बरसों से बंद पड़ी तपी बावड़ी का होगा जीर्णाेद्धार: शेखावत का प्रयास

बरसों से बंद पड़ी तापी बावड़ी का होगा जीर्णाेद्धार: शेखावत का प्रयास

बरसों से बंद पड़ी तापी बावड़ी का होगा जीर्णाेद्धार: शेखावत का प्रयास

जोधपुर, शहर के अति प्राचीन एवं बरसों तक अपने मीठे पानी से लोगों के हलक तर करने वाली तापी बावड़ी का अब पुनरूद्धार होगा। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के प्रयास से 403 वर्ष पुरानी तापी बावड़ी का अमृत सरोवर योजना के तहत नए सिरे से संवारा जाएगा।
भाजपा जिलाध्यक्ष देवेन्द्र जोशी के सानिध्य में ख्याति प्राप्त तापी बावड़ी के पुनरुद्धार कार्यक्रम का हवन यज्ञ की पूर्णाहूति के साथ शुभारंभ किया गया।

केन्द्र सरकार द्वारा देशभर में जलाशयों,एनिकट का निर्माण किया जा रहा है। पुरातन काल के जलाशयों, बावडिय़ों का पुरूद्धार किया जा रहा है। इसी क्रम में जोधपुर के भीतरी शहर में स्थित ख्याति प्राप्त जलाशय तापी बावड़ी का पुनरूद्धार किया जा रहा है।

शेखावत नहीं हुए शामिल

दिल्ली में अति आवश्यक मीटिंग के कारण केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके। शेखावत ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरीए विचार व्यक्त किए और कहा कि आज़ादी के अमृत महोत्सव के बीच जोधपुर के ऐतिहासिक जलाशय, कुए, बावडिय़ों का जीर्णोद्धार किया जाएगा। जिसकी शुरुआत आज अपने शहर से की गई है। विश्वराज समूह लखानी परिवार और एबीएमएम माहेश्वरी रिलीफ फाउंडेशन मुम्बई के सहयोग से तापी बावड़ी का पुनरूद्धार किया जा रहा है।

वर्ष 1618 में करवाया गया निर्माण

तापी बावड़ी का निर्माण 2 नवबंर 1618 को जोधपुर रियासत के दीवान वीर गिरधरजी व्यास के छोटे भाई नाथोजी व्यास ने अपने पिता तापोजी की स्मृति में कराया था। जब बावड़ी का निर्माण हुआ, तब यह छह खंड (करीब 250 फीट) लंबी और छह खंड गहरी थी। इसकी बाहर से चौड़ाई 40 फीट है। इतिहासकार मुहता नैणसी के अनुसार यह साठ पुरुष गहरी (करीब 360 फीट) है। तापी बावड़ी के निर्माण में चार वर्ष का समय और 71 हजार एक रुपया खर्च आया था। जब तापी बावड़ी का निर्माण हुआ था तब इसे देखने के लिए लोगों में बड़ा उत्साह था।

लुभाती है कलात्मकता

तापी बावड़ी भव्य और कलात्मक बनी है। इसमें कई बरामदे और दरवाजे हैं। लगभग पांच मंजिल बनी बावड़ी के सुंदर खंभों पर भव्य दरवाजे टीके हैं। बावड़ी में अनेक कलात्मक पोलें बनी हैं। इन पोलों की छतों के अंदर के भाग में बहुत ही कलात्मक कार्य हुआ है। जो आज भी लोगों को लुभाती है।

अब पानी पीने योग्य नहीं, तैराकी सीख रहे

तापी बावड़ी का पानी स्वच्छ और हल्का था। क्षेत्र में निवास करने वाले लोगों और सोजतिया दरवाजे तक की आबादी के लिए यह पानी पीने के लिए वितरण किया जाता था। हालांकि, वर्तमान में बावड़ी का पानी पीने योग्य नहीं है। अब आसपास के मोहल्ले के बच्चे यहां तैरना सीखते हैं।

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