सशक्त नारी के लिये आयुर्वेदीय गुणवत्तापूर्ण आहार की आवश्यकता- प्रो.प्रजापति
- दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी गर्भोपक्रम सम्पन्न
- राज्य सरकार के 42 आयुर्वेद चिकित्सक एवं 45 आंचल प्रसूता केन्द्र के चिकित्सकों सहित 282 प्रतिभागियों ने लिया हिस्सा
जोधपुर,सशक्त नारी के लिये आयुर्वेदीय गुणवत्तापूर्ण आहार की आवश्यकता-प्रो.प्रजापति। डॉ.सर्व पल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर के संघटक महाविद्यालय पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ़ आयुर्वेद के स्नातकोत्तर प्रसूति तंत्र एवं स्त्री रोग विभाग एवं “काश्यपी आयुर्वेद गाएनेकोलॉजी आब्सटेट्रिक्स फाउंडेशन राजस्थान एसोसिएशन (केएजीओएफ) के संयुक्त तत्वाधान में “गर्भोपक्रम-2024”राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर के माननीय कुलपति प्रो. (वैद्य) प्रदीप कुमार प्रजापति एवं काश्यपी आयुर्वेद गाएनेकोलॉजी एवं आब्सटेट्रिक्स फाउंडेशन एसोसिएशन की राष्ट्रीय सचिव एवं विशिष्ट अतिथि प्रो.सुजाता कदम की गरिमामयी उपस्थिति में हुआ। राष्ट्रीय सेमीनार गर्भोपक्रम के समापन समारोह के कार्यक्रम के अध्यक्ष कुलपति प्रो. (वैद्य) प्रदीप कुमार प्रजापति ने कहा कि दो दिवसीय संगोष्ठी में देश के विभिन्न प्रान्तों से आए हुए विषय- विशेषज्ञों द्वारा गर्भधारण से पूर्व, गर्भाधान एवं सूतिका परिचर्या पर गूढ़-मन्थन हुआ,जो महिलाओं के स्वास्थ्य संवर्द्धन में उपयोगी होगा। इन शोध-कार्यों के माध्यम से समाज में स्वस्थ नारी एवं सशक्त नारी बनाने के लिये आयुर्वेद में कहे गये मूलभूत सिद्धान्तों को आधार मानकर आहार एवं औषध का युगानुरूप संदर्भ में प्रोटोकॉल शीघ्र ही तैयार किया जायेगा। इस प्रकार की सम्भाषा नियमित रूप से होनी चाहिये,जिसके द्वारा महिलाओं के स्वास्थ्य, मातृत्व और समाज में उनके योगदान पर ध्यान केन्द्रित किया जा सके। समाजिक हित में महिलाओं के स्वास्थ्य एवं वेलफेयर में सुधार करने की आवश्यकता है।
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कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि प्रो.कदम,अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान,नई दिल्ली ने कहा कि इस प्रकार के महिलाओं के स्वास्थ्य से सम्बन्धित संगोष्ठी का आयोजन बहु उपयोगी साबित होगा, जिससे मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को घटाया जा सकता है। सभी स्कूल, कॉलेज में अध्ययनरत छात्राओं के लिये जागरुकता शिविर लगाकर महिलाओं से सम्बन्धित रोग,शादी की उम्र,सन्तान उत्पन्न करने की उचित आयु आदि के बारे में जागरुकता कार्यक्रम किये जाने की आवश्यकता है,जिससे जन्म लेने वाले बच्चा गर्भावस्था,जन्मजात रोग,मधुमेह एवं मानसिक रोगों से ग्रसित नहीं होगा।
