राजस्थान हाईकोर्ट से निवेशकों में बंधी उम्मीद, फंसे पैसे मिलने की आस

जोधपुर, राजस्थान उच्च न्यायालय ने आज आदर्श क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी से जुड़े निवेशकों की याचिकाओ पर सुनवाई करते हुए उसे निपटाने के आदेश नियुक्त लिक्विडेटर को दिए हैं। ऐसे में अब निवेशकों को उनकी डूबी रकम मिलने के आसार नजर आने लगे हैं।

उच्च न्यायालय ने देश के सबसे बड़े को-ऑपरेटिव घोटाले में अपनी जमा पूंजी लुटा चुके सैकड़ों निवेशकों को राहत प्रदान की है। आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी में निवेश कर चुके निवेशकों को अब अपनी राशि वापस मिलने की उम्मीद बंधी है। राजस्थान हाईकोर्ट ने संभवतया अब तक की सबसे बड़ी 1573 निवेशकों की याचिका का निस्तारण करते हुए इस मामले में नियुक्त लिक्विडेटर को इन निवेशकों का मामला नब्बे दिन में निपटाने का आदेश दिया।

संजीवनी में निवेशकों को दी थी राहत

राजस्थान उच्च न्यायालय ने कुछ दिन पूर्व संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के निवेशकों को इसी प्रकार राहत प्रदान की थी। अब उसी तर्ज पर आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी के 1573 निवेशकों को राहत प्रदान की है। हाईकोर्ट के न्यायाधीस दिनेश मेहता के समक्ष 1573 निवेशकों की तरफ से एडवोकेट गिरीश सांखला ने याचिका पेश कर बताया कि इन लोगों ने आदर्श क्रेडिट कोआपरेटिव सोसायटी में निवेश किया था।

घोटाले के बाद पूजी अटकी

यह भी ध्यान रहे कि घोटाले के बाद यह सोसायटी बंद हो गई। इसके बाद निवेशकों की पूंजी अटक गई। जबकि सरकार इस मामले में लिक्विडेटर नियुक्त कर चुकी है। ताकि निवेशकों का पैसा लौटाया जा सके लेकिन बार-बार आग्रह करने के बावजूद लिक्विडेटर की तरफ से इन निवेशकों के मामले का निस्तारण नहीं किया जा रहा है। जबकि कुछ अन्य निवेशकों को उनकी राशि का भुगतान कर दिया गया। न्यायाधीश दिनेश मेहता ने दोनों पक्ष को सुनने के बाद लिक्विडेटर को आदेश दिया कि इन लोगों से जुड़े मामले का नब्बे दिन के भीतर समाधान किया जाए।

14682 करोड़ का घोटाला

स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने राजस्थान की ऐसी 3 क्रेडिट सोसाइटियों आदर्श, संजीवनी और नवजीवन क्रेडिट सोसाइटी के खिलाफ कुल 96 हजार पेज की चार्जशीट पेश कर रखी है। इन तीन सोसायटी के संचालकों ने करीब सत्रह हजार करोड़ रुपए का घोटाला किया। इनमें से सबसे बड़ा 14682 करोड़ का घोटाला आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी का है। जबकि संजीवनी में 1100 करोड़ व नवजीवन में पांच सौ करोड़ रुपए का घोटाला किया गया।

ऊंची ब्याज पर राशि, 28 राज्यों में खोली शाखाएं

आदर्श क्रेडिट सोसाइटी ने 28 राज्यों में 806 शाखाएं खोलीं, इनमें से 309 राजस्थान में थी। लोगों को झांसा दिया कि उनकी निवेश की हुई रकम कंपनियों व लोगों को रकम की ऊंची ब्याज दर पर लोन के रूप में दिया जा रहा है। मगर निवेशकों की रकम घोटाले के चलते फंस गई।

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