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रेलवे अस्पताल में चिकित्सा सेवाओं को लगे ‘उम्मीद’ के पंख

  • व्यवस्थित और पारदर्शी हुई चिकित्सा सेवाएं
  • रेलकर्मियों को जारी हुई यूनिक आई डी

जोधपुर,उत्तर-पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल रेलवे अस्पताल में चिकित्सा सेवाओं को उम्मीद के पंख लग गए हैं। अस्पताल में उम्मीद मेडिकल कार्ड की अनिवार्यता लागू करने के बाद चिकित्सा सेवाएं पहले से कहीं ज्यादा व्यवस्थित होने लगी हैं।

मंडल रेल प्रबंधक गीतिका पांडेय ने बताया कि मंडल रेलवे अस्पताल में चिकित्सा सेवाओं का लाभ लेने के लिए सेवारत कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए उम्मीद कार्ड की अनिवार्यता लागू की गई थी जिसके अमल में लाने के पश्चात रोगियों के साथ-साथ चिकित्सकों व अस्पताल स्टाफ को भी सुविधा होने लगी है। उन्होंने बताया कि उम्मीद कार्ड की अनिवार्यता लागू करने के समय अधिकांश पेंशनर्स ने अपने उम्मीद कार्ड नहीं बनवाए थे लेकिन रेलवे के कल्याण अनुभाग और रेलवे एंपलाई बैंकिंग सोसाइटी ने विशेष शिविर लगा कर उनके उम्मीद कार्ड का पंजीयन कर शीघ्रता से बनवा कर उपलब्ध करवाए जिससे उनको मिलने वाली चिकित्सा सुविधाएं निरंतर हुई।

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उल्लेखनीय है कि उम्मीद कार्ड आधारित मोबाइल एप एचएमआई एस के जरिए कर्मचारी संबंधित चिकित्सक से परामर्श से लेकर दवाई प्राप्त करने का रिकॉर्ड,सिक फिट, अन्य अस्पताल में रेफर तथा मेडिकल जांच रिपोर्ट का रिकॉर्ड सहेज कर रख सकता है। इसके अतिरिक्त रेल कर्मचारी को अपनी जांच रिपोर्ट लेने अब अस्पताल जाने की भी आवश्यकता नही है क्योंकि जांच रिपोर्ट मोबाइल एप पर ऑनलाइन भेज दी जाती है।

नई व्यवस्था के तहत सेवारत और पेंशनर्स को यूनिक आईडी नंबर जारी किए गए हैं जो स्थाई है और उसके आधार पर वह सम्बद्ध अस्पताल में सीधे उपचार के लिए जा सकेंगे। इस कार्ड के बनने से रेल कर्मचारियों को न सिर्फ केंद्रीय स्वास्थ्य योजना का लाभ मिलेगा बल्कि वे केंद्र सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त बड़े अस्पतालों में कैशलेस इलाज की सुविधा भी प्राप्त कर सकते हैं।

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इस कार्ड की सबसे खासियत यह होगी कि इसमें हर एक कर्मचारी और उनके आश्रितों के मेडिकल रिकार्ड डिजीटल रूप से स्टोर रहेंगे। जिसे एक्सेस करने पर पता चल जाएगा कि संबधित कर्मचारी या उनका परिवार किस बीमारी का इलाज कहां पर कराया है और उनकी किस तरह की दवा चल रही थी। रेलवे ने व्यवस्था दी है कि चिकित्सा सेवाओं की निरंतरता के लिए सेवारत कर्मचारियों ने उम्मीद कार्ड बनवा लिए जबकि करीब-करीब पेंशनर्स के भी पंजीयन के बाद कार्ड बनाने का काम प्रक्रियाधीन है और जो अभी भी इससे वंचित हैं वह डीआरएम आफिस के कल्याण अनुभाग में उम्मीद के लिए पंजीयन करवा सकते हैं।

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