मलमास शब्द की व्याख्या

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शब्द संदर्भ:- (167) मलमास

लेखक:-पार्थसारथि थपलियाल

जिज्ञासा

जयपुर से नरेश राजपूत की जिज्ञासा मलमास शब्द के सन्दर्भ को जानने की है।

समाधान

यह भारतीय संस्कृति का शब्द है। मलमास भारतीय संस्कृति में सूर्य और चंद्रमा की गतियों में समन्वय रखने की एक व्यवस्था है। ज्योतिषीय गणना में सूर्य द्वारा एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने को एक सूर्य या सौर संक्रांति कहते हैं। राशि 12 होती हैं- मेष, वृष, मिथुन…….
मकर, कुम्भ और मीन। यह 360 डिग्री का परिपथ है। पृथ्वी को सूर्य की एक पूरी परिक्रमा करने में लगने वाला समय 365 दिन 6 घंटे के करीब का समय लगता है। यही एक वर्ष है। चंद्रमा पृथ्वी की एक परिक्रमा लगभग 354 दिन 9 घंटे में पूरी कर लेता है। इस तरह सूर्य और चंद्रमा के एक वर्ष के काल मे लगभग 11 दिनों का अंतर आ जाता है। यही कारण है कि दिवाली कभी नवम्बर चौथे सप्ताह में मनाई जाती है कभी पहले सप्ताह में। इस्लामिक कलेंडर में सूर्य और चन्द्रमा की गति अंतर को समायोजित करने की व्यवस्था नही है इसलिए इस्लामिक (हिजरी) कलेंडर में यह अंतर बना ही रहता है और रमजान के महीना कभी जून में आता है तो कभी जनवरी में। सूर्य और चंद्रमा का यह अंतर तीसरे साल में जब 30 दिनों का हो जाता है तो एक महीने का अंतर आ जाता है। इसी एक माह को मलमास कहते हैं।

अथवा जिस चान्द्रमास (एक अमावस्या से दूसरी अमावस्या के बीच) सूर्य संक्रांति नही आती है,उसे मलमास कहा जाता है। इसे अन्य प्रकार से कहें तो जब सूर्य के 12 महीनों में चंद्रमा का तेरहवाँ महीना आता है तो मलमास होता है। यह स्थिति 32 माह 16 दिन बाद आती है। इसे जानने का एक तरीका यह भी है कि शक संवत को 19 से गुना करें। गुणन फल को 12 से भाग दें यदि शेष 9 या 9 से कम आता है तो उस वर्ष मलमास आएगा। किस माह में मलमास होगा यह जानने के लिए यदि शेष 5 या 5 से अधिक हो तो उस संख्या में 1 घटाकर चैत्र माह से गिनना शुरू करें। 5 शेष बचे तो सावन, 6 बचे तो भाद्रपद….
मलमास को पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। प्रत्येक माह का एक स्वामी होता है 12 महीनों के12 स्वामी हैं। 13वें माह का स्वामी न होने के कारण भगवान विष्णु ने स्वयं उसका स्वामी होना स्वीकारा। इसलिए मलमास को पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं।

“यदि आप भी किसी हिंदी शब्द का अर्थ व व्याख्या जानना चाहते हैं तो अपना प्रश्न यहां पूछ सकते हैं।”

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