Doordrishti News Logo

जोधपुर, महाराजा मानसिंह पुस्तक प्रकाश शोध केन्द्र , बाबा रामदेव शोधपीठ , राजस्थानी विभाग एवं इण्टैक जोधपुर चैप्टर के संयुक्त तत्वावधान में विश्व मातृ भाषा दिवस के अवसर पर “ प्राथमिक शिक्षा में मायड़ भाषा रौ मैतव ” विषयक कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर राजस्थानी भाषा संवैधानिक मान्यता की हकदार – जस्टिस भाटी राजस्थानी भाषा , साहित्य एवं कला के क्षेत्र की दस प्रतिभाओं का हुआ सम्मान

Rajasthani language deserves constitutional recognition - Justice Bhatiजोधपुर, राजस्थानी भाषा संविधानिक मान्यता की हकदार है, उसे संविधान की आठवीं अनुसूची में स्थान मिलना ही चाहिए। विविधता में एकता इस देश की विशिष्ट विशेषता है जिसकी वजह से पूरी दुनिया में भारत की अपनी अलग पहचान है। राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति के गौरवशाली इतिहास को देखते हुए राजस्थानी भाषा को संविधानिक मान्यता मिलनी ही चाहिए। राजस्थानी भाषा को संविधान में स्थान दिलाना मुश्किल नहीं है।

Rajasthani language deserves constitutional recognition - Justice Bhatiइसके लिए प्रयास लगातार होना चाहिए। वो दिन दूर नहीं जब राजस्थानी भाषा संविधान की आठवीं अनुसुची में 23 वां स्थान अवश्य प्राप्त करेगी । मातृ भाषा में व्यक्ति अपनी मन की भावनाओं को सुन्दर तरीके से व्यक्त कर सकता है। देश की रक्षा के लिए राजस्थान के अनगिनत सपूतों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया फिर भी उन शहीदों की मातृ भाषा को संवैधानिक मान्यता नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है।

यह विचार राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश डॉ . पुष्पेन्द्रसिंह भाटी ने अपने मुख्य आतिथ्य उद्बोधन में महाराजा मानसिंह पुस्तक प्रकाश शोध केन्द्र , मेहरानगढ़, बाबा रामदेव शोधपीठ , राजस्थानी विभाग जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय एवं इण्टैक जोधपुर चैप्टर के संयुक्त तत्वावधान में ” प्राथमिक शिक्षा में मायड़ भाषा रौ मैतव ” विषयक कार्यक्रम में व्यक्त किये। समारोह अध्यक्ष जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो . डॉ प्रवीणचन्द्र त्रिवेदी ने कहा कि बच्चों को मातृ भाषा सीखने की प्रेरणा देनी चाहिए। हालांकि सभी भाषाएँ समृद्ध हैं और हमें सभी भाषाओं का सम्मान करना चाहिए, मगर मातृ भाषा अनमोल है। मातृ भाषा से जुड़ने का मतलब है अपनी जड़ों से जुड़ना।

आदमी कितना भी बड़ा क्यों न हो जाए,अगर वो अपनी मातृ भाषा और मातृ भूमि से जुड़ा हुआ नहीं है तो उसकी सारी उपब्धियां बेकार हैं। राजस्थानी समाज को अपनी मातृ भाषा को सदैव महत्व देना होगा और संवैधानिक मान्यता के प्रयास करने होंगे। हमें लोगों को प्रोत्साहित करना होगा। मातृ भाषा ही सारे समाज को एक कड़ी में जोड़ने का कार्य करती है । इस अवसर पर उन्होंने अनेक उदाहरण देकर मातृ भाषा का महत्व उजागर किया।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता कवि आलोचक डॉ आईदान सिंह भाटी ने प्राथमिक शिक्षा में मातृ भाषा का महत्व प्रकट करते हुए कहा कि बच्चों को मातृ भाषा में शिक्षा देकर हम परिवेश को बदल सकते हैं। प्राथमिक शिक्षा में मातृ भाषा को लाने के लिए लोक प्रचलित शब्दावली, उच्चारण तथा व्याकरण की विशिष्टता के साथ आधुनिक बोध को स्वीकार करना होगा। मातृ भाषा में शिक्षा से ही बच्चों का मानसिक विकास संभव है। क्योंकि जब एक अबोध बालक प्रथम बार स्कूल जाता है तब उसे वो भाषा सुनने को नहीं मिलती जो उसे घर में सुनने को मिलती है। इस कारण बालक भ्रमित हो जाता है। मातृ भाषा के ज्ञान के लिए आंचलिकता से जुड़ना बहुत आवश्यक है।

