• प्रतिनिधियों ने कठोर कदम उठाने पर सहयोग का दिया आश्वासन
  • राज्य में रोजाना 6 हजार पोजेटिब आ रहे हैं
  • अप्रैल माह में अब तक 161 मौत कोरोना से हो चुकी है
  • कोविड प्रोटोकाॅल की सख्ती से पालना करने में सहयोग करें
  • ग्रामीण क्षेत्र और युवा आबादी भी संक्रमण की शिकार हो रही है
  • एक वर्ष के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा लिए गए निर्णयों की सराहना की
  • 10वीं एवं 12वीं की परीक्षाओं को फिलहाल स्थगित किया गया है
  • 8 के विद्यार्थियों को 9वीं में, 9वीं को 10वीं तथा 11वीं को 12वीं कक्षा में प्रमोट करने का निर्णय
  • अस्पतालों में ऑक्सीजन की मांग 4 गुना तक बढ़ गई है

जयपुर,जोधपुर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि कोविड-19 महामारी से प्रदेश की जनता को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। हम लोगों को समझाइश कर और सख्ती करके अपनी जिम्मेदारी को निभाएंगे, जिसमें सभी संगठनों, धार्मिक- सामाजिक संस्थाओं, महत्वपूर्ण व्यक्तियों और आम लोगों के सहयोग की सख्त आवश्यकता है।

Everyone's cooperation is needed to fight the terrible phase of transition - Chief Minister

उन्होंने कहा कि प्रतिदिन लगभग 6 हजार पाॅजिटिव केस आने तथा केवल अप्रेल माह में ही 161 से अधिक मौतों से स्पष्ट है कि संक्रमण का यह दौर भयावह है। गहलोत बुधवार को राजनैतिक एवं धार्मिक-सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों तथा धर्मगुरूओं के साथ मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से संवाद कर रहे थे।

Everyone's cooperation is needed to fight the terrible phase of transition - Chief Minister उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमण की पहली लहर के दौरान आमजन स्वास्थ्य गाइडलाइन्स का समुचित पालन कर रहे थे, इसी कारण हम महामारी से बच पाए। इस बार जबकि संक्रमण अधिक तेजी से फैल रहा है, ज्यादा घातक है और कम उम्र के लोगों को भी चपेट में ले रहा है। इसके बावजूद आम लोगों ने कोविड प्रोटोकाॅल की पालना छोड़ दी है, यह गंभीर चिंता का विषय है।

मुख्यमंत्री ने सभी प्रतिष्ठित जनों से अपील की कि वे अपने प्रभाव में आने वालों से मास्क पहनने, सामाजिक दूरी रखने तथा हाथ धोने सहित कोविड प्रोटोकाॅल की हर जगह सख्ती से पालना करवाने में राज्य सरकार का सहयोग करें। उन्होंने कहा कि सरकार ने पर्याप्त चिकित्सकीय सुविधाओं की व्यवस्था की है, लेकिन आने वाले दिनों में संक्रमण के ज्यादा प्रसार से इन सुविधाओं पर भार बहुत अधिक बढ़ सकता है। इस वैश्विक महामारी से हम सब मिलकर ही मुकाबला कर सकते हैं।

संक्रमण की पहली और दूसरी लहर का तुलनात्मक अध्ययन करें

गहलोत ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति की गंभीरता के आकलन और प्रंबधन के लिए रणनीति बनाने के उद्देश्य से चिकित्सकों को कोरोना की पहली और दूसरी लहर में संक्रात्मकता, रोग की गंभीरता और मौतों का तुलनात्मक अध्ययन करने के निर्देश दिए। उन्होेंने कहा कि इस बार ग्रामीण क्षेत्र और युवा आबादी भी संक्रमण की शिकार हो रही है। उन्होंने कहा कि इस महामारी से जूझने की बड़ी जिम्मेदारी हम सब को मिल कर निभानी है।

