• परिजनों की इच्छानुसार जोधपुर में किया अंतिम संस्कार
  • डिगाड़ी गांव में उमड़ा हुजूम
  • साथी कमांडो ने दी अंतिम सलामी
  • सलामी के लिए 10 पैरा में रखी गई पार्थिव देह

जोधपुर, शहर के तख्तसागर में करीब एक सप्ताह पूर्व अभ्यास के दौरान डूबे कैप्टन अंकित गुप्ता का दाह संस्कार जोधपुर में ही किया गया। अंतिम संस्कार सैन्य क्षेत्र स्थित डिगाडी श्मशान घाट पर किया गया। गमगीन माहौल में कैप्टन अंकित के भाई ने मुखाग्नि दी। इस अवसर पर उनके करीब 15 परिजन मौजूद थे। उनकी पार्थिव देह श्मशान स्थल पहुंचने पर बड़ी संख्या में क्षेत्र के लोगों ने भारत माता की जयकारे लगाते हुए उन्हें अंतिम विदाई दी। कैप्टन अंकित के परिजनों ने जोधपुर में ही अंतिम संस्कार की इच्छा व्यक्त की थी। बुधवार सुबह उनके शव का पोस्टमार्टम किया गया। पोस्टमार्टम के पश्चात पार्थिव देह को 10 पैरा के मुख्यालय ले जाया गया। वहां उनके साथी जवानों व अधिकारियों ने उन्हें अंतिम सलामी देकर विदा किया। गौरतलब है कि छह दिन चले सर्च ऑपरेशन के बाद सेना को कल 10 पैरा के बेहतरीन कमांडो रहे कैप्टन अंकित का शव तख्त सागर में खोज निकालने में सफलता मिली थी।शव को बाहर निकाल मिलिट्री अस्पताल ले जाया गया। वहां से आज सुबह महात्मा गांधी

अस्पताल की मोर्चरी में पोस्टमार्टम के लिए लाया गया। पोस्टमार्टम के दौरान सेना के जवानों ने मोर्चरी की तरफ का रास्ता पूरी तरह से बंद कर उस तरफ का आवागमन तक रोक दिया। सेना के कड़े सुरक्षा घेरे में पार्थिव देह को एक सुसज्जित सैन्य वाहन में रख 10 पैरा मुख्यालय पहुंचाया गया। यहां पर उनके साथी कमांडो ने उन्हें अंतिम सलामी दी। इस दौरान कैप्टन अंकित के परिजन लगातार साथ रहे। रातानाडा स्थित 10 पैरा के मुख्यालय से पार्थिव देह को अंतिम संस्कार के लिए सैन्य क्षेत्र से सटे डिगाड़ी गांव के श्मशान स्थल ले जाया गया। श्मशान स्थल पर सेना के जवानों ने मोर्चा संभाला हुआ था। उन्होंने परिजनों के अलावा किसी अन्य असैन्य व्यक्ति को अंदर प्रवेश नहीं करने दिया। यहां तक की आसपास के मकानों पर भी जवान तैनात थे। श्मशान स्थल पर कैप्टन अंकित के परिजनों को लेकर सेना के वाहन पहुंचे। इनमें कैप्टन अंकित के माता-पिता, भाई, पत्नी सहित कुछ अन्य लोग थे। मुख्गनि देते समय परिजनों के सब्र का बांध छलक पड़ा। उन्हें देख वहां मौजूद सभी अधिकारियों व जवानों की आंखें भी नम हो गई। बाद में सैन्य अधिकारियों ने अंकित के परिजनों को संभाल उन्हें ढांढस बंधाया। अंकित की पत्नी व मां आपस में गले मिल आंसू बहाते हुए सूनी निगाह से एकटक दाह संस्कार की प्रक्रिया को निहारती रही।
गौरतलब है कैप्टन अंकित का शव लगातार छह दिन तक पानी में डूबा रहा। इस कारण शरीर बहुत गल गया। ऐसे में उसे गुरुग्राम ले जाने में आने वाली दिक्कतों को भांप परिजनों ने भारी मन से कल देर रात ही सेना को जोधपुर में ही दाह संस्कार करने की अपनी इच्छा से अवगत करवा दिया था। इसके बाद  सुबह सेना ने दाह संस्कार की पूरी तैयारी की।