35 हजार के इनामी तस्कर को पकड़ा
- जोधपुर रेंज पुलिस का ऑपरेशन ओमकारा
जोधपुर(डीडीन्यूज),35 हजार के इनामी तस्कर को पकड़ा। जोधपुर रेंज की साइक्लोनर टीम ने लगातार तीसरे दिन कार्रवाई करते हुए तस्करी के एक फरार इनामी कुख्यात सरगना को गिरफ्तार किया है। उस पर 35 हजार का इनाम घोषित था। वह अपनी पहचान बदलकर रह रहा था लेकिन पुलिस के सामने उसकी सारी चालाकी धरी रह गई।
पुलिस महानिरीक्षक विकास कुमार ने बताया कि लगातार तीसरे दिन सफलता की तिकड़ी जमाते हुए रेंज की साइक्लोनर टीम ने नशे के कुख्यात सौदागर और फिल्मी अंदाज़ में तस्करी करने वाले बिलाड़ा निवासी सुनील डूडी उर्फ श्रवण पुत्र ओपाराम को गिरफ्तार किया है। उस पर कम से कम छह अलग- अलग जिलों में दर्जनों मुकदमे दर्ज है जिनमें मादक द्रव्यों की तस्करी, आर्म्स एक्ट,हत्या,हत्या प्रयास, पुलिस पर हमला,छेडख़ानी जैसे कई संगीन प्रकरण हैं। वह जोधपुर ग्रामीण के पीपाड़,जोधपुर शहर के बासनी,ब्यावर के जवाजा और आनन्दपुर कालू जैसे कई थानों में वांछित है।
शातिर अपराधी सुनील डूडी फर्जी नाम रखकर और फर्जी कागजात बनाकर लम्बे समय से पुलिस और कानून की आंखों में धूल झोंक रहा था पर साइक्लोनर टीम ने आखिरकार उसकी धूर्तता की सारी गुत्थियां सुलझाकर उसे सलाखों की पीछे धकेलने में सफलता पा ही ली।
नाम के फेर में उलझी पुलिस
बीसीए की पढ़ाई कर चुका सुनील डूडी रेडिमेड कपड़ों के व्यापार में असफल होकर जहर के धंधे में कूद पड़ा था। एक धंधे की असफलता के जहर ने उसे ऐसा क्रूर बना दिया कि दो-दो पुलिसकर्मियों की हत्या कर मादक द्रव्यों की अपनी खेप बचाने के घृणित कार्य से भी सुनील नहीं घबराया। कुछ समय पहले ही सुनिल डूडी के लकवाग्रस्त होने की सूचना आई थी कि उसका एक हाथ और एक पैर काम नहीं कर रहा है।
मुखबिर से यह भी सूचना आई कि वह बुटाटी धाम नागौर और जाइडस अस्पताल अहमदाबाद से लगातार इलाज ले रहा है। गुप्त सूचना पर टीम ने जाइडस अस्पताल का पूरा रिकॉर्ड खंगाल मारा। राजस्थान के सैकड़ों मरीज़ों का पता चलता रहा पर सुनील डूडी नाम या मिलते जुलते पहचान के किसी भी मरीज़ का कोई पता नहीं लगा।
पुलिस का अहमदाबाद से जोधपुर तक किया पीछा
टीम ने तकनीकी दिमाग लगाकर उस अस्पताल के पार्किंग से उक्त समय में पार्क रही सभी कारों का नंबर लेकर गहन छानबीन की तो प्रयास रंग लाया। एक सफेद क्रेटा कार का नंबर तो गुजरात का था पर मालिक का नाम जोधपुर के इलाके के सुनील डूडी के किसी सहयोगी के रिश्तेदार का निकला। संदिग्ध के आने-जाने के संभावित समय के आधार पर जोधपुर और अहमदाबाद के बीच पडऩे वाले सभी टोल बूथों से तहकीकात करने पर संदेह की पुष्टि हो गई और पकड़ने के लिए जोधपुर में जाल बिछाया गया।
संभावना के अनुरूप जोधपुर पहुंच जाने के बाद एक डी-मार्ट स्टोर के सामने जाल बिछाकर गाड़ी चला रहे सुनील डूडी को टीम ने जैसे ही कब्जे में लिया तो वह बडे आत्मविश्वास से अपना नाम अनिल जानी बताकर अकडऩे लगा पर टीम के पास सारी सूचना पुष्ट थी। कड़ी पूछताछ से वह टूट गया और उसने सारा सच उगल दिया।
लकवाग्रस्त होने के बावजूद भी काला धंधा नहीं छोड़ा
अपराधी सुनील डूडी कुख्यात सरगनाओं राजू फौजी,रामनिवास कोसाणा,बाबूराम गोरछिया इत्यादि का करीबी साझेदार रहा है। वर्ष 2021 के मार्च महीने में भीलवाड़ा के कोटड़ी और रायला थाना क्षेत्र में दो पुलिसकर्मियों की नाकेबंदी के दौरान गोली मार कर हत्या कर देने के लोमहर्षक प्रकरणों में शामिल था। लगभग आधे दर्जन थानों में वांछित होने और लकवाग्रस्त होने के बावजूद भी उसने न तो काला धंधा छोड़ा और न ही जोधपुर शहर छोड़ा।
ओमकार का नाम इसलिए रखा
वर्ष 2006 में आई फिल्म ओमकारा के मुख्य चरित्र लंगड़ा त्यागी से मिलते जुलते वृत्त के कारण ही ऑपरेशन का नाम ओमकारा रखा गया।