बेरीगंगा खनन क्षेत्र का होगा डायवर्जन,बनेगा कलस्टर माइनिंग प्लान-एसीएस

  • अधिकारियों के फील्ड विजिट से कसेगी अवैध गतिविधियों पर लगाम
  • लक्ष्य से अधिक राजस्व अर्जन और उल्लेखनीय उपलब्धियों पर अधिकारियों की पीठ थपथपाई
  • मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर माइनिंग एसोसिएशन प्रतिनिधियोें ने जताया आभार

जोधपुर, भरतपुर के बंशीपहाड़पुर की तरह जोधपुर की बेरी गंगा सेंड स्टोन खनिज क्षेत्र का कलस्टर माइनिंग प्लान बना कर क्रियान्वित किया जाएगा। केरु व बड़ली और आसपास के क्षेत्र में उच्च स्तरीय सेंड स्टोन के खनन के लिए राज्य सरकार के उच्चतम स्तर पर निर्णय करवाया जाएगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस,पेट्रोलियम एवं पीएचईडी डॉ. सुबोध अग्रवाल शनिवार को जोधपुर खनिज भवन में जोधपुर वृत के माइंस व जियोलॉजी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे।

बेरीगंगा खनन क्षेत्र का होगा डायवर्जन,बनेगा कलस्टर माइनिंग प्लान-एसीएस

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बेरी गंगा सेंड स्टोन क्षेत्र के डायवर्जन की कार्यवाही की जा रही है ताकि बंशीपहाड़पुर की तरह बेरी गंगा क्षेत्र की भी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कर खनन पट्टों की नीलामी करते हुए अवैध खनन पर कारगर रोक लगाई जा सके। इसके लिए उन्होंने क्षेत्र का कलस्टर माइनिंग प्लान बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने क्षेत्र में वैध खनन गतिविधियों को बढ़ावा देने और लूणी क्षेत्र में अवैध बजरी खनन, परिवहन व भण्डारण पर सख्ती से कार्यवाही के भी निर्देश दिए।

एसीएस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि हाल ही समाप्त हुए वित्तीय वर्ष माइंस विभाग के लिए उपलब्धियों का वर्ष रहा है। राजस्व अर्जन, डेलिनिएशन, खनन पट्टों की नीलामी सहित सभी क्षेत्रों में नए आयाम स्थापित किए गए हैं। उन्होंने जोधपुर वृत में भी लक्ष्य से 22 करोड़ रुपए का अधिक राजस्व अर्जन, डेलिनिएशन के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने और अच्छी वसूली के लिए अधिकारियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि बेरी गंगा सेंड स्टोन क्षेत्र को कलस्टर के रुप में विकसित किया जाएगा, इसके लिए वन विभाग से डायवर्जन की कार्यवाही आरंभ करने के साथ ही विस्तृत कार्ययोजना बनाने के निर्देश दे दिए गए हैं। इससे जोधपुर के विश्व प्रसिद्ध सेंड स्टोन के अवैध खनन पर रोक लगने के साथ ही वैध खनन, अधिक राजस्व व क्षेत्र में इससे जुड़े उद्योगों की स्थापना व रोजगार के अवसर विकसित होंगे। केरु-बड़ली व आसपास के क्षेत्र में सेंड स्टोन का भण्डार है। यहां एक ओर अवैघ खनन हो रहा है तो दूसरी और कॉलोनियां विकसित होने से खनिज क्षेत्र प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में योजनावद्ध तरीके से खनन की संभावनाओं की तलाश और खनन के लिए राज्य स्तर पर जल्दी ही फैसला किया जाएगा।

