आयुर्वेद विश्वविद्यालय में पंचकर्म के लिए इंटरनेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनेगा

  • 49.71 करोड़ रूपए से अधिक की राशि के प्रस्तावों को स्वीकृति
  • प्राकृतिक वातावरण में ठहरने के वेलनेस सेंटर में 100 बेड की सुविधा
  • 9 सुपर डीलक्स, 44 डीलक्स सहित कुल 53 हट्स और 47 कॉटेज बनेंगे
  • वेलनेस सेंटर में एक कृत्रिम झील व प्रशासनिक भवन का होगा निर्माण
  • ड्रग टेस्टिंग लैब की होगी स्थापना
  • आयुर्वेद चिकित्सा के प्रति बढ़ेगा रूझान

जयपुर, राजस्थान में वेलनेस ट्यूरिज्म और आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए जोधपुर स्थित डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय में सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। विश्वविद्यालय में एक ‘इंटरनेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन पंचकर्म’ और एक ‘ड्रग टेस्टिंग लैब’ की स्थापना के साथ-साथ रसायन शाला का विस्तार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आयुर्वेद विश्वविद्यालय में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, लैब तथा विभिन्न विशेषज्ञ सेवाओं एवं सुविधाओं आदि के लिए 49.71 करोड़ रूपए से अधिक की राशि के प्रस्तावों को स्वीकृति दे दी है।

राज्य बजट वर्ष 2021-22 में विश्वविद्यालय में इन संस्थानों की स्थापना और सुविधाओं के विस्तार के लिए घोषणा की गई थी। प्रस्ताव के अनुसार,आयर्वुेद विश्वविद्यालय में 43.81 करोड़ रूपए से अधिक की लागत से ‘इंटरनेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन पंचकर्म’ स्थापित किया जाएगा। वेलनेस पर्यटन को बढ़ावा देने के दृष्टिगत प्राकृतिक वातावरण में ठहरने के लिए इस सेंटर में 100 बेड की सुविधा उपलब्ध होगी। इस क्रम में 9 सुपर डीलक्स हट तथा 44 डीलक्स हट सहित कुल 53 हट्स और 47 कॉटेज के साथ-साथ पंचकर्म थैरेपी के लिए हट्स निर्मित की जाएंगी।

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वेलनेस सेंटर में एक कृत्रिम झील और प्रशासनिक भवन का निर्माण कराया जाएगा। विभिन्न उपकरणों की खरीद की जाएगी। इस सेंटर का संचालन पंचकर्म चिकित्सा के क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त विश्वस्तरीय कम्पनियों और संस्थानों द्वारा पीपीपी मोड पर होगा। विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों द्वारा इस सेंटर के लिए तकनीकी सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा।
आयुर्वेद विश्वविद्यालय में ड्रग टेस्टिंग लैब के लिए लगभग 1 करोड़ रूपए की लागत से निर्माण कार्य कराए जाएंगे तथा 60 लाख रूपए की लागत से आवश्यक फर्नीचर एवं फिक्सर स्थापित होंगे।

विभिन्न उपकरणों की खरीद पर 3.50 करोड़ रूपए के व्यय के साथ लैब की कुल निर्माण लागत लगभग 5.10 करोड़ रूपए है। इस लैब के लिए सेवा प्रदाता एजेंसी के माध्यम से संविदा के आधार पर विभिन्न कार्मिकों की सेवाएं ली जाएंगी। विश्वविद्यालय की रसायन शाला के विस्तार के लिए 80 लाख रूपए की लागत से आवश्यक निर्माण कार्य करवाए जाएंगे। गहलोत के इस निर्णय से प्रदेश में लोगों का आयुर्वेद चिकित्सा के प्रति रूझान बढ़ेगा तथा देशी-विदेशी पर्यटक वेलनेस ट्यूरिज्म के लिए आकर्षित होंगे।

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