नाटक ‘अगरबत्ती’ के कलाकारों ने दर्शकों को झकझोरा
जोधपुर में राष्ट्रीय स्तर का ओम शिवपुरी नाट्य समारोह
जोधपुर,राजस्थान संगीत नाटक, अकादमी,जोधपुर की ओर से राष्ट्रीय स्तर की पांच दिवसीय ओम शिवपुरी स्मृति नाट्य समारोह के द्वितीय दिवस सोमवार को समागम रंगमण्डल जबलपुर की स्वाति दुबे निर्देशित नाटक अगरबत्ती के कलाकारों के प्रभावी अभिनय ने दर्शकों को अंदर तक झकझोर दिया। नाटक में सम सामयिक हालातों का चित्रण प्रस्तुत करने के साथ ही दर्शकों को जमाने की हकीकत से रूबरू कराया।
कथासार
मंचित नाटक में फूलन देवी और बेहमई हत्याकांड ने विश्व मीडिया का ध्यान एक पल में यूँ ही नहीं खींच लिया था, ये घटना दुनियां के लिए एक सबक ही नहीं एक सवाल की तरह सामने आई, क्योंकि सवाल आज भी अनुत्तरित है।
सामंतवाद,पितृसत्ता और जातिगत शोषण का फोड़ा फूट गया था गोलियों की आवाज़ के साथ। फूलन ने आत्मसमर्पण किया और जेल गई। विधवा रथ यात्रा को लेकर गंभीर मत-मतान्तर पैदा हो गए और लगभग सभी बेहद स्वार्थपरक थे। राजनीति ने इस घटना और जातीय समीकरणों को अपने पक्ष में साधना और भुनाना शुरू कर दिया। तीव्र भावुकता भारतीय राजनीति का वो उपकरण है जो सत्ता के शीर्ष पर पल में पहुँच सकता है। इसका गंभीर विमर्श से कुछ भी लेना-देना नहीं होता।
अगरबत्ती इसी गंभीर विमर्श को दुबारा पैदा करने का प्रयास है जो वास्तविक घटना और भूगोल के धरातल पर काल्पनिक पात्रों और घटनाओं के रंग से रची गई है। हम सवाल को अनुत्तरित इसलिए कह रहे हैं चूँकि सांसद होते हुए फूलनदेवी की अशोक रोड,दिल्ली पर जातीय प्रेरणा से हत्या हुई, इसी प्रश्न से पुनः पर्दा उठाने और विमर्श को केन्द्र में लाना अगरबत्ती का उद्देश्य है।
नाटक की जमीन वहीं की है जहाँ फूलन की कथा को दफनाया गया, वहीं से नाटक के पात्र निकलकर आते हैं, आपसी उठापटक संघर्ष के साथ दुर्लभ सत्य तक पहुँच जाते हैं। वही नाटक का अंत है।
कार्यक्रम में जेएनवीयू राजस्थानी विभगाध्यक्ष डॉ मीनाक्षी बोराणा व वरिष्ठ कवि मीठेश निर्मोही ने नाटक के निर्देशक व लेखक को बुके प्रदान कर स्वागत किया। नाटक में स्वाति दुबे, अस्मि तुल्स्यान/मानसी रावत,आयुषी राव,ज्योस्त्सना कटानिरया,शिवांजली गजभिये,मानसी/हर्षिता,साक्षी दुबे, निकिता,हर्षिता/मानसी, उत्सव हाण्डे, हर्षित सिंह, अर्पित खटीक, शिवाकर सप्रे/विधान कटारे, अंकित/अजय, अनमोल/शिवांशु, सचिन/आयुष ने अपनी-अपनी भूमिका को बखूबी निभाया।
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