसमें विद्यार्थी जीवन में गुरु का स्थान ईश्वर से भी श्रेष्ठ बताया गया है। विद्यार्थी का व्यक्तित्व उसके गुरु की छवि को परिलक्षित करता है। इसलिए गुरु अपने ज्ञान और अनुभव से एक ऐसा भविष्य निर्मित कर सकता है जो देश को प्रगति के पथ पर ले जाता है।
कार्यक्रम में 41 विद्यार्थियों को एवं 46 शिक्षकों को सम्मानित किया गया। विद्यालय के 1104 विद्यार्थियों की मौजूदगी में यह कार्यक्रम संपन्न हुआ।

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