अधूरी रही सुनवाई मंगल को फिर होगी

बीएड-बीएसटीसी का विवाद

जोधपुर, राजस्थान उच्च न्यायालय में शिक्षक भर्ती पात्रता परीक्षा रीट के लेवल-1 में बीएड-बीएसटीसी को लेकर उपजे विवाद से जुड़े मामले की अहम सुनवाई आज अधूरी रही। अब इस मामले की सुनवाई मंगलवार को फिर होगी। करीब नौ लाख युवाओं से जुड़े इस महत्वपूर्ण मसले पर सभी की निगाह लगी है। इस विवाद का निपटारा नहीं होने के कारण लेवल-1 का नतीजा अभी तक घोषित नहीं किया जा सका है।

राजस्थान हाईकोर्ट ने 26 सितम्बर को आयोजित रीट परीक्षा से चंद दिन पूर्व लेवल-1 परीक्षा में बीएड डिग्रीधारकों को सशर्त परीक्षा में बैठने की अनुमति प्रदान की थी। साथ ही कहा था कि उनका रिजल्ट याचिका के निपटारे के अधीन रहेगा। यानी हाईकोर्ट के आदेश के बगैर ऐसे अभ्यर्थियों का रिजल्ट घोषित नहीं किया जा सकेगा। अब लेवल-2 का रिजल्ट घोषित किया जा चुका है।

सुनवाई शुरू

सोमवार को मुख्य न्यायाधीश अकील कुरैशी और न्यायाधीश सुदेश बंसल की खंडपीठ में मामले की सुनवाई शुरू हुई। इसको लेकर दायर याचिकाओं में बीएसटीसी अभ्यर्थियों की तरफ से लेवल-1 से बीएड डिग्री धारकों को बाहर रखने का आग्रह किया गया। साथ ही एनसीटीई को नोटिफिकेशन को भी चुनौती दी हुई है। यह नोटिफिकेशन ने बीएड धारकों को लेवल-1 में शामिल करने का प्रावधान करता है। बीएड डिग्रीधारकों की तरफ से कहा जा रहा है कि लेवल-1 शिक्षक भर्ती के वे भी समान पात्र है।

राज्य सरकार ने बीएसटीसी अभ्यार्थियों को दी अनुमति

वर्ष 2018 ने एनसीटीई ने अपने विशेष सर्कुलर के मार्फत बीएड उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को भी प्रारम्भिक शिक्षा में कक्षा एक से पांच तक बीएसटीसी पास अभ्यर्थियों के समान ही अध्यापक बनने के योग्य करार दिया है, लेकिन राजस्थान सरकार ने इस सर्कुलर के विपरीत केवल बीएसटीसी पास अभ्यर्थियों को ही रीट परीक्षा लेवल एक में बैठने की अनुमति दी थी। इसके खिलाफ मामला हाईकोर्ट में लंबित है।

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