एमडीएम अस्पताल में हुआ तीसरा सफल गुर्दा प्रत्यारोपण
गजोधपुर,पश्चिमी राजस्थान में डॉ एसएन मेडिकल कालेज के सबसे बड़े अस्पताल मथुरादास माथुर अस्पताल में तीसरा गुर्दा प्रत्यारोपण ऑपरेशन 18 मई को एसएमएस मेडिकल कालेज जयपुर की टीम के सहयोग से सफलता पूर्वक किया गया।डॉ एसएन मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ दिलीप कच्छवाहा बताया कि यह इस अस्पताल का तीसरा किडनी ट्रांसप्लांट था। कोविड की वजह से बीच में कुछ समय से व्यवधान आ गया था मगर किडनी ट्रांसप्लांट प्रोग्राम अब सुचारू रूप से चालू रहेगा।
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प्रधानाचार्य एवं नियन्त्रक ने बताया कि बाडमेर निवासी किडनी डोनर जमीयत ने अपने भाई रहमतुल्ला को किडनी दान किया। पश्चिमी राजस्थान में गुर्दा प्रत्यारोपण से सम्बन्धित बीमारियां तुलनात्मक रूप से ज्यादा पाई जाती हैं। गुर्दा प्रत्यारोपण इस संस्थान में शुरू होने से इस क्षेत्र के मरीजों को लाभ प्राप्त होगा तथा अब ऐसे मरीजों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
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यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ गोरधन चौधरी एवं सीनियर प्रोफेसर एसटी छाबड़ा ने बताया कि यह सर्जरी एसएमएस अस्पताल जयपुर के यूरोलॉजी विभाग की सहायता एवं निर्देशन से संपन्न हुई। ट्रांस्प्लांट सर्जरी के लिए जयपुर से यूरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ शिवम् प्रियदर्शी, डॉ नचिकेत व्यास,डॉ नीरज अग्रवाल, नेफ्रोलॉजी विभाग के डॉ राकेश गुप्ता, और सहायक टीम बुलाई गई थी। ट्रांस्प्लांट सर्जरी करीब तीन घंटे चली और उसके पश्चात मरीज को विशेष रूप से बनाये गये ट्रांसप्लांट आईसीयू में रखा गया। आठ दिन आईसीयू में रहने के बाद मरीज को आइसोलेशन रूम में शिफ्ट कर दिया गया है।
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नेफ्रोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ सुरेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि मरीज का इलाज एवं ट्रांसप्लांट के पहले की जाँचे जोधपुर में ही डॉ धनंजय अग्रवाल नेफ्रोलॉजी विभागाध्यक्ष,एसएमएस अस्पताल जयपुर की देख रेख में हुई तथा मरीज वर्तमान में स्वस्थ है तथा आईसोलेशन वार्ड में भर्ती है।
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एनेस्थीसिया विभाग की तरफ से एसएमएस अस्पताल जयपुर से प्रोफेसर डॉ अनुपमा गुप्ता,एमडीएम अस्पताल से सीनियर प्रोफेसर डॉ शोभा उज्जवल,सीनियर प्रोफेसर डॉ एमएल टाक,सीनियर प्रोफेसर डॉ गीता सिंगारिया,सीनियर रेजिडेंट डॉ भरत और डॉ आभाष छाबड़ा का योगदान रहा। इसके अलावा एसएमएस हॉस्पिटल के डॉ निरंजन गोगोई और एमडीएम अस्पताल के स्टाफ अरविंद कुमार एवं गोपाल व्यास का उल्लेखनीय योगदान रहा।
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एमडीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ विकास राजपुरोहित ने बताया कि प्राइवेट अस्पतालों में इस तरह के ऑपरेशन में दस से पंद्रह लाख तक का खर्च आ जाता है जिससे गरीब मरीज इलाज नहीं करवा पाते परन्तु यह प्रक्रिया मुख्यमन्त्री चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना में पूर्णतः निःशुल्क की गयी। डॉ.राजपुरोहित ने एसएमएस मेडिकल कालेज की टीम को जिन्होनें जोधपुर आकर इस तीसरा गुर्दा प्रत्यारोपण ऑपरेशन में अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करने के लिये आभार प्रकट किया।
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