बीमा कंपनी को हर्जाना देने का आदेश पारित

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग

जोधपुर,बीमा कंपनी को हर्जाना देने का आदेश पारित। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने परिवादी को उसके वाजिब दावे से महरूम करने के उद्देश्य से अस्पताल की रोगी परची में बीमा कंपनी व उनके टीपीए ने कारस्तानी कर जो गलत तथ्य अंकित किए हैं,वे कूट रचित श्रेणी में माने जाने से बीमा कंपनी द्वारा परिवादी का दावा खारिज किया जाना सेवा में कमी तथा त्रुटि है। आयोग के अध्यक्ष डा श्यामसुंदर लाटा और सदस्य अफसाना खान ने बीमा कंपनी को निर्देश दिया कि तीन माह में बकाया दावा राशि 10 लाख 93 हजार 931 रुपए का निर्धारण कर 10 अगस्त 2022 से 9 फीसदी ब्याज और 15 हजार रुपए हरजाना अदा करें।राहुलजिनेश्वर तातेड़ ने अधिवक्ता अनिल भंडारी के माध्यम से परिवाद पेश कर कहा उन्होंने चिकित्सकीय व्यय के तीन दावे युनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी में पेश किए लेकिन बीमा कंपनी ने यह बताते हुए दावे में मनमानी कटौती कर दी कि परिवादी को आठ साल से मधुमेह बीमारी है।

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अधिवक्ता भंडारी ने कहा कि बीमा कंपनी और उनके टीपीए ने अस्पताल के किसी कर्मचारी से मिलीभगत कर कारस्तानी करते हुए रोगी परची में खाली जगह पर यह अंकित कर दिया कि रोगी आठ साल से मधुमेह से ग्रसित है और उस पर अस्पताल की रबड़ मोहर भी अंकित कर दी। अधिवक्ता भंडारी ने कहा कि बीमा कंपनी द्वारा जो कूट रचित रोगी परची पेश की गई है, उस पर विश्वास नहीं किया जा सकता,क्योंकि कभी भी रोगी परची पर बाद में जोड़े गए शब्दों पर रबड़ मोहर नहीं लगाई जाती है और अंकित किए गए तथ्य जाली, बनावटी और फर्जी हैं सो परिवादी बकाया दावा राशि 10 लाख 93 हजार 931 रुपए प्राप्त करने का अधिकारी है। बीमा कंपनी की ओर से कहा गया कि परिवादी को पांच लाख रुपए अदा किए जा चुके हैं और 8 साल से मधुमेह होने से बकाया दावा राशि का परिवाद खारिज किया जाए।
जिला आयोग ने परिवाद मंजूर करते हुए कहा कि बीमा कंपनी द्वारा पेश रोगी परची में जोड़े गए शब्दों की हस्तलिपि और स्याही अलग है जो पूर्णतया संदिग्ध है और हेरा फेरी कर रोगी परची में तथ्यों को अंकित करवाना बीमा कंपनी और उसके टी पीए पर भारी संदेह उत्पन्न करता है जो कि कूट रचना की श्रेणी में आता है। उन्होंने आठ साल पूर्व से बीमारी होने का तथ्य गलत,निराधार और अवैध रूप से मानते हुए दावा खारिज किया जाना सेवा में कमी तथा त्रुटि मानते हुए बकाया दावा राशि निर्धारित कर तीन माह में दावा राशि मय 10 अगस्त 2022 से 9 फीसदी ब्याज और 15 हजार रुपए हरजाना अदा करने का बीमा कंपनी को निर्देश दिया।

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