अन्तराज्यीय शातिर वाहन चोर पकड़ा, पांच इको और दो अल्टो कारें बरामद

महाराष्ट्र और जोधपुर कमिश्ररेट सीएसटी का खुलासा

जोधपुर, कमिश्नरेट स्पेशल टीम (सीएसटी) व क्राइम ब्रांच प्रथम काशीमीरा (एमबीवीवी) महाराष्ट्र ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए अंतरराज्यीय शातिर वाहन चोर भंवरदास वैष्णव उर्फ सेठजी सहित दो को गिरफ्तार करते हुए उनके कब्जे से पांच इको कार व दो अल्टो कार बरामद की है।

सीएसटी प्रभारी पुलिस निरीक्षक भारत रावत ने बताया है कि पुलिस आयुक्त जोस मोहन के अदेशानुसार व पुलिस उपायुक्त अपराध राजकुमार चौधरी के दिशा निर्देशन में शहर में चोरी के वाहन रखने वालों की धरपकड़ के लिए सीएसटी टीम द्वारा विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसी अभियान की कड़ी में क्राइम ब्रांच प्रथम काशीमीरा भयंदर वसयी विरार आयुक्तालय (एमबीवीवी) महाराष्ट्र के पीएसआई पुष्पराज सुर्वे ने कमिश्नरेट स्पेशल टीम (सीएसटी) को सूचित किया कि मीरा भयंदर वसयी विरार आयुक्तालय का वांटेड शातिर वाहन चोर भंवरदास उर्फ सेठजी लम्बे समय से फरार है और वर्तमान में उक्त वांटेड जोधपुर के सांगरिया क्षेत्र में किराए के मकान में रह रहा है और वह अपना ठिकाना लगातार बदलता रहता है।

अन्तराज्यीय शातिर वाहन चोर पकड़ा, पांच इको और दो अल्टो कारें बरामद

वर्ष 2017-18 से लगातार महाराष्ट्र व गुजरात पुलिस उक्त आरोपी को पकड़ऩे का हरसंभव प्रयास कर रही है,लेकिन हर बार आरोपी पुलिस को चकमा देकर फरार हो जाता है। वांटेड को पकड़ने के लिए सीएसटी प्रभारी पुलिस निरीक्षक भारत रावत ने एएसआई प्रकाश, हैड कांस्टेबल गंगासिंह, कांस्टेबल इमरान खान, थानाराम, तेजाराम, शैतानाराम, प्रेमाराम व बिशनाराम को निर्देशित किया। जिसके बाद सीएसटी टीम ने वांटेड के हुलिए एवं उसके संभावित ठिकानों पर लगातार निगरानी रखकर क्राइम ब्रांच प्रथम काशीमीरा (एमबीवीवी) महाराष्ट्र के साथ मिलकर वांटेड मूलत: पाली जिले के सिवास हाल बासनी थानान्तर्गत सांगरिया के राधा सत्संग स्वामी नगर में किराए के मकान में रहने वाले 52 वर्षीय भंवरदास उर्फ सेठजी पुत्र हरीदास वैष्णव को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है।

50 मामले दर्ज, 25 मामलों में वांछित

सीएसटी व एमबीवीवी टीम की प्रारंभिक पूछताछ में अंतरराज्यीय शातिर वाहन चोर भंवरदास उर्फ सेठजी ने बताया कि उसके खिलाफ राजस्थान, गुजरात व महाराष्ट्र राज्यों के विभिन्न जिलों में वाहन चोरी, धोखाधडी व गाडिय़ों के फर्जी दस्तावेज तैयार करने के करीब 45 से 50 मामले दर्ज हैं। जिनमें से वर्तमान समय में 20 से 25 मामलों में वह वांछित चल रहा था।

चोरी की गाडिय़ां जोधपुर के जितेंद्र सिंधी को देता था

पूछताछ में भंवरदास उर्फ सेठजी ने बताया कि चोरी की हुई गाडिय़ां वह मूलत: चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थानान्तर्गत रामनगर हाल बोरानाडा थानान्तर्गत फ्लैट नंबर 105, शिव गौरी अपार्टमेंट, झंवर रोड निवासी 42 वर्षीय जितेंद्र पुत्र तीर्थदास सिंधी को देता था। जिसके बाद सीएसटी व क्राइम ब्रांच की टीम ने अंतरराज्यीय शातिर वाहन चोर भंवरदास उर्फ सेठजी के बताए गए ठिकाने के आधार पर दबिश देकर जितेंद्र सिंधी को धर दबोचा। पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में जितेंद्र सिंधी ने बताया कि उसके खिलाफ पूर्व में धोखाधडी व गाडी के फर्जी कागज तैयार करने के चार मामले दर्ज हैं।

सात गाडिय़ां बरामद

सीएसटी व क्राइम ब्रांच टीम ने पकड़े गए अंतररज्यीय शातिर वाहन चोर भंवरदास उर्फ सेठजी व जितेंद्र सिंधी की निशानदेही पर चोरी की गई 5 ईको कार व 2 अल्टो कार बरामद की है। आरोपियों ने दो गाड़ी बेचना बताया है। इनमें से एक अजमेर व एक गाड़ी जालोर जिले के रानीवाड़ा में देना बताया है।

