भारत का दुष्प्रचार से मुकाबला
– आपरेशन सिंदूर
सूचना के इस युग में युद्ध अब पारंपरिक युद्ध मैदान से कहीं आगे पहुंच गया है। सैन्य अभियानों के साथ-साथ,ऑनलाइन भी भीषण सूचना युद्ध लड़ा जा रहा है। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सशस्त्र बलों की सटीक और रणनीतिक कार्रवाई के बाद,भारत को अब पाकिस्तान के आक्रामक दुष्प्रचार का सामना करना पड़ रहा है। पाकिस्तान का मकसद सच्चाई को झूठ में बदलना,वैश्विक स्तर पर लोगों को गुमराह करना और फर्ज़ी सूचनाओं का बवंडर खड़ा कर सहानुभूति बटोरने के लिए धूर्तता से अपना पक्ष रखना है। हालांकि भारत तथ्यों और पारदर्शिता के साथ फर्ज़ी सूचनाओं का सक्रियता से जवाब दे रहा है और झूठी खबरों को खारिज कर रहा है। वह डिजिटल सतर्कता भी बरत रहा है।
पाकिस्तानी दुष्प्रचार:-
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने कूटनीतिक अनर्गल बयानबाजी के साथ ही गलत सूचनाओं की बाढ़ लगा दी जिसमें उसने कई तिकरमबाज़ी का सहारा लिया।
पुराने मीडिया सामगी को शातिराना ढंग से पेश करना:-
इसमें पाकिस्तान ने पुरानी तस्वीरों और वीडियो को हाल के युद्ध के चित्र बताकर पेश किए।
मनगढ़ंत जीत:-
पाकिस्तान ने भारत को हुए भारी नुकसान के झूठे दावे की मनगढ़ंत कहानियां रचीं। जेट विमान गिराने और सैनिकों को हिरासत में लेने की फर्ज़ी आधारहीन खबरें प्रस्तुत की। पाकिस्तानी मीडिया ने भी इन झूठे दावों को अपने चैनलों पर लगातार प्रसारित किया।
सरकार की मिली भगत:-
पाकिस्तान सरकार के मंत्रियों और उच्च पदस्थ अधिकारियों ने भी सोशल मीडिया पर बिना सत्यापित और तोड़-मरोड़ कर बनाई गई सामग्रियों को खूब बढ़ावा दिया।
भारत की प्रतिक्रिया-वास्तविकता, मनगढ़ंत बातें नहीं:-
भारत ने इस फर्जी सूचना हमले का जवाब साक्ष्य-आधारित रणनीति के साथ दिया है जो पारदर्शिता और जिम्मेदारी पर आधारित है।
1.वास्तविक समय तथ्य-जांच
भारत पाकिस्तान की भ्रामक और झूठी सूचनाओं से निपटने के लिए एक समर्पित टीम के साथ दृश्यात्मक सबूतों और फर्जी खबरों के स्रोत को उजागर कर वायरल दावों को तेजी से खारिज कर रहा है। भारत द्वारा समय पर किए जा रहे हस्तक्षेप से सच सामने आ रहा है।
• इससे भ्रम फैलाने वाले वीडियो की उत्पत्ति उजागर हो रही है।
• तोड़-मरोड़ कर शातिराना ढंग से संपादित पुराने चित्रों और वीडियो की वास्तविक तिथि और संदर्भ सामने लाए जा रहे हैं।
• सत्यापन योग्य डाटा के साथ झूठे दावों का सार्वजनिक रूप से मुकाबला किया जा रहा है।
उदाहरण के लिए पाकिस्तान की ओर से जारी एक फर्जी वीडियो में यह दावा किया गया कि पाकिस्तानी वायुसेना ने श्रीनगर एयरबेस को निशाना बनाया है पर वास्तिकता जांच में पता चला कि यह फुटेज पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में 2024 के आरंभ में हुई सांप्रदायिक झड़पों के समय की है। इस वीडियो का कश्मीर या किसी हालिया हवाई हमले से कोई लेना-देना नहीं है। https://x.com/PIBFactCheck/status/1919916769403134126
रक्षा सूत्रों के अनुसार,एक अलग अफवाह फैला कर दावा किया गया कि पाकिस्तान ने एक भारतीय ब्रिगेड मुख्यालय को नष्ट कर दिया है लेकिन सच्चाई यह है कि ये बेबुनियाद और पूरी तरह मनगढ़ंत बात है। https://x.com/PIBFactCheck/status/1919922375069409298
