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मुख्य अभियुक्तों की तलाश में पुलिस की टीमें लगी

  • तीन संदिग्ध नागौर में पकड़े
  • नेपाली जिस घर में ठहरे वहां से कुछ सामग्री मिली

जोधपुर,शहर के गोल्फ कोर्स इलाके में जहर खुरानी के शिकार हैण्डीक्राफ्ट व्यवसायी परिवार को लूटने वाले नेपाली नौकरों का सुराग अभी तक नहीं मिला है। पुलिस इनकी सरगर्मी से तलाश में लगी है। देश भर की पुलिस के साथ नेपाल बार्डर तक पुलिस की नजरें जमी हैं।

इधर पुलिस ने भागने वाले अभियुक्तों ने नागौर में जिस नेपाली परिचितों के यहां पर शरण ली उसमें दो तीन संदिग्ध को पकडऩे के साथ लूट की कुछ सामग्री को जब्त किया है। एसीपी पूर्व देरावर सिंह वहां पर इन नेपालियोंं से पूछताछ के साथ गहन जानकारी जुटाने में लगे हैं। डीसीपी पूर्व डॉ. अमृता दुहन ने बताया कि कुछ संदिग्ध नेपालियों से नागौर में पूछताछ चल रही है। जिस मकान ने नेपाली परिचितों के यहां पर ठहरे थे, वहां से कुछ सामग्री मिली है, जिस बारे में उनसे पता लगाया जा रहा है।

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डीसीपी डॉ. दुहन ने बताया कि मुख्य अभियुक्तोंं का पता लगाने के लिए पुलिस की टीमें बराबर नजरें गढ़ाए हुए हैं। इनकी लोकेशन का पता लगाकर पकडऩे का प्रयास जारी है। देशभर की पुलिस से संपर्क साधा हुआ है। नेपाल तक पुलिस की टीमों को लगाया गया है। कमिश्ररेट के जिला पूर्व एवं पश्चिम के सभी अधिकारियों को इसमें लगाया हुआ है। जल्द की मुख्य अभियुक्तों तक पकड़ बनाने की कोशिश चल रही है।

उल्लेखनीय है कि गोल्फ कोर्स इलाके में रहने वाले बिजनेसमैन अशोक चोपड़ा,उनकी बेटी और दो चालकों को फ्राइड राइज में नशा या नींद गोलियां देकर लूटपाट की गई थी। रविवार की सुुबह छोटी बेटी अंकिता ने वारदात की सूचना अपने पिता के बिजनेस पार्टनर केके विश्नोई को दी। उन्होंने एयरफोर्स थाना पुलिस को फोन किया, तब मामले का खुलासा हुआ। नौकरों ने व्यवसायी चोपड़ा और बेटी लवीना को पहले नींद की गोलियां दीं। इसके बाद 2 ड्राइवरों को खाने में नींद की गोलियां मिलाकर दे दी। चोपड़ा की माता और सात साल के दोहिते को बदमाशों ने बेहोश नहीं किया। इसमें महिला नौकरानी भी शामिल रहने की पूरी संभावना बनी है।

नेपाली नौकरों ने परिवार के चार लोगों को बेहोश करने के बाद घर में रखी ज्वैलरी और कैश लेकर फरार हो गए। चोर जाते वक्त अशोक चोपड़ा की कार भी अपने साथ ले गए। इनमें एक महिला नौकर लक्ष्मी भी है जो यहां 4 साल से काम कर रही थी। लक्ष्मी को अशोक चोपड़ा ने अपनी मां की देखभाल के लिए रखा था। बाकी नौकरों को 2 महीने पहले ही काम पर रखा था। नौकरों ने रिमोट से बाहर के गेट बंद कर दिए थे। कार नागौर के कुचामन में मिल गई थी। एक लेपटॉप, दो मोबाइल और एक तिजौरी को उन्होंने झाड़ियों में फेंक दिया था।

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