उम्मेद अस्पताल में फिर हुई प्रसुता की मौत, डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप
- पुलिस में दी शिकायत
- समझाइश के बाद उठाया शव
जोधपुर, पश्चिमी राजस्थान के सबसे बड़े जनाना विंग उम्मेद अस्पताल में एक बार फिर से प्रसुता की मौत हो गई। कुछ रोज पहले भी आठ माह की गर्भवती चल बसी थी। इधर मंगलवार की रात को एक और प्रसुता की मौत हो गई। इससे परिजन बिफर गए और विरोध जताया गया। बाद में अस्पताल के डॉक्टर्स के खिलाफ खांडाफलसा थाने में शिकायत दी गई। आज सुबह महात्मा गांधी अस्पताल में परिजन ने शव को नहीं उठाया। दोपहर में समझाइश के बाद शव को उठाने के लिए राजी हुए। परिजन ने मुआवजा और डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग रखी।
जानकारी के अनुसार मंडोर स्थित निंबा निंबड़ी का रहने वाल सुनील मेघवाल 18 अप्रैल को अपनी शोभा को उम्मेद अस्पताल में दिखाने लाया था। जहां पर चेकअप कर उसका प्रसव सीजर से करना कहकर अगले दिन की बात की। मगर 19 अप्रैल को अस्पताल के डॉक्टर ने सीजर से प्रसव नहीं करवा कर नार्मल कर दिया। इससे शोभा की तबीयत बिगडऩे लग गई। तब परिजन ने वार्ड में मौजूद नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टर को कई बार बुलाया मगर वे नहीं आए। आखिरकार शोभा की शाम सात बजे तक मौत हो गई। उसके ऑक्सीजन चढ़ाने का प्रयास किया। मगर वह भी तकनीकि कारण ने नहीं चढ़ा पाए।
परिजन ने शोभा की मौत को लेकर डॉक्टर व स्टाफ को जिम्मेदार ठहराते हुए खांडाफलसा थाने में रिपोर्ट दी। पुलिस ने रिपोर्ट को शिकायत में रख जांच का आश्वासन दिया। शोभा के शव को रात में महात्मा गांधी अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया। आज सुबह काफी संख्या में मृतका के परिजन, रिश्तेदार और परिचित होकर विरोध जताने लगे और शव को उठाने से इंकार कर दिया। बाद में पुलिस और जिला प्रशासन की तरफ से की गई समझाइश पर वे शव को उठाने के लिए राजी हुए।
कुछ दिनों पहले ही उम्मेद अस्पताल में एक आठ माह की प्रसुता की मौत हुई थी। जिस पर भी परिजन ने डॉक्टरों पर इलाज में कोताही बरतने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दी थी।
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