संवाद में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के प्रतिनिधि डीके छंगाणी सहित अन्य सभी सामाजिक संगठनों, व्यापारी संघों, कर्मचारी संगठनों के नेताओं ने महामारी के प्रकोप से बचाव के लिए बीते एक वर्ष के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा लिए गए निर्णयों की सराहना की। सभी ने एक स्वर में संक्रमण की दूसरी लहर पर नियंत्रण के लिए कठोर कदम उठाने की अपील की।

उन्होंने कहा कि आम लोगों द्वारा कोविड प्रोटोकाॅल की पालना नहीं करने के कारण पैदा हुई गंभीर स्थिति पर नियंत्रण के लिए राज्य सरकार के सभी निर्णयों एवं दिशा-निर्देशों की पालना में उनके संगठन पूरा सहयोग करेंगे। तीन घंटे से अधिक अवधि तक चली इस बैठक को विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लाइव प्रसारित किया गया।

चिकित्सा मंत्री डाॅ. रघु शर्मा ने दूसरी लहर में अधिक संक्रात्मकता पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पिछली लहर के मुकाबले इस बार प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में आधारभूत ढ़ांचे और सुविधाओं की उपलब्धता अधिक है लेकिन आम जनता द्वारा कोविड अनुशासन की पालना नहीं करने से संक्रमण बहुत तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि यदि लोग लापरवाही करते रहेंगे तो सभी चिकित्सकीय इन्तजाम कम पड़ सकते हैं।

शिक्षा राज्यमंत्री श्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर द्वारा आयोजित की जाने वाली 10वीं एवं 12वीं की परीक्षाओं को फिलहाल स्थगित किया गया है। कक्षा 8 के विद्यार्थियों को 9वीं कक्षा, कक्षा 9 के विद्यार्थियोें को 10वीं तथा कक्षा 11 के विद्यार्थियों को 12वीं कक्षा में प्रमोट करने का निर्णय लिया है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्कूलों में अध्यापन कार्य फिलहाल बंद होने पर अध्यापकों को जागरूकता अभियान सहित कोविड प्रबंधन से जुड़े दायित्वों के निर्वहन की जिम्मेदारी दी जा सकती है। चिकित्सा राज्यमंत्री डाॅ. सुभाष गर्ग ने वीडियो कांफ्रेंस में शामिल विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार संक्रमण के नियंत्रण के लिए सभी संभव उपाय करेगी और उनको धरातल पर लागू करने के लिए सभी का सहयोग अपेक्षित है।

शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा वैभव गालरिया ने काॅन्फ्रेंस के दौरान कोरोना संक्रमण की स्थिति और प्रंबधन के उपायों पर प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि राजस्थान में संक्रमण की पाॅजिटिविटी दर 5.01 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत 5.32 प्रतिशत से बेहतर है। इसी प्रकार, प्रदेश में मृत्यु दर (0.78 प्रतिशत) भी, राष्ट्रीय औसत (1.24 प्रतिशत) से कम है। उन्होंने कहा कि चिंताजनक स्थिति यह है कि अप्रेल माह में अब तक 161 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है तथा पिछले कुछ दिनों के दौरान कोरोना रोगियों के लिए अस्पतालों में आॅक्सीजन की मांग 4 गुना तक बढ़ गई है।

इस दौरान मुख्य सचिव निरंजन आर्य, पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर, प्रमुख शासन सचिव गृह अभय कुमार, प्रमुख सचिव वित्त अखिल अरोरा, स्वायत्त शासन सचिव भवानी सिंह देथा, परिवहन आयुक्त महेन्द्र सोनी, शासन सचिव गृह सुरेश चन्द गुप्ता, अतिरिक्त निदेशक जनसम्पर्क राजपाल यादव, राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. राजा बाबू पंवार, एसएमएस मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. सुधीर भण्डारी, वरिष्ठ चिकित्सा विशेषज्ञ डाॅ. वीरेन्द्र सिंह सहित अन्य उच्च अधिकारी भी उपस्थित थे।