क्लोजर कष्टकारी,एक-एक बूंद पानी सहेजें- शेखावत

क्लोजर कष्टकारी,एक-एक बूंद पानी सहेजें- शेखावत

  • केंद्रीय जलशक्ति मंत्री का राज्य सरकार पर कुप्रबंधन का आरोप
  • छोटे कारणों से 600 ट्यूबवेल बंद -चालूकर बूझा सकते हैं 6 लाख के कंठ की प्यास
  • शानदार बजट की घोषणा तो हमेशा होती है, लेकिन अमल शानदार हो, तब जनता को लाभ मिलता है

जोधपुर, स्थानीय सांसद और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गर्मी में क्लोजर को कष्टकारी बताया। उन्होंने जनता से अपील की कि एक-एक बूंद पानी बचाना और सहेजना हमारा कर्तव्य है। आज जो स्थिति है, हम पीने के पानी और घरेलू उपयोग की एक बूंद को जहां बचाया जा सकता है, वहां बचाने का प्रयास करें। तभी इस चुनौती से निपट सकते हैं। राज्य सरकार पर जनता जल योजना के ट्यूबवेलों के कुप्रबंधन का आरोप लगते हुए शेखावत ने कहा कि इन्हें तुरंत चालूकर लगभग 6 लाख आबादी के कंठ की प्यास तुरंत बुझाई जा सकती है।

शेखावत सोमवार को मीडिया से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मैंने तीन दिन शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रवास कर अनुभव किया कि बहुत गहरा दर्द लोगों का पानी को लेकर है। क्लोजर के साथ-साथ जिस तरह से कुप्रबंधन पेयजल को लेकर है, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में,वह भी चुनौती का बड़ा कारण है। जनता जल योजना के लगभग 600 ट्यूबवेल पिछले चार साल से बंद पड़े हैं, जिनको छोटी रिपेरिंग या बिजली बिल पेमेंट के साथ चालू किया जा सकता है। इनके लिए सरकार ने धनराशि मुहैया नहीं कराई। अब सरकार ने व्यवस्था में परिवर्तन कर उन्हें पीएचई को दिया है, लेकिन आज तीन महीने बीत जाने के बाद भी उन पर किसी तरह का नीतिगत निर्णय नहीं हो पाया है, जबकि इन ट्यूबवेलों से लगभग 6 लाख लोगों के कंठ की प्यास तुरंत बुझाई जा सकती है।

उन्होंने कहा कि जोधपुर में जो हमारी टोटल वाटर होल्डिंग कैपेसिटी है। शहर के तीनों रिजर्वायर सुरपुरा, कायलाना और तखतसागर को मिलाकर वो 30-32 दिन की होती है। ग्रामीण क्षेत्र में जितने भी आरडब्ल्यूएस हैं,उनको भी मिला लें तो हमारे पास 20-22 दिन की कैपेसिटी होती है। जोधपुर में पानी की आवक भी बहुत धीमी है। थर्ड फेस केनाल की घोषणा मुख्यमंत्री ने वर्ष 2018 में की थी। तब कहा था कि इसको हम अपने बजट और विदेशी सहायता से कराएंगे, लेकिन अब मैंने सुना है कि उसका टेंडर हुआ है। चार साल तक वह भी लटका था। शेखावत ने तंज कसा कि शानदार बजट की घोषणा तो हमेशा होती है, लेकिन उसका अमल शानदार हो, तब जनता को लाभ मिलता है, वो नहीं हो पाया।

उन्होंने कहा कि जोधपुर में आवश्यकता से पहले ही 25 प्रतिशत कम पानी आता है। फिर नहर टूट जाने के कारण जोधपुर में पानी पहुंचने में लगभग 10 दिन का विलंब हो गया है। आज जो परिस्थिति है हमको सप्लाई को रेगुलेट करके जितना पानी उपलब्ध है, उसमें काम करना पड़ेगा।

राजस्थान में बढ़ती दुष्कर्म की घटनाओं पर उन्हने ने कहा कि अस्पताल, पुलिस थाने, थाने के आवासीय परिसर, बाजार से लेकर मंदिर तक कहीं भी राजस्थान की बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। बेटियों पर हुए इस पाप और अत्याचार का घड़ा वर्ष 2023 में फूटने वाला है।

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