एमबीबीएस प्रवेश काउंसलिंग में याचिकाकर्ता को कंसीडर करने के अंतरिम आदेश

एमबीबीएस प्रवेश काउंसलिंग में याचिकाकर्ता को कंसीडर करने के अंतरिम आदेश

जोधपुर, राजस्थान उच्च न्यायालय ने एमबीबीएस प्रवेश काउंसलिंग में याचिकाकर्ता को कंसीडर करने के अंतरिम आदेश दिए हैं। यह आदेश विशेष योग्यजन याची को बाएं हाथ के अंगूठे का विच्छेदन होने के आधार पर नीट-यूजी (एमबीबीएस) में एडमिशन नहीं देने पर दिए गए। आदेश न्यायाधीश दिनेश मेहता की एकलपीठ ने जारी किया। इससे याची को अंतरिम राहत मिली है। याचिका कर्ता शेरगढ़, जि़ला जोधपुर रामनरेश धतरवाल की ओर से अधिवक्ता यशपाल खि़लेरी ने रिट याचिका पेश कर बताया कि याचिकाकर्ता विशेष योग्यजन-अन्य पिछड़ा वर्ग में होने से उसने नीट प्रवेश परीक्षा (एमबीबीएस/ बीडीएस) 2021 में अपना आवेदन पेश किया और लिखित परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सफल रहा।

लिखित परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद फिजिकली हैंडिकैप्ड/पीएच वर्ग के अभ्यर्थियों को एसएमएस मेडीकल कॉलेज जयपुर में मेडिकल बोर्ड के समक्ष उपस्थित होने के लिए आदेशित किया। जिस पर याची 7 दिसम्बर 2021 को उपस्थित हुआ लेकिन उसके बाएं हाथ के अंगूठे में विच्छेद होने से उसे एमबीबीएस प्रवेश के लिएअयोग्य मानते हुए उसकी अभ्यर्थिता निरस्त कर दी। जिस पर उसने रिट याचिका पेश की। याची की ओर से अधिवक्ता ने बताया कि याचिकाकर्ता को उसके अंगूठे के नहीं होने के आधार पर एमबीबीएस कोर्स में दाखिला से इंकार नहीं किया जा सकता है।

संविधान में वर्णित प्रावधानों के अनुसार मेरिट अनुसार याची को शिक्षा अर्जित करने का मूलभूत अधिकार है। वह अपने हाथों से एमबीबीएस कोर्स में अपेक्षित समस्त प्रायोगिक कार्य कर सकता है। ऐसे मे याचिकाकर्ता को कंसीडर नही करना अवैध और असवेधानिक है। याचीकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता ने बताया कि पूर्व में हाईकोर्ट की खंडपीठ द्वारा भी इसी तरह के प्रकरण स्वीकार कर एमबीबीएस कोर्स में अंगूठे के विच्छेदन के आधार पर प्रवेश से इंकार को विधि विरुद्ध घोषित किया जा चुका है।

रिकॉर्ड का परिशीलन करने के पश्चात् हाईकोर्ट ने राज्य सरकार सहित नीट-यूजी काउन्सलिंग बोर्ड जयपुर को नोटिस जारी करते हुए छह सप्ताह में जवाब तलब किया है। नीट काउन्सलिंग बोर्ड सहित विपक्षी राज्य सरकार को याची को एमबीबीबीएस कोर्स काउन्सलिंग में शामिल करने का अंतरिम आदेश दिया लेकिन एमबीबीएस में याची का प्रवेश रिट याचिका के निर्णयाधीन होने का भी आदेश दिया है।

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