सुभाष बाबू को उचित सम्मान एक अच्छी पहल-कर्नल देवानन्द
जयपुर, सुभाष चौक पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिवस एवं पराक्रम दिवस की पूर्व संध्या पर कोरोना कर्फ्यू के मद्देनजर 1 दिन पूर्व हिंदू जागरण मंच जयपुर महानगर राजेश निर्माण एवं भूतपूर्व सैनिक विकास समिति जयपुर द्वारा दीपोत्सव नमन संध्या का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भूतपूर्व सैनिक सेवा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष कर्नल देव आनंद गुर्जर के साथ जयपुर शहर के गणमान्य व्यक्तियों ने हिस्सा लिया। जयपुर स्थित सुभाष चंद्र बोस की एकमात्र मूर्ति का माल्यार्पण किया। मुख्य अतिथि एवं वरिष्ठ नागरिकों द्वारा दीप प्रज्वलित कर कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
इस अवसर पर अपने विचार रखते हुए कर्नल कर्नल देव आनंद गुर्जर ने सुभाष जयंती की पूर्व नमन संध्या के अवसर पर भारत सरकार द्वारा गत वर्ष प्राक्रम दिवस घोषित करने एवं 23 जन से 26 जन 2022 को गणतंत्र दिवस समारोह घोषित करना एवं इंडिया गेट पर सुभाष बाबू की मूर्ति लगाने के फैसले को सराहनीय कार्य बताते हुए प्रधान मंत्री को धन्यवाद दिया।
कर्नल देव आनंद ने सुभाष चंद्र बोस के भारत की आजादी की लड़ाई में योगदान एवं इंडियन नेशनल आर्मी का गठन के बारे में बताया कि द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान इंडियन नेशनल आर्मी के पराक्रम की चर्चा एवं ब्रिटिश साम्राज्य में किस प्रकार से वर्मा के युद्ध में खौफ पैदा किया और अंततः अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर किया। सुभाष चंद्र बोस 21 अक्टूबर 1943 में बनी भारत की पहली सरकार के पहले प्रधानमंत्री बने। उस भारत सरकार को दुनिया के 11 प्रमुख देशों द्वारा मान्यता प्राप्त थी और इसकी अपनी ही सेना एवं मुद्रा को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा मान्यता प्राप्त थी।
राष्ट्रगान एवं भारत माता की जय के नारे और सुभाष बाबू अमर रहे के नारों के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम में उमेश शर्मा, गोपाल सैनी, सुनील सैनी, योगेश सैनी, कमल जैन, कमलेश सामरिया, रितिक सामरिया, निशा सेन, ज्योति गुर्जर, कप्तान मुकुट सिंह, हवलदार खुशीराम, कप्तान देवी सिंह गुर्जर, कप्तान जगदीश सहित कई लोग शामिल हुए।
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