डॉक्टर के काउंसलर ने रची कार चुराने की व्यूह रचना,अब पकड़ा गया दो दोस्तों के साथ

  • कार की नंबर प्लेट बदल कर 2.75 लाख में बिकने का डाला सोशल मीडिया पर ऐड
  • एक साथी की तलाश जारी

जोधपुर, शहर के देवनगर थाना हलके में रहने वाले शुगर और थॉयराइड के डॉक्टर महेंद्र सिंह सिख की कार उनके घर के बाहर से 16 जनवरी की शाम को चोरी हो गई। पुलिस ने मामला दर्ज किया और सीसीटीवी फुटेजों को खंगालते हुए डॉक्टर के ही काउंसलर को गिरफ्तार करने के साथ उसके दो दोस्तों को भी पकड़ लिया। वे दोनों ममेरे भाई बताए जाते हैं। कार को चुराकर ले जाने वाला बदमाश पुलिस के हाथ नहीं लग पाया। उसकी सरगर्मी से तलाश की जा रही है। उसकी पहचान कर ली गई है।

देवनगर थानाधिकारी जयकिशन सोनी ने बताया कि बलदेवनगर स्थित मकान नंबर 132 में डॉक्टर महेद्रसिंह सिख रहते हैं। वे शुगर और थॉयराइड के स्पेशलिस्ट हैं। उनकी कार 16 जनवरी की देर शाम चोरी हो गई। इस पर पुलिस में प्रकरण दर्ज करवाया गया। पुलिस ने आस पास लगे सीसीटीवी फुुटेजों को खंगाला और पता लगाया कि कार तो चाबी से खोलकर ले जाया गया है। इस पर पुलिस ने आस पास लोगों से पूछताछ आरंभ की। बाद में पता लगा कि कार तो मसूरिया स्थित भीड़भंजन बालाजी मंदिर के पास पहाड़ी एरिया में खड़ी है।

इस कार के पास में लक्ष्मण प्रजापत नाम का शख्स बैठा है। इस पर पुलिस की गठित टीम में शामिल एसआई दीपलाल, हैडकांस्टेबल रामूराम, कांस्टेबल शिवनारायण, मोतीलाल, पिंटू सिंह, बद्रीराम, देवाराम एवं सुरेंद्र कुमार ने अथक परिश्रम के बाद लक्ष्मण का उठाया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि लक्ष्मण ने यह कार डॉक्टर महेंद्र सिंह के यहां पर काउंसलर पर लगे सवाई सिंह के इशारे पर चुराई थी। थानाधिकारी जयकिशन सोनी ने बताया कि प्रकरण में बाद में बलदेव नगर निवासी सवाई सिंह पुत्र दिनेश कुमार ओड़ को पकड़ा गया।

सवाई सिंह ने रची साजिश

थानाधिकारी सोनी ने बताया कि प्रकरण मेें खुलासा हुआ कि सवाई सिंह पिछले पांच सात सालों से डॉक्टर के पास में काउंसर के तौर पर लगा हुआ था। उसे सारी जानकारी थी कि डॉक्टर कब काम पर होते है और कब अवकाश पर। इस पर कार चुराने के लिए सवाईसिंह ने अपने दोस्त बलदेवनगर निवासी त्रिलोक चंद पुत्र रणीलाल प्रजापत को साथ लिया। त्रिलोक ने अपने ममेरे भाई लक्ष्मण प्रजापत पुत्र मनोहरलाल को साथ लिया। 16 जनवरी की शाम को कार चुराने के लिए पहले से ही सवाई सिंह ने चाबी इन लोगों को दे रखी थी। मगर लक्ष्मण कार चलाना नहीं जानता था। इस पर उसने अपने मित्र डांगियावास के जीतू विश्रोई का सहारा लिया। जीतू कार को स्टार्ट कर लेकर गया।

यूं गहराया संदेह

थानाधिकारी सोनी ने बताया कि कार चोरी होते ही डॉक्टर को पता लग गया। वे आए तब तक आरोपी कार लेकर चले गए थे। कार चुराने के बाद ये लोग उसके आस पास एरिया में ही घुमाते रहे। सीसीटीवी फुटेज में कार आस पास घूमती ही देखी गई।

कार की नंबर प्लेट बदल सोशल मीडिया पर बेचने का ऐड डाला

कार चुराने के बाद इन लोगों ने अपने दोस्तों के ग्रुपों में कार बेचने के लिए सोशल मीडिया पर ऐड डाल दिया और पौने तीन लाख में सौदा बिठाने की जुगत करने लगे। कार बिकने पर अपने शौकमौज पूरे करते मगर उनके मंसूबों पर पानी फिर गया।

लक्ष्मण की मां रोटियां बनाने का काम करती है

थानाधिकारी ने बताया कि आरोपी लक्ष्मण की मां रोटियां बनाकर सप्लाई करती है। गरीब परिवार से होने पर मेहनत मजदूरी करती है। कार लक्ष्मण के घर के पास में ही ऊपर भीड़भंजन बालाजी मंदिर के निकट मिल गई। तीनों आरोपियों को गिरफ्तार करने के साथ चौथे नामजद आरोपी की तलाश की जा रही है।

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