आईआईटी जोधपुर में पीआरएमसी की बैठक संपन्न

जोधपुर(डीडीन्यूज),आईआईटी जोधपुर में पीआरएमसी की बैठक संपन्न। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर के नेतृत्व में जोधपुर शहर नवाचार ज्ञान समूह (जेसीकेआईसी) ने परियोजना समीक्षा निगरानी समिति (पीआरएमसी) बैठक 2025 का सफलतापूर्वक आयोजन किया। यह आयोजन अंतरविषयक अनुसंधान व नवाचार को बढ़ावा देने तथा विविध वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्रों में रणनीतिक सहयोग को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ।

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जेसीकेआईसी भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (PSA) के कार्यालय के तहत एक महत्वपूर्ण पहल है,जिसे प्रधानमंत्री की विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सलाहकार परिषद (PM-STIAC) के मार्गदर्शन में स्थापित किया गया है। यह पहल आत्मनिर्भर भारत के राष्ट्रीय दृष्टिकोण के अनुरूप है,जो क्षेत्रीय और राष्ट्रीय विकास को आगे बढ़ाने के लिए विज्ञान,प्रौद्योगिकी और नवाचार को एकीकृत करती है।

नोडल एजेंसी के रूप में भाप्रौसं जोधपुर क्षेत्र के भीतर शिक्षाविदों, अनुसंधान संस्थानों,उद्योग और सरकारी संस्थाओं के बीच उच्च प्रभाव वाले सहयोग की सुविधा प्रदान करता है।

पीआरएमसी मीटिंग 2025 में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों का एक प्रतिष्ठित पैनल एक साथ आया। समिति में पीआरएमसी की अध्यक्ष और भारत सरकार के पीएसए कार्यालय की पूर्व वैज्ञानिक सचिव डॉ.स्वाति बसु,आईटीसी लिमिटेड के स्वतंत्र निदेशक आनंद नायक,डीएई राजा रमन्ना फेलो और आईयूएसी के पूर्व निदेशक डॉ.दिनाकर कांजीलाल,सीएसआईआर भटनागर फेलो और हनी बी नेटवर्क के संस्थापक प्रो.अनिक के गुप्ता, आईआईटी दिल्ली के पूर्व निदेशक प्रो.रामगोपाल राव,पीएसए कार्यालय के वैज्ञानिक एफ डॉ. विशाल चौधरी और पीएसए कार्यालय के वैज्ञानिक-डी विवेक कुमार शामिल थे। उनकी सामूहिक विशेषज्ञता ने क्लस्टर के विकास के लिए मूल्यवान अंतर्दृष्टि व रणनीतिक दिशा प्रदान की।

बैठक के दौरान भाप्रौसं जोधपुर के निदेशक प्रो.अविनाश कुमार अग्रवाल ने आने वाले वर्षों में जेसीकेआईसी को आत्मनिर्भर बनाने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने एक मजबूत, नवाचार संचालित पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकता पर प्रकाश डाला जो क्षेत्र के वैज्ञानिक और आर्थिक विकास में योगदान करते हुए दीर्घकालिक कुशलता सुनिश्चित करता है। उनके साथ भाप्रौसं जोधपुर के नेतृत्व के प्रमुख सदस्य शामिल हुए,जिनमें जेसीकेआईसी के निदेशक और भाप्रौसं जोधपुर के निदेशक के सलाहकार प्रो.संपत राज वडेरा,अध्यक्ष प्रशासनिक प्रो. प्रकाश तिवारी और सेक्शन 8 कंपनियों के प्रभारी प्रो.विवेक विजय के साथ-साथ अन्य संकाय सदस्य शामिल थे।

चर्चाएँ नवाचार के उत्प्रेरक के रूप में जेसीकेआईसी की भूमिका को मजबूत करने पर केंद्रित थी। यह समूह अंतरविषयक सहयोग को बढ़ावा देने,ज्ञान के आदान-प्रदान व उच्चतम शोध को गति देने के लिए प्रतिबद्ध है जो विचारों और बाजार के लिए तैयार समाधानों के बीच की खाई को भर सके।स्टार्टअप्स, इनोवेटर्स और एमएस एमई को सशक्त बनाकर जेसीकेआईसी का लक्ष्य मजबूत ऊर्जा, स्वास्थ्य सेवा, डिजिटल परिवर्तन,जलवायु परिवर्तन व स्मार्ट बुनियादी ढांचे जैसे प्रमुख क्षेत्रों में तकनीकी प्रगति को आगे बढ़ाना है। ये सभी चर्चाएँ भारत के वैज्ञानिक और आर्थिक विकास में योगदान प्रदान करती हैं।

जेसीकेआईसी का दृष्टिकोण तात्कालिक तकनीकी सफलताओं से परे है। यह एक ऐसे पारिस्थितिकी तंत्र को पोषित करके एक स्थायी प्रभाव पैदा करना चाहता है जो उद्यमी प्रतिभा का समर्थन करता है, नवाचार आधारित विकास को प्रोत्साहित करता है और अनुसंधान से अनुप्रयोग तक एक सहज विकासयुक्त पथ सुनिश्चित करता है। यह उद्देश्य परिवर्तनकारी बदलाव लाने और प्रौद्योगिकी, नवाचार और शैक्षणिक उत्कृष्टता में खुद को अग्रणी स्वरूप में स्थापित करने के लिए भाप्रौसं जोधपुर के समर्पण को दर्शाता है।

पीआरएमसी मीटिंग 2025 का सफल आयोजन भारत के नवाचार परिदृश्य को आगे बढ़ाने के लिए भा. प्रौसं जोधपुर की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। गतिशील साझेदारी को बढ़ावा देने और ज्ञान-संचालित विकास को सक्षम करने के माध्यम से जेसीकेआईसी भारत में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के भविष्य को आकार देने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका को मजबूत करते हुए, अभूतपूर्व प्रगति का मार्ग प्रशस्त करना जारी रखेगा।

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