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मारवाड़ में एक साथ तीन मेलों पर उमड़े लाखों लोग

मारवाड़ में एक साथ तीन मेलों पर उमड़े लाखों लोग

जोधपुर, शहर और इसके आस पास सोमवार को तीन मेलों पर लाखों लोग उमड़े। लोकदेवता बाबा रामदेवजी, भगवान वीर तेजाजी और पर्यावरण के लिए 363 शहीदों व मां अमृता देवी की स्मृति में दशमी के दिन मसूरिया बाबा रामसापीर मंदिर, लूणावास भाकरी स्थित वीर तेजाजी मंदिर और खेजड़ली स्थित शहीदी स्थल पर संतों के सान्निध्य में मेला भरा।

मसूरिया मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्र चौहान ने बताया कि सोमवार को सुबह छह बजे 51 ज्योत से आरती और शाम को आरती के बाद भक्तों को 351 किलो का प्रसाद वितरित किया गया। संध्या आरती के बाद मेला समापन की घोषणा की गई। इसी प्रकार लूणावास भाकरी में वीर तेजाजी के मेले में दिनभर सत्संग, सभा और छात्रवृत्ति वितरण का आयोजन हुआ।

वीर तेजाजी युवा सेवा संस्थान के अध्यक्ष केसाराम तांडी, राणाराम सांगवा, राजेंद्र चौधरी, मूलाराम, इंद्राराम व बगताराम ने बताया कि यहां प्राचीन शिवालय व हिंगलाज माता का मंंदिर है, जहां पर 23 साल पूर्व वीर तेजाजी का मंदिर बनवाया गया। मेले में भीड़ को देखते हुए 500 युवाओं की टीम बनाने के साथ दस हजार वाहनों की पार्किंग एरिया डेवलप किया गया है।

इधर खेजड़ली शहीदी मेला सोमवार को सुबह साढ़े नौ बजे अखिल भारतीय जीव रक्षा विश्नोई सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नेतृत्व में ध्वजारोहण के साथ शुरू हुआ। खेजड़ली शहीदी राष्ट्रीय पर्यावरण संस्थान के अध्यक्ष मलखानसिंह विश्नोई ने बताया कि मेले में भक्तों के आने-जाने के लिए दो गेट बनाए गए। मेले में प्लास्टिक पर प्रतिबंध पूर्ण रूप से रखा गया, यज्ञ किया गया, पवित्र पाहल ग्रहण किया गया। रक्तदान शिविर,निःशुल्क पौधे वितरण, चिकित्सा व कॅरियर काउंसलिंग शिविर भी लगाया गया।

तीन हजार घायल जीवों का किया इलाज

पेड़ों की रक्षार्थ 363 शहीदों से प्रेरणा लेकर विश्नोई समाज ने जाजीवाल धोरा में 20 साल में 3 हजार बीमार व दुर्घटना में घायल हुए जीवों को ठीक कर जंगल में छोडऩे का काम किया। गुरु जंभेश्वर धर्मार्थ परमार्थ ट्रस्ट जाजीवाल धोरा के आचार्य स्वामी भागीरथ की देखरेख में विसुधानंद और उनके साथ वॉलियंटर्स व वेटेरनरी डॉक्टरों की टीम घायल वन्यजीवों का इलाज करती है। इसके अलावा रोजाना पांच हजार से अधिक वन्यजीव सुबह और शाम जाजीवाल धोरा पर आते हैं। इनके दाने-पानी, हरे चारे, मूंगफली, चना आदि की व्यवस्था पर्यावरणप्रेमियों द्वारा की जा रही है।

बाबा रामदेव का मेला

मसूरिया स्थित लोकदेवता बाबा रामदेव और उनके गुरु बालीनाथ की समाधि पर पिछले करीब 621 साल से अखंड ज्योत आज  नभी जल रही है।

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