नाटक ‘हमारी नीता की शादी’ ने दर्शकों को गुदगुदाया
-जोधपुर इंटरनेशनल थिएटर फेस्टिवल
– रंगमंच की प्रतिबद्धता और युवा पीढ़ी’ विषय पर हुआ रंग मंथन
जोधपुर,अंतराष्ट्रीय थियेटर फेस्टिवल के चौथे दिन ‘रंगमंच की प्रतिबद्धता और युवा पीढ़ी’ विषय पर मंथन और शाम को मुम्बई से वीणा बक्शी के निर्देशन में नाटक ‘हमारी नीता की शादी’ का मंचन किया गया। नाटक में जिसमें भारतीय फिल्म एवं रंगमंच जगत की मशहूर अदाकारा प्रीता माथुर ने किया अभिनय। राजस्थान संगीत नाटक अकादमी,जोधपुर द्वारा आयोजित जोधपुर इंटरनेशनल थियेटर फेस्टिवल के चौथे दिन रंगमन्थन टॉक शो में रंगमंच की प्रतिबद्धता और युवा पीढ़ी विषय पर सार्थक संवाद अयोजित हुआ जिसमें राज्य मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष रमेश बोराणा,दौलत वैद से युवा रंगकर्मी अभिषेक मुद्गल ने रंगमंच की प्रतिबद्धता को लेकर हुई इस बातचीत में रमेश बोराणा ने अपने पूरे जीवन भर रंगमंच के प्रति प्रतिबंधित रहने को बहुत ही सुंदर अंदाज में अपने रामलीला के किस्से से युवा कलाकारों को प्रेरणा दी। दौलत वैद्य ने अपने 15 देशों के कार्यों का वर्णन करते हुए रंगमंच की प्रतिबद्धता का एक उदाहरण रखा। अभिषेक मुद्गल ने आने वाली युवा पीढ़ी को हम किस तरह रंगमंच की प्रतिबद्धता के लिए प्रेरित करें इस पर सवाल किए। रंग मंथन में बीएम व्यास तथा कवि दिनेश सिंदल ने वैचारिक की बजाय रचनात्मक प्रतिबद्धता पर ज़ोर दिया।
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हमारी नीता की शादी राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माता,वीना बख्शी द्वारा लिखित, 90 मिनट का हास्य नाटक है,जो शादी के एक दिन पहले भारतीय जुनून पर एक नज़र डालता है। कावेरी और दशरथ,एक उच्च सामाजिक वर्ग में जाते हुए मुंबई वासी,जो मूल रूप से यूपी से हैं। जब उनकी बेटी की शादी की बात आती है तो अचानक उन्हें यूपी की जड़ें याद आ जाती हैं। वे अपनी बेटी नीता की सुंदर शादी करवाने के लिए दृढ़ हैं, जिसमें कावेरी सबसे उत्तम पार्टी, भोजन और सजावट के लिए प्रयास कर रही है। जिसके बारे में आने वाले वर्षों में उनके सामाजिक सेट के बारे में बात की जाएगी। पूरे घर,दोस्तों, मिश्रित घरेलू नौकर,एक हमेशा दखलअंदाजी करने वाले अंकल,सभी को कावेरी द्वारा एक आदर्श पारंपरिक -दर-किताब की शादी के लिए तैनात किया गया है! पैदा होने के बाद से मुंबई में रहने वाली दुल्हन बेखबर है और उन परंपराओं की कम परवाह नहीं कर सकती है जिन्हें उसकी मां ने अचानक बहुत महत्वपूर्ण पाया है। यहां तक कि दशरथ और पुत्र आलोक कावेरी के सटीक मानकों का पालन करने की कोशिश करते हैं। दुल्हन खुद शादी से ठीक पहले हल्दी के दिन इस प्रमुख कार्य में प्रगति करती है।
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नीता,जो उर्ब्सप्राइमा के तमाम शोर-शराबे और भोग-विलास में पली-बढ़ी है,उसे अब ऐसे काम करने और ऐसी रस्में निभाने को कहा जा रहा है,जो उसने कभी देखी या सुनी नहीं थीं। वास्तव में वह अपनी माँ को उसी व्यक्ति के रूप में नहीं पहचान पा रही है जिसे वह अपने जीवन के 24 वर्षों से जानती है। हल्दी के लिए पीली सूती साड़ी चुनने पर वह अपनी मां से नाराज है। भगवान के लिए,उसके दोस्त क्या कहेंगे और फिर दूल्हा और दुल्हन के लिए प्रमुख विवाह स्थल और विशेष गाड़ी नहीं मिलना बहुत ज्यादा है लेकिन कावेरी मास्टर माइंडिंग ऑपरेशंस में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी जिसे वह अब जीवन में अपनी प्रमुख परियोजना के रूप में मानती है अपनी बेटी की शादी। दशरथ अपनी पत्नी की दृष्टि के साथ जाने के लिए खुश हैं और उनके सुझावों को कभी-कभी बॉस द्वारा स्वीकार किया जाता है। बेचारा आलोक बॉस और दुल्हन के बीच थोड़ा परेशान है। नीता का हल-शादी का बहिष्कार करने का नायाब तरीका ढूंढो क्या शादी बिल्कुल होगी? क्या दो पीढ़ियां विवेक के लिए बीच का रास्ता ढूढ़ेंगी?
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नाटक की टीम में स्क्रिप्ट और डायरेक्शन-वीना बख्शी,वेशभूषा- ऋचा शरद,साउंडस्केप-अमन गुप्ता,सेट डिजाइन-धनेंद्र कवाडे, मैनेजमेंट और प्रोडक्शन-प्रीता माथुर ठाकुर। नाटक में भाग लेने वाले कलाकारों में प्रीता माथुर ठाकुर, अमन गुप्ता,शंकर अय्यर,महती रमेश, बुरहानुद्दीन टोपीवाला,जावेद रहमान, मणि पिल्लई,रजत यादव शुभांशित प्रियदर्शी। नाटक में लाइट्स-शिवाजी शिंदे एवं साउंड -विशाल कांबले का था।
समारोह में 22 मार्च को सुबह होटल घूमर में प्रातः 11 बजे विख्यात निदेशक भानु भारती एवं अतुल सत्य कौशिक से ‘नाट्य निर्देशन के बदलते स्वरूप’ विषय पर संवाद करेंगे अरु व्यास एवं शाम 7 बजे खेला जाएगा मुम्बई से आये अतुल सत्य कौशिक निर्देशित एवं मशहूर अभिनेता अनूप सोनी अभिनीत नाटक बालीगंज।
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