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शब्द संदर्भ:-(163) अभिननदन और नमस्कार

लेखक – पार्थसारथि थपलियाल

जिज्ञासा

नोएडा एक्सटेंशन से विशाखा त्यागी की जिज्ञासा है कि नमस्कार और अभिननदन एक ही भाव को प्रकट करते हैं?

समाधान

नमस्कार या प्रणाम जिसे अभिवादन कहा जाता है भारतीय संस्कृति में मूलतः यह अभिवादन या नमन उस परमेश्वर के लिए होता है जो हम दोनों के हृदय में विराजमान है। धीरे-धीरे यह व्यक्तिनिष्ठ होता गया। भारतीय संस्कृति में अभिवादन के अनेक तौर तरीके हैं। अपने से (विशेषकर बड़ों को) यथा देवी, देवताओं,आध्यात्मिक गुरुओं को दंडवत प्रणाम, माता-पिता और अपने श्रेष्ठजनों के चरणस्पर्श, अथवा हाथ जोड़कर प्रणाम, अन्य श्रेष्ठ जनों को नमस्कार, पूरी मानवता को नमस्ते एक सामान्य व्यवहार समाज में प्रचलित हैं। नमस्कार (कर सहित नमन) एक मुद्रा है जिसमें नमस्कार करनेवाला व्यक्ति छाती के बीचों बीच दोनों हाथों की हथेली को एक दूसरे से सामान रूप से मिलाकर सिर नवाते हुए नमस्कार कहता है।

नमस्ते का भी यही भाव है आपको मैं नमन करता हूँ। नमस्ते भी हाथ जोड़कर नमस्कार की तरह मुद्रा की जाती है। दोनों में शब्द का अंतर है भाव का अंतर नही। जिसे नमस्कार या नमस्ते की जाती है वह अगर जेष्ठ या श्रेष्ठ है तो अभिवादन स्वीकार करते हुए शुभ आकांक्षा व्यक्त करेगा, यथा आयुष्मान भव:, दीर्घायु भव:, चिरंजीव, खुश रहो, जीवता रहो, खुशहाल रहो, ईश्वर की कृपा बनी रहे, ईश्वर भला करे आदि आदि।

भारतीय लोक जीवन में अभिवादन के लिए अनेक प्रकार शब्द उपयोग में लाये जाते हैं जैसे-सतश्री अकाल (पंजाब) जै श्रीकृष्णा (गुजरात) नमस्कारम (केरल) नमस्कारा (कर्नाटक) नामस्कारमु (आंध्र), वणक्कम (तमिलनाडु), ढाल करुं (हिमाचल प्रदेश), नमस्कार, प्रणाम (बिहार), नमस्कार/नमस्ते (बंगाल, महाराष्ट्र, कोंकण, ओडिशा, उत्त्तराखण्ड, हिमाचल, हरियाणा, जुहार (छत्तीसगढ़ व झारखंड), जुले (लद्दाख), जय झूलेलाल (सिंधी समाज), राम राम, जै माता की देवी के भक्त /क्षत्रिय समाज), बाबो भली करे (बाबा रामदेव के भक्त, राजस्थान), खम्मा घणी/ नमस्कार (मारवाड़, राजस्थान), बड़ो हुकम (मेवाड़ राजस्थान), खुरमजरी (मणिपुर) राधे राधे (ब्रज क्षेत्र), जै महाकाल (उज्जैन), नर्मदे हर (नर्मदा क्षेत्र में), जै श्रीनाथ की (नाथद्वारा राजस्थान), जय जिनेन्द्र (जैन समाज), नमस्ते (आर्य समाज, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ), जय हिंद (सेना और पुलिस में), आदाब और अस्सलाम वालेकुम (इस्लाम धर्मावलंबियों में) गुड मॉर्निंग, गुड़ आफ्टरनून, गुड़ नाईट (मूलतः ईसाई धर्मावलंबियों में, सामान्य भारतीय भी)आदि आदि अभिवादन के शब्द हैं। समान उम्र के लोगों में नमस्ते या नमस्कार उपयुक्त शब्द है।

अभिनंदन शब्द स्वागत सम्मान सूचक है। इसमें आनंद, बधाई, उत्साह और शाबाशी देने का भाव भी है। किसी व्यक्ति द्वारा वांछित सफलता प्राप्ति पर प्रसन्नता की अभिव्यक्ति अभिननदन से की जाती है। किसी विद्यार्थी द्वारा अधिक सफलता अथवा श्रेष्ठता प्राप्ति होती है और उसे बधाइयां मिलती है तो यह विद्यार्थी का अभिनंदन है। विवाह के उपरांत किसी संबंधी द्वारा नव विवाहित दंपति को भोजन पर आमांत्रित करना भी अभिनंदन है। प्रतिस्पर्धाओं में खिलाड़ियों को राजकीय सम्मान पाने वालों को उनकी सफलता की सराहना करने पर फूल मालाएं पहनाना,अंग वस्त्र,साफ़ा या पगड़ी पहनना, तिलक करना, आरती उतारना, कुछ उपहार देना, ढोल नगाड़े बजाना, नाच गाना करना आदि सभी अभिनंदन की भावना व्यक्त करने के तौर तरीके हैं।

“यदि आप भी जानना चाहते हैं किसी हिन्दी शब्द का अर्थ व व्याख्या तो अपना प्रश्न यहां पूछ सकते हैं।”