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प.राजस्थान में अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन बनने की संभावना-शेखावत

प.राजस्थान में अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन बनने की संभावना-शेखावत

जोधपुर,पश्चिमी राजस्थान में भूमि, ऊर्जा और प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता है। केवल जल की कमी है, लेकिन खारेपानी के रूप में यहां की भूमि के नीचे असीम जल भंडार है। वैज्ञानिक इस पानी को मीठा करने की तकनीक खोज पाए तो पश्चिमी राजस्थान पूरे देश की अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन बन सकता है। आईआईटी जोधपुर को इस दिशा में काम करने की जरूरत है। यह बात केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कही। वे आईआईटी जोधपुर के कैम्पस में आयोजित उदभास जल और जीवन कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।

भारत की अर्थव्यवस्था हर कसौटी पर आगे बढ़ रही है

शेखावत ने कहा कि भारत तेजी से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था है। पूरी दुनिया इसे मान रही है। भारत की अर्थव्यवस्था हर कसौटी पर आगे बढ़ रही है। ऐसे समय में आने वाले समय हमारी ऊर्जा और जल की आवश्यकताओं की पूर्ति कैसे होगी? इसकी चिंता करने का काम निश्चित रूप से एकेडमियों का है। जल की सीमितता देश के विकास में बाधक बन सकती है। यह समस्या दूर हो, यह काम भी निश्चित ही एकेडमियों का है।

उन्होंने कहा पूरे देश की आवश्यकता के बराबर पानी पश्चिमी राजस्थान की भूमि में खारे पानी के रूप में है। आज जिस रूप में नया कुछ एडऑन कर सकते हैं। उस दिशा में काम करने का चिंतन करने का काम आईआईटी का है। पानी का खारापन कम कर सकते हैं। यदि यह काम हम कर पाए तो मैं निश्चित रूप से कह सकता हूं कि आने वाले समय में देश की इकोनॉमी का ग्रोथ इंजन पश्चिमी राजस्थान बनेगा, क्योंकि इकोनॉमी का आगे बढ़ऩे के अन्य आधार भूमि की उपलब्धता, ऊर्जा,रॉ मैटेरियल,पूंजी, लॉजिस्टिक यह सब पश्चिमी राजस्थान में है। केवल पानी की कमी है। इसकी आपूर्ति हम कर सकते हैं तो आने वाले समय में दुनिया की इकोनॉमी को ग्रोथ इंजन पश्चिमी राजस्थान हो सकता है। आईआईटी, जोधपुर का दायित्व है कि वह इस दिशा में काम करे।

केन्द्रीय मंत्री ने वैज्ञानिकों का ऊर्जा नवीनीकरण के क्षेत्र में काम करने का भी आह्वान किया और कहा कि कुल ऊर्जा का 40 प्रतिशत भाग हम ग्रीन एनर्जी से ले रहे हैं। एनर्जी के मामले में दुनिया बदलाव के रास्ते में है। पॉवर स्टोरेज पर काम शुरू हो रहा है।

आईआईटी जैसे संस्थान का लोहा पूरी दुनिया मान रही है, लेकिन वर्तमान में शिक्षा की दिशा बदल गई। वर्तमान में भारत में शिक्षा पद्धति दो चीजों पर आधारित हो गई। एक याद करने की क्षमता और दूसरी गणना करने की कैपेसिटी। क्रिटिकल और एनालिटिकल सोच को बढ़ावा नहीं दिया जा रहा। नया काम करेगा तो गलती होगी, लेकिन हमारे यहां गलती की स्वीकार्यता धीरे-धीरे समाप्त हो गई। इसके चलते हमें जिस मुकाम पर पहुंचना था, वहां नहीं पहुंच पाए। आजादी के इस इस कालखंड में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नई शिक्षा नीति के साथ देश आगे बढ़ रहा है।

इस अवसर पर जल शक्ति मंत्रालय के सहयोग से आईआईटी में स्थापित किए गए सेंटर ऑफ सस्टेनेबल ड्रिंकिंग वॉटर का भी विधिवत उद्घाटन किया। शेखावत ने क्राफ्ट एग्जीबिशन का शुभारंभ किया। इसमें चालीस से अधिक क्राफ्ट्समैन ने अपने उत्पादों को प्रदर्शित किया। फिजिकल क्राफ्ट म्यूजियम का भी उद्धघाटन किया। आईआईटी जोधपुर एवं जोधपुर सिटी नॉलेज एण्ड इनोवेशन फाउन्डेशन की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान आईआईटी के निदेशक प्रो शांतनु चौधरी और उप निदेशक प्रो एसआर वडेरा,आईआईटी के शिक्षक, विद्यार्थी,अधिकारी डॉ जी एस टोटेजा सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे। आईआईटी के निदेशक प्रो शांतनु चौधरी ने स्वागत भाषण दिया।

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