राजस्थान में बजरी खनन से रोक हटी

  • सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी की शिफारिश मानी
  • वैध बजरी खनन को मंजूरी

जयपुर, राजस्थान में लंबे समय से बजरी खनन पर लगी रोक हट गई। सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षित रखे निर्णय में सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी की सिफारिशों को मानते हुए वैध खनन को मंजूरी दे दी है। बजरी खनन की मंजूरी मिलने से सरकार सहित आम जनता को बड़ी राहत मिलेगी। चार साल से प्रदेश में बंद वैध बजरी खनन की अब फिर से शुरू हो जाएंगी। आम जन को अब उचित दर पर बजरी मिलने लगेगी। राजस्थान में सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद धड़ल्ले से अवैध बजरी खनन हो रहा था। अब कोर्ट के इस फैसले से बजरी का अवैध खनन करने वालों को बड़ा झटका लगा है।

सुप्रीम कोर्ट ने 16 नवंबर 2017 को राजस्थान में बजरी खनन पर रोक लगाई थी। तब लगभग 45 खानों में बजरी खनन चल रहा था, ये बिना पर्यावरण एनओसी के राज्य सरकार से अनुमति लेकर खनन कर रहे थे, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने गलत मानते हुए रोक लगा दी थी। इसके बाद राज्य सरकार ने 31 मार्च 2018 को बजरी खनन के सभी एलओआई निर्धारित 5 साल की अवधि पूरी होने पर खत्म कर दिए। एलओआई खत्म करने पर सुप्रीम कोर्ट ने भी स्टे दिया था। सुनवाई के दौरान ही सुप्रीम कोर्ट ने19 फरवरी 2020 को सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी को 6 सप्ताह में अध्ययन कर सुझाव देने के निर्देश दिए, कोरोना की वजह से तब कमेटी रिपोर्ट नहीं दे सकी। कोर्ट ने कमेटी को 30 सितंबर 2020 तक यह रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे। कोविड महामारी के चलते कमेटी ने अपनी सिफारिशों को हाल ही में कोर्ट को सौपा था।

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट में 26 अक्टूबर को बजरी खनन मामले पर सुनवाई हुई थी, अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा था। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस नागेश्वर राव, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ के समक्ष यह मामला फैसले के लिए सूचीबद्ध था। बजरी खनन पर सुप्रीम कोर्ट के रोक के बाद बजरी वेलफेयर ऑपरेटर सोसाइटी के प्रदेशाध्यक्ष नवीन शर्मा की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर राहत की गुहार लगाई थी। राज्य सरकार ने भी अपना पक्ष रखा था। सरकार ने अदालत से खनन पर रोक हटाने की गुहार लगाते हुए वैध बजरी खनन को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताई थी।

सरकार ने बजरी खनन पर रोक से प्रदेश की जनता को महंगी बजरी मिलने और राजस्व में भी हानि होने की दलीलें दी थी। बजरी लीज खातेदारों की ओर से भी भविष्य में वैध खनन किए जाने को लेकर सहमती जताई गई थी। प्रदेश की 82 बड़ी बजरी लीज को फिर से शुरू किए जाने से जुड़ी एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ये महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। इस महत्वपूर्ण फैसले से प्रदेश में फिर वैध खनन शुरू हो जाएगा। इससे लोगों को राहत मिलेगा।

दूरदृष्टिन्यूज़ की एप्लिकेशन अभी डाउनलोड करें – http://play.google.com/store/apps/details?id=com.digital.doordrishtinews