विदेशी शिक्षा की शब्दावली और मातृ भाषा की शब्दावली अलग-अलग होती है। अतः वो बालक तोते की तरह उस भाषा को रट तो लेता है मगर उसे व्यवहारिकरूप में समझ नहीं पाता। डॉ भाटी ने इस अवसर पर राजस्थानी काव्य रचना प्रस्तुत कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। महाराजा मानसिंह पुस्तक प्रकाश शोध केन्द्र के विभागाध्यक्ष डॉ महेन्द्रसिंह तंवर एवं बाबा रामदेव शोधपीठ के निदेशक डॉ गजेसिंह राजपुरोहित ने बताया कि कार्यक्रम का प्रारम्भ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलन एवं पुष्पांजलि से हुआ। तत्पश्चात् सभी अतिथियों का माल्यार्पण एवं साफा पहनाकर स्वागत किया गया।

डॉ महेन्द्र सिंह तंवर ने अपने स्वागत उद्बोधन में सभी अतिथियों एवं गणमान्य नागरिकों का सभी आयोजकों की ओर से स्वागत किया। उन्होंने पूर्व नरेश गजसिंह की ओर से इस अवसर पर दी गई शुभकामनाओं से अवगत कराया। महाराजा मानसिंह पुस्तक प्रकाश द्वारा राजस्थानी भाषा के संवर्द्धन एवं संरक्षण के लिए किये जा रहे कार्यक्रमों से अवगत कराया। डॉ गजेसिंह राजपुरोहित ने वर्तमान में राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए किए जाने वाले प्रयासों से अवगत कराया। बाबा रामदेव शोधपीठ के निदेशक डॉ गजेसिंह राजपुरोहित ने बताया कि इस समारोह में राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं कला के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले ख्यातनाम रचनाकार ठाकुर नाहर सिंह जसोल, डॉ मनोहर सिंह राठौड़,डॉ जेबा रशीद, चाँदकौर जोशी, बसन्ती पंवार, श्याम सुन्दर भारती, किशन गोपाल जोशी, डॉ भवानी सिंह पातावत, डॉ इन्द्रदान चारण एवं सीमा राठौड़ का सम्मान किया गया।

कुलपति का सम्मान राजस्थानी भाषा एवं साहित्य से सम्बन्धित राजभवन में राजस्थानी गैलेरी स्थापित करवाने पर राजस्थानी साहित्यकारों द्वारा जना व्यास के कुलपति प्रो पीसी त्रिवेदी का माल्यार्पण कर भव्य स्वागत किया गया। राजस्थानी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ मीनाक्षी बोराणा द्वारा सभी मेहमानों का धन्यवाद व्यक्त किया। संचालन डॉ गजेसिंह निम्बोल ने किया। अन्त में अतिथियों को पुस्तक प्रकाश द्वारा प्रकाशित पुस्तकों के सेट भेंट किये गये।

इस संगोष्ठी में प्रो जहूर खाँ मेहर, गोपालसिंह भाटी, डॉ भंवरलाल सुथार, मोहन सिंह रतनू, गिरधरदान दासोड़ी, सत्यदेव संवितेन्द्र, जेएम बूब,डॉ शक्ति सिंह खाखड़की, किशन सिंह गिलाकौर, डॉ भूपेन्द्र सिंह सोढ़ा, डॉ सुखदेव राव, मदनलाल जांगिड़, रतन सिंह चांपावत, घनश्याम सिंह राठौड़, कैलाश दान लाळस,डॉ धनंजया अमरावत, कप्तान बोरावड़, किरण राजपुरोहित, रीना भाटी, सवाई सिंह महिया, जितेन्द्र सिंह, माधव राठौड़, ओमकंवर, डॉ गौतम अरोड़ा, डॉ रणजीत सिंह चौहान, विरेन्द्र सिंह, इन्द्रजीत शर्मा, प्रमोद सिंह, हुकम सिंह, मनोहर सिंह मुकेश डागा, मनोज सिंह सहित राजस्थानी भाषा प्रेमी, शोधार्थी, विद्यार्थी एवं गणमान्य नागरिक सम्मिलित थे।

Related posts:

मारपीट कर दो लाख रुपए छीनने का आरोप

November 20, 2025

सर्विस बुक की अनुपलब्धता पेंशन में बाधक नहीं

November 20, 2025

यूको बैंक एटीएम से शातिरों ने उपकरण लगाकर ग्राहकों के फंसे 9 हजार निकाले

November 20, 2025

पानी की मोटर चुराने के बाद अन्य घटना करने वाले थे: तीन महिला सहित चार गिरफ्तार

November 19, 2025

अवैध बजरी खनन एवं परिवहन में वांटेड गिरफ्तार,टॉप टेन में चयनित

November 19, 2025

कांस्टेबल पर गाड़ी चढ़ाकर जान से मारने की नीयत का मामला: मुंबई की युवती सहित चार गिरफ्तार

November 19, 2025

उत्तर पश्चिम रेलवे को चालू वित्त वर्ष में 4,780 करोड़ रुपए का रिकॉर्ड राजस्व

November 19, 2025

आयुर्वेद की शक्ति शास्त्राध्ययन और अनुसंधान में निहित-प्रो.गौड़

November 19, 2025

चुटकियों में धुलने लगी ट्रेन,भगत की कोठी में लगा ऑटोमेटिक कोच वाशिंग प्लांट

November 19, 2025