कई गाडिय़ों की फर्जी आरसी और संदिग्ध सामग्री जब्त

सीएसटी व क्राइम ब्रांच की टीम को भंवरदास वैष्णव उर्फ सेठजी के सांगरिया क्षेत्र  में किराए पर लिए गए कमरे में से संदिग्ध सामान मिले हैं। इनमें 35 वाहन रजिस्ट्रेशन कागजात (आरसी), 56 विभिन्न वाहनों की चाबियां, 17 विभिन्न वाहनों के तोड़े हुए लॉक, 10 इंजन एवं चैसिस नंबर की एल्यूमिनियिम की पट्टियां, इंडिगो, टाटा, मारूति के स्टीकर, रेबिट मशीन नंबर प्लेट कसने के लिए, चाबी बनाने के उपकरण, ड्रिल मशीन, इलेक्ट्रीक पेचकश, एक टॉर्च, पेन ड्राइव, दो स्वयं के नाम के फास्ट टैग। पहले चुराते गाड़ी और फिर हुलिया बदलकर बेच देते थे।

पूछताछ में हुआ बड़ा खुलासा, बस और ट्रेन से आता जाता

सीएसटी व क्राइम ब्रांच टीम की संयुक्त पूछताछ में आरोपी भंवरदास उर्फ सेठजी ने बताया है कि मेरे पास चोरी की गाड़ी की डिमांड आने पर मैं जोधपुर से बस या ट्रेन में मुंबई या अहमदाबाद जाता हूं। इस दौरान मैं अपने साथ लीगल गाड़ी की नंबर प्लेट बैग में साथ लेकर जाता हूं। मुंबई पहुंचने के बाद मैं व अब्दुल दोनो मिलकर रैकी करते हैं। गाड़ी नजर आने पर जब लगता है कि गाड़ी एक ही स्थान पर लगातार दो से तीन दिन से पड़ी है, तो मौका देखकर पेचकश की सहायता से गाड़ी की फ्यूल टैंकी का लॉक तोडक़र अपने साथ ले जाते है। फिर किसी सूनसान जगह रूककर अपने साथ रखे औजारों से डुप्लीकेट चाबी बना लेते है।

फ्यूल टंकी की चाबी व गाड़ी स्टार्ट करने वाली चाबी एक समान होती है। डुप्लीकेट चाबी से गाड़ी का लॉक खोलकर गाड़ी चुरा लेते है। फिर वहां से थोड़ा दूर कोई सुनसान जगह गाड़ी को रोककर उसका नंबर प्लेट खोलकर उसकी जगह अपने पास रखी नंबर प्लेट लगा देते हैं। उसके बाद स्वयं के पास बैग में रखे जोधपुर मोटर्स, सीएनजी व अन्य स्टीकर लगा देते है। जिससे गाड़ी की प्रथम दृष्टया पहचान नहीं हो सके। इसके बाद गाड़ी के कांच के ऊपर मै स्वयं का अकाउंट का फास्ट टैग लगा देता हूं। जिससे किसी भी टोल पर रूकना नहीं पड़े। फिर वहां से मैं व अब्दुल गाड़ी लेकर जोधपुर आ जाते हैं। जोधपुर आने के बाद गाड़ी डिमांड की हुई पार्टी या जितेंद्र सिंधी को दे देते हैं। पार्टी को वाहन देने से पहले उस पर लगी नंबर प्लेट, स्टीकर व फास्ट टैग हटा देते है। इसकी एवज में मुझे जो राशि मिलती है, उसमें से बीस हजार रूपए प्रत्येक गाड़ी पर अब्दुल को देता हूं। गाड़ी की रेट कंडीशन व मॉडल के आधार पर तय होती है। गाड़ी के लॉक तोड़ऩे, चाबी बनाने, स्टीकर बनाने, नंबर प्लेट कसने सहित अन्य तोडफ़ोड़ के सभी उपकरण मैं स्वयं अपने साथ बैग में रखता हूं।

गाडिय़ों के वर्कशॉप में घिस देते चेसिस और इंजन नंबर:

वर्कशॉप में ले जाकर गाड़ी का चैसिस व इंजन नंबर घीसते हैं। सीएसटी व क्राइम ब्रांच की टीम की संयुक्त पूछताछ में जितेंद्र सिंधी ने बताया है कि चोरी की गई गाडिय़ो को वह वर्कशॉप में ले जाकर उस पर लगे चैसिस व इंजन नंबर घिस देता है तथा फायनेंस कंपनियों के द्वारा ऑक्शन में खरीदी हुई गाडिय़ों को स्क्रैप में डालकर उसके रजिस्टे्रशन नंबर,  चैसिस नंबर व इंजन नंबर चोरी की गाडिय़ों पर लगा देता हूं। जिससे की गाडिय़ां प्रथम दृष्टया पकड़ में नहीं आ सके।

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