डॉक्टर्स की मुश्किलें बढ़ने के आसार, अस्पतालों से हुई थी पर्चियां लोड
- आरजीएचएच घोटाला
- पांच से सात करोड़ के घोटाले की आशंका
- पुलिस की तफ्तीश जारी
जोधपुर,डॉक्टर्स की मुश्किलें बढऩे के आसार,अस्पतालों से हुई थी पर्चियां लोड। आरजीएचएस में करोड़ों रुपए के कैंसर दवा घोटाले में निजी और सरकारी अस्पताल के डॉक्टर्स की परेशानी बढऩे के आसार हैं। सरकारी स्तर पर जांच के बाद पुलिस की जांच आरंभ हो गई। जो डॉक्टर्स को भी केंद्रित कर जांच की जाएगी। जांच में यह भी सामने आ रहा है कि दवा पर्चियां दोनों अस्पताल से लोड हुई थी। जिस मरीज के लिए निजी अस्पताल ने इलाज व पर्ची के फर्जी होने की बात कही, उसी मरीज की पर्ची अस्पताल के सर्वर से आरजीएच एस के सिस्टम में अपलोड हुई थी, ऐसा जांच में पता लग रहा है।
अस्पताल ने अपने ओपीडी के खर्च का क्लेम किया था। ऐसे में डॉक्टर व अस्पताल पर शिकंजा कस सकता है। पुलिस का भी मानना है कि निजी अस्पताल के सर्वर से पर्ची अपलोड होकर क्लेम किया गया है तो फर्जी कैसे हो सकती है,इस बारे में पड़ताल चल रही है।
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मेडिकल दुकानदार सात दिन की पुलिस अभिरक्षा में
मामले में झंवर मेडिकल स्टोर के संचालक जुगल झंवर को न्यायालय में पेश किया गया। जहां से उसे सात दिन की पुलिस अभिरक्षा में भेजा गया है। उल्लेखनीय है कि विभागीय जांच के समय निजी अस्पताल ने पहले मरीज मोहन कंवर को अस्पताल में आना बताया था। फिर बताया कि मरीज मोहन कंवर आई थी परन्तु जो भी सील व डॉक्टर का ईलाज लिखा हुआ है वह फर्जी है। मरीज के साथ अटेंडर ने गलत सूचना दी एवं दवाई झंवर मेडीकल एजेंसीज से ली,जिसका अस्पताल से कोई सम्बंध नहीं है। अस्पताल के एक डॉक्टर जिसके नाम से लाभार्थी की पर्चियां हैं,ने बताया था कि यह ईलाज उनसे नहीं लिया गया है एवं पूर्णतया फर्जी है। हस्ताक्षर फर्जी है, उनकी सील या तो झंवर मेडिकल या मरीज मोहन कंवर ने बनाई है।
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निजी अस्पताल ने भी दी शिकायत
निजी अस्पताल की तरफ से भी बासनी थाने मेें इस मामले में एक शिकायत दी गई है। फिलहाल इस बारे में मामला दर्ज नहीं हुआ है।
कैंसर दवा के नाम पर करोड़ों का गबन होना बताया
स्वास्थ्य योजना के संयुक्त निदेशक डॉ.अभिषेकसिंह किलक ने इसमें करोड़ों का घपला होने के आसार जताए हैं। जो पांच से सात करोड़ तक हो सकता है। या ज्यादा भी हो सकता है।
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