बाल विवाह रोकथाम के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त

जोधपुर, जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट हिमांशु गुप्ता ने जिले के ग्रामीण अंचलों में अक्षय तृतीया के पर्व पर अबूझ सावे पर बड़ी संख्या में बाल विवाह होने की सम्भावना को देखते हुए बाल विवाहों के आयोजन की प्रभावी रोकथाम, बाल विवाहों से उत्पन्न बालक एवं बालिकाओं के स्वास्थ्य को होने वाले खतरे की आंशका के दृष्टिगत महिला एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है।

आदेश के तहत जिले में मुद्रण कार्य करने वाले समस्त व्यक्तियों को उनके द्वारा विवाह के लिए मुद्रित किए जाने वाले निमंत्रण पत्रों के संबंध में वर-वधू की आयु संबंधित प्रमाण पत्र प्राप्त कर जन्म तिथि का अंकन निमंत्रण पत्रों पर करने तथा निमंत्रण पत्रों की एक प्रति संबंधित उपखण्ड अधिकारी के कार्यालय में प्रस्तुत करने के निर्देश जारी किए गए हैं।

बाल विवाह के आयोजन किए जाने की स्थिति में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की धारा 16 के तहत नियुक्त बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारियों (उपखण्ड मजिस्ट्रेट) की जवाबदेही नियत होगी।

आदेश के तहत जिले में होने वाले सामूहिक विवाह सम्मेलनों के आयोजक सामूहिक विवाह के पंजीबद्ध होने वाले जोड़ों (वर-वधुओं) की जन्म तिथी बाबत रेकार्ड लेंगे, संधारण करेंगे एवं समस्त संकलित सूचना संबंधित उप खण्ड अधिकारी को सामूहिक विवाह की आयोजन तिथि से सात दिवस पूर्व दिया जाना सुनिश्चित करेंगे।

यह भी निर्देश दिए गए हैं कि बाल विवाह की प्रभावी रोकथाम जिला स्तर पुलिस अधीक्षक,जोधपुर एवं उप निदेशक, महिला एवं बाल विकास विभाग, जोधपुर में तथा सभी उपखण्ड मजिस्ट्रेट कार्यालय में नियंत्रण कक्ष (24 घण्टे कार्यशील) स्थापित किये जायें। पुलिस अधीक्षक अपने अधीनस्थ कार्यालय व थानों में भी नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाना सुनिश्चित करेंगे। इस आदेश के अवहेलना करने पर धारा 188 भारतीय दण्ड संहिता के तहत दण्डनीय अपराध होगा।

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