आयोजन सचिव प्रो.ए.नीलिमा रेडी ने बताया कि संगोष्ठी के दिवतीय दिन 2 प्लेनरी सेशन में 4 कीनोट स्पीकर एवं 6 पैरेलल सत्रों में 6 चेयरपर्सन तथा 6 कीनोट स्पीकर ने अपने व्याख्यान दिये। प्लेनरी सेशन के चेयरपर्सन प्रो. भारती कुमारंगलम विभागाध्यक्ष राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर प्रो. सुनीता जोशी विभागाध्यक्ष आयुर्वेद महाविद्यालय हैदराबाद थे। प्रो.जोशी ने अपने शोध पत्र में गर्भावस्था के दौरान होने वाले सामान्य मानसिक भावों के परिवर्तन एवं उसके उपचार में आयुर्वेद की महती भूमिका पर प्रकाश डाला। पैरेलेल सत्रों में प्रो.कामिनी धीमान डॉ.नरेंद्र मीणा,डॉ. सुरेश सोलंकी,डॉ.मीनाक्षी बघेल,डॉ. प्रेरणा चौधरी,डॉ.अंकिता चौधरी थे। अलग-अलग 6 थीम जैसे म्यूजिक थैरपी का गर्भ पर प्रभाव,सुखसाध्य प्रसव हेतु बस्ती,गर्भाधान संस्कार, गर्भिणी परिचर्या,गर्भ की जन्मजात विकृतियों आदि विषयों पर विभिन्न सेमीनार हाल में 81 विषय विशेषज्ञों एवं शोधार्थियों ने अपने शोध पत्रों का वाचन किया।
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दो दिवस में देश के विभिन्न हिस्सों से करीब 282 प्रतिभागियों के साथ 42 आयुर्वेदिक चिकित्सक व 45आंचल प्रसूता केन्द्रों के चिकित्सकों ने भाग लिया। प्रतिभागियों ने अपना फीडबैक देते हुए कहा कि यह सम्भाषा उनके चिकित्सकीय गुणवत्ता,ज्ञानवर्द्धन करने में पूर्णतः सफल रही। श्रेष्ठ शोध पत्र के लिये राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय,पपरोला प्रथम स्थान डॉ.शिवानी एवं द्वितीय स्थान डॉ. राजेन्द्र कौर तथा पोस्ट ग्रेजुएट इन्स्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद,जोधपुर की डॉ.पूजा खांडल ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। विश्वविद्यालय में उत्कृष्ट कार्य करने के लिये एसोसियेट प्रोफेसर डॉ. विजयपाल त्यागी,डॉ.राकेश कुमार शर्मा,डॉ.दिनेश रॉय को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया तथा सोलो इवेंट पार्टनर डाबर इण्डिया लिमिटेड को प्रशस्ति पत्र भेंट किया गया। सभी शोधपत्रों के द्वारा गर्भधारण से पूर्व, गर्भ स्वास्थ्य गर्भिणी परिचर्या,सूतिका परिचर्या पर गूढ़-मंथन किया गया। समापन समारोह के प्रारम्भ में कार्यक्रम के अध्यक्ष कुलपति प्रो. प्रजापति एवं काश्यपी आयुर्वेद गाएनेकोलॉजी एवं आब्सटेट्रिक्स फाउंडेशन एसोसिएशन की राष्ट्रीय सचिव प्रो.कदम,राजस्थान प्रदेश की अध्यक्षा प्रो.बी.पुष्पलता का प्राचार्य प्रो.महेन्द्र कुमार शर्मा,आयोजन सचिव प्रो.ए नीलिमा रेडी,संयुक्त सचिव डॉ. रश्मि शर्मा एवं डॉ.हेमन्त मेनारिया ने पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिन्ह देकर स्वागत अभिनन्दन किया। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में राजस्थान सहित महाराष्ट्र, गुजरात,कर्नाटक,केरल,उत्तर प्रदेश, नई दिल्ली,हिमाचल प्रदेश,तेलन्गाना, गोवा,पंजाब,उत्तराखंड,छत्तीसगढ़ एवं हरियाणा से विषय विशेषज्ञ, कुलसचिव,शोध अध्येतागण तथा राष्ट्रीय सेमिनार में पीजीआईए, होम्योपैथी,योग एवं नैचुरोपैथी महाविद्यालय के संकाय सदस्य एवं स्नातकोत्तर अध्येता उपस्थित थे। देश,प्रदेश एवं जोधपुर के मीडिया साथियों सहित सभी मंचासीन अतिथियों का प्रो.महेन्द्र कुमार शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन किया। मंच संचालन डॉ.आशा केपी एसोसियेट प्रोफेसर प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग,डॉ.हेमन्त राजपुरोहित ने किया।
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