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री गहलोत के निर्देशों और प्रयासों से बजरी की समस्या का समाधान हो सका है। उन्होंने निर्देश दिए कि अब लूणी सहित अन्य क्षेत्रों में बजरी माफिया की अवैध गतिविधियों पर सख्त कार्यवाही की जाए। उन्होंने अधिकारियों को नियमित रुप से क्षेत्र में फील्ड विजिट करते हुए क्षेत्र के खनन पट्टा क्षेत्रों का निरीक्षण व अवलोकन करने को कहा। उन्होंने कहा कि अवैध खनन गतिविधियों को लेकर मुख्यमंत्री गहलोत गंभीर है। इसलिए विभागीय अधिकारी क्षेत्र का सघन दौरा करते हुए अवैध खनन गतिविधियों पर सख्त कार्यवाही करें। उन्होंने बालासर में खनन प्लाटों की नीलामी में रिजर्व प्राइस से कई गुणा अधिक राशि मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि पारदर्शी नीलामी व्यवस्था से बेहतर परिणाम प्राप्त होने लगे हैं। अधिकारियों ने उन्हें लाइमस्टोन की केमिकल व अन्य ग्रेड के भण्डारों की भी विस्तार से जानकारी दी।

उन्होंने अधिकारियों को खनन क्षेत्रों के खोज व खनन कार्य को गति देने, डेलिनिएशन कार्य को समय सीमा मेें पूरा करने, खनन प्लाटों की नीलामी, राजस्व बढ़ाने और जिला स्तरीय टास्क फोर्स की नियमित बैठकें आयोजित कराने के निर्देश दिए। डॉ. अग्रवाल ने वृत के अप्रभावी ठेकों को प्रभावी बनाकर राजस्व वसूली की छीजत को रोकने को कहा।

अतिरिक्त निदेशक माइंस जोधपुर जय गुरुबख्सानी ने विस्तार से क्षेेत्रीय गतिविधियों की जानकारी दी।
एसएमई जोधपुर धर्मेन्द्र लोहार ने बताया कि विभाग द्वारा दिए गए राजस्व लक्ष्य से अधिक वसूली के साथ ही वृत में डेलिनिएशन और रिकवरी में भी उपलब्धियों का नया रिकार्ड स्थापित किया गया है। उन्होंने विस्तार से खनन गतिविधियों से अवगत कराया।

बैठक में एसएमई विजिलेंस राजीव चौधरी, एमई जोधपुर प्रवीण अग्रवाल, एमई रिट दीपक गहलोत, विजिलेंस नरेन्द्र खटिक, सुपरिटेंडिंग जियोलोजिस्ट टीएस शर्मा, राजीव कश्चप, एएमई जोधपुर व बालेसर सहित विभाग के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

माइनिंग एसोसिएशन प्रतिनिधियोें ने जताया आभार

अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने जोधपुर में माइनिंग एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से क्षेत्र में खनन गतिविधियों को लेकर विस्तार से चर्चा की। एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने माइनिंग खानों की अवधि बढ़ाने, स्ट्रिप,क्वारी, लाइसेंस आदि की मुख्यमंत्री गहलोत की घोषणाओं पर आभार व्यक्त किया। उन्होंने जोधपुर विकास न्यास क्षेत्र में केरु व बडली क्षेत्र के सेंड स्टोन भण्डारों को देखते हुए इस क्षेत्र में कॉलोनियां विकसित नहीं करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि कॉलोनियां तो अन्यत्र विकसित की जा सकती है पर सेंड स्टोन खनन क्षेत्र को अन्यत्र नहीं ले जाया जा सकता।

ऐसे में जोधपुर के बेशकीमती सेंड स्टोन की वैध माइनिंग की राह निकाली जाए। उन्होंने डीएमएफटी फण्ड से एंनवायरमेंट प्लान बनाकर क्रियान्वित कराने की अनुमति, स्लरी डम्प के लिए स्थान उपलब्ध कराने, और अरावली क्षेत्र व आसपास नेशनल पार्क क्षेत्र नहीं होने के बावजूद एनवायरमेंट क्लीयरेंस में अनावश्यक रुप से देरी की और ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा कि इसके लिए डीएफओ स्तर से भी राज्य सरकार को लिखा जा चुका है। डॉ.अग्रवाल ने माइनिंग प्रतिनिधियोें के ज्ञापन व अन्य सुझावों पर कार्यवाही के लिए आवश्यक निर्देश दिए।

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