दानपुण्य का पवित्र पर्व मकर संक्रांति मनाया जा रहा धूमधाम से

दानपुण्य का पवित्र पर्व मकर संक्रांति मनाया जा रहा धूमधाम से

सूर्यदेव का उत्तरायण प्रवेश, पवित्र जलाशयों मेंं लोगों ने लगाई डुबकियां

जोधपुर, दान पुण्य का पवित्र त्योहार मकर संक्रांति आज शहर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। लोगों ने सुबह जल्दी उठकर आज पवित्र जलाशयों में डुबकियां लगा कर सूर्यदेव का अर्ध्य देकर मंगल कामना की। बाद में ठाकुरजी मंदिरों में दर्शन के बाद तिल और गुड़ से बनी चीजों का दान भी किया। रिश्तेदारों और परिचितों को तेरूंदा भेजने की परपंरा का निर्वाहन भी किया गया। आज सूर्यदेव का दोपहर में दक्षिणायान से उत्तरायण हो गया। शीत में समस्त जीवधारी परेशान रहते है। सूर्यदेव के उत्तरायण होने से मृत्यु प्राप्त करने वाले शरीर को मोक्ष प्राप्त होता है, ऐसा पौराणिक कथाओं में कहा गया है। सूर्यदेव के उत्तरायण के साथ ही सर्दी का प्रभाव भी धीरे धीरे कम होने लगता है। पेड़ पौधों पर नव पल्लव प्रस्फुटित होतेे हैं।

दानपुण्य का पवित्र पर्व मकर संक्रांति मनाया जा रहा धूमधाम से

सूर्यनगरी में आज सुबह से ही मकर संक्रांति का उल्लास छाया हुआ है। परंपरानुसार मान्यता है कि इस दिन से सूर्यदेव अपने पुत्र शनि की राशि मकर में प्रवेश करते है। वे अपने गुरू वृहस्पति का त्याग कर पुत्र के घर विराजते है। इसके साथ ही मांगलिक कार्यक्रमों आयोजन शुरू होने के साथ खरमास या मळमास की समाप्ति होती है। घरों में इस दिन तिल और गुड़ की बनी चीजों का विशेष रूप से सेवन किया जाता है। घरों में तेल जलाने की परपंरानुसार पकौड़े आदि व्यजंन बनाए जाते है।

मंदिरों पर लगा दानदाताओं का मजमा

मकर संक्रांति दानपुण्य का पवित्र त्योहार होने से लोगबाग काफी दान पुण्य कमाते है। वे मंदिरों में दर्शन के उपरांत बाहर बैठे भिखारियों को दान पुण्य करते हैं। उन्हें तिल और गुड़ से बने उत्पाद दान स्वरूप दिए जाते हैं।

कई जगहों पर होती है पतंगबाजी

मकर संक्रांति पर ही कई स्थानों पर पतंगबाजी का चलन रहा है। राजधानी जयपुर के साथ अहमदाबाद में पतंगबाजी इस दिन चरम पर रहती है। जोधपुर शहर में इसका चलन नहीं है। मगर अब इक्कादुक्का लोग छतों पर पतंग उड़ाते देखे जा सकते हैं।

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