अल्मोड़ा, उत्तरखण्ड के कैंची धाम क्षेत्र में भारी वर्षा ने तबाही मचा दी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार हल्द्वानी-अल्मोड़ा हाइवे पर प्रसिद्ध कैंची धाम क्षेत्र में भारी बारिश होने से नदी नाले उफान पर आ गए। नदी के बाढ़ में आए मलबे से केंची धाम मंदिर में मलबा भर गया और मुख्य सड़क अवरुद्ध हो गई। गौरतलब है कि उत्तराखंड में पिथौरागढ़ जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों हंसलिंग, राजरंभा, पंचाचूली, नागनिधूरा, मल्ला जोहार,
छिपलाकेदार में जहां बर्फबारी हुई, वहीं मूसलाधार बारिश ने हल्द्वानी और कैंचीधाम क्षेत्र में जमकर तबाही मचाई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कैंची धाम क्षेत्र में बादल फटने से यह तबाही हुई, जबकि प्रशासन का कहना है क्षेत्र में बादल नहीं फटा है। डीएम धीराज गर्ग्याल ने बताया कि तेज बारिश से सड़कों और मंदिर में मलबा घुस गया। प्रशासन की टीमों को मौके पर भेजा गया है। हल्द्वानी में पीपलपोखरा स्थित नहर में फंसी झाड़ियों को निकालने में बुधवार की शाम नंदपुर कठघरिया निवासी बेलदार तारा बिष्ट (24) पानी के तेज बहाव में बह गया। उसका शव घटनास्थल से करीब एक किलोमीटर दूर मिला।
मूसलाधार बारिश ने कैंची और रामगढ़ क्षेत्र भारी तबाही मचाई। शिप्रा नदी के उफान में आने से कैंची मंदिर और सांई बाबा मंदिर में मलबा घुस गया। निगलाट और कैंची मंदिर के पास अल्मोड़ा-भवाली राजमार्ग मलबे से बंद हो गया। अल्मोड़ा,पिथौरागढ़, डीडीहाट की ओर से आने वाले वाहनों को क्वारब से बाया नथुवाखान रामगढ़ होते हुए भवाली की ओर भेजा गया।
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कैंची ग्राम प्रधान पंकज निगल्टिया ने बताया कि निगलाट में घरों और कैंची मंदिर के अंदर मलबा घुसने से काफी नुकसान हुआ है। मंदिर के सदस्य ज्ञानी बिष्ट ने बताया कि कैंची मंदिर के यज्ञशाला के पास भारी मात्रा में मलबा आया है। गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई है। तेज बारिश और ओलावृष्टि से रामगढ़ के बोहराकोट-जमरानी क्षेत्र में सड़क पर भारी मात्रा में मलबा आ गया। इससे वाहनों की आवाजाही बंद हो गई।
भारी बारिश के कारण दोबाट के पास मलबा आने से धारचूला, तवाघाट एनएच ढाई घंटे बंद रहा हल्द्वानी में दिन में गर्मी और शाम को मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया। जगह-जगह पेड़ और पोल गिर गए। कई इलाकों में बिजली गुल हो गई। कालाढूंगी रोड समेत कई इलाकों में जलभराव हो गया। रकसिया नाला उफान में आने से तेजपुर लोशज्ञानी क्षेत्र में जमकर तबाही हुई। बिड़ला स्कूल के पास नाले का मलबा सड़क और खेतों में पट गया।