व्यक्तिगत डाटा संरक्षण बिल पर गठित समिति ने पेश की रिपेार्ट

व्यक्तिगत डाटा संरक्षण बिल पर गठित समिति ने पेश की रिपेार्ट

सांसद चौधरी की अध्यक्षता वाली समिति ने संशोधित विधेयक के साथ अपनी रिपोर्ट में 93 सिफारिशें रखीं

नई दिल्ली, निजी डाटा संरक्षण बिल 2019 का परीक्षण करने वाली संयुक्त संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट सदन में पेश कर दी। गुरूवार को समिति के अध्यक्ष पीपी चौधरी ने इसे लोकसभा में रखा। विदित है कि देश के नागरिकों की निजता और डाटा की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार द्वारा 11 दिसम्बर, 2019 में लोकसभा में विधेयक पेश किया गया था। विपक्ष की अहसमति के बाद इसे निजी डाटा बिल संयुक्त संसदीय समिति के पास भेज दिया गया था। सदन में पेश की गई रिपोर्ट में बताया गया कि अपनी मैराथन 78 बैठकों के दौरान सभी आयामों में सूचना गोपनीयता के मौजूदा कानूनी और तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र पर विचार-विमर्श किया और मसौदा विधेयक के प्रत्येक खंड पर विस्तृत चर्चा की।

रिपोर्ट में अध्यक्ष चौधरी ने बताया कि समिति ने सर्वसम्मति से अपने विचार-विमर्श को अंतिम रूप देते हुए 22 नवंबर, 2021 को रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया। समिति ने संशोधित विधेयक के साथ अपनी रिपोर्ट में 93 सिफारिशें की हैं। संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष चौधरी ने बताया कि मुख्य रूप से रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि सरकार द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए कि संवेदनशील और महत्वपूर्ण व्यक्तिगत डेटा की मिरर कॉपी देश के भीतर संग्रहीत की जाए।

इसके साथ ही सरकार को भारत में व्यापार करने में आसानी की गारंटी के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए और मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया और स्टार्ट-अप इंडिया जैसी पहलों को बढ़ावा देना चाहिए। इसके अलावा रिपोर्ट में बताया गया है कि चूंकि विधेयक में गैर-व्यक्तिगत डेटा के संचालन को कवर करने का भी प्रस्ताव है, ऐसे में भविष्य को देखते हुए यदि एक नियामक ढांचा तैयार किया जाता है, तो विधेयक का शीर्षक ‘‘डेटा संरक्षण विधेयक, 2021‘‘ में बदल दिए जाने की सिफारिश भी की गई है।

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