इसके अलावा सितंबर 2024 में राजस्थान के बाड़मेर में मिग-29 दुर्घटना की एक पुरानी तस्वीर को पाकिस्तान समर्थक एक सोशल मीडिया हैंडल द्वारा हाल में भारतीय वायुसेना को हुआ नुकसान बताकर फिर से प्रसारित किया गया। वास्तविकता यह है कि हाल में ऐसी कोई घटना हुई ही नहीं। https://x.com/PIBFactCheck/status/1919973596665135471
ऐसी कपट नीतियां एक व्यापक मनोवैज्ञानिक अभियान का हिस्सा होती हैं जिसका मकसद लोगों में भ्रम पैदा करना,उनका मनोबल गिराना और पाकिस्तान के पक्ष में वैश्विक आडंबर खड़ा करना है।
2.रणनीतिक संचार
समन्वित प्रेस ब्रीफिंग और सत्यापित डिजिटल हैंडल द्वारा भारतीय रक्षा बल लगातार सटीक समाचार दे रहा है ताकि जानकारी का अभाव न रहे और कोई इसका फायदा न उठाए।अब तक, ऑपरेशन सिंदूर और प्रासंगिक जानकारी से जनता को अवगत कराने के लिए दो प्रेस ब्रीफिंग हुई है।
3.डिजिटल सतर्कता और सार्वजनिक जागरूकता
भारत के लोग जागरूकता प्रदर्शित करते हुए वायरल सामग्री के प्रति सावधानी बरत रहे हैं। कई भारतीय डिजिटल प्रभावकारी कार्यक्रम बनाने वाले और रक्षा विश्लेषक समन्वित प्रयासों से तथ्यों की जांच परख कर गलत सूचना को उजागर करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
पाकिस्तान के शोर-शराबे फैलाकर अपनी कमजोरी छुपाने को भारत ने उजागर किया:-
भारत द्वारा पाकिस्तानी दुष्प्रचार का सामना अब उसकी झूठी खबरों को खारिज करने से कहीं आगे पहुंच गया है। अब वह पाकिस्तान के सैन्य ढांचे की प्रणालीगत खामियों को भी उजागर कर रहा है,जिसे पाकिस्तान अब तक गलत कहानियां गढ़कर छिपाता रहा है।
इससे पता चलता है कि पाकिस्तान की सेना,जिसे अक्सर शक्तिशाली बताकर पेश किया जाता है दरअसल विदेशी हथियारों के कॉर्पोरेट खरीदार की तरह संचालित होती है। भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान स्पष्ट तौर पर यह बात सामने आ गई।
• विमान,क्रूज मिसाइलों,यूएवी और सामरिक बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने के लिए डिज़ाइन किया गया चीन द्वारा विकसित एचक्यू-9 प्रणाली बहावलपुर और मुरीदके में गहरे लक्ष्यों पर हमले के दौरान भारत की स्काल्प मिसाइलों का पता लगाने या उन्हें रोकने में विफल रही।
• पाकिस्तानी कमांड-एंड-कंट्रोल केंद्र 25 मिनट के सिंदूर ऑपरेशन के दौरान वास्तविक समय में कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखा सकी।
• पाकिस्तान की पीएल-15 हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल भारतीय सुखोई विमान-के विरूद्ध मिसफ़ायर कर गई। इससे पाकिस्तान के मौजूदा रक्षा बुनियादी ढांचे के आयातित प्रणाली की विफलता का पता चलता है।
• पाकिस्तानी सेना के जनरल निर्णायक नेतृत्व की बजाय केवल अलर्ट संबंधी प्रतिक्रिया ही व्यक्त करते रह गए। उनका रवैया युद्ध को निर्देशित करने वाले कमांडरों की बजाय स्प्रेडशीट जांच करने वाले कार्यालय प्रबंधक की तरह ही रहा।
रणनीतिक जड़ता और तकनीकी भेद्यता का यह खुलासा पाकिस्तान द्वारा ऑनलाइन बढ़ा-चढ़ाकर पेश की जाने वाली सामग्री से बिल्कुल विपरीत है। भारत ने फर्जी सूचनाओं के विरूद्ध अभियान से यह सच उजागर कर दिया कि पाकिस्तान बिना परीक्षण वाले आयातित हथियारों और पुरानी रणनीति के भरोसे ही बढ़ा-चढ़ाकर अपनी फौज की वीरता की कहानी पेश कर रहा है।
भारत विश्वसनीयता के साथ सच्चाई सामने ला रहा है:-
भारत ने जज्बाती प्रतिक्रिया की बजाय,फर्जी सूचना युद्ध से निपटने के लिए संयमित और व्यवस्थित दृष्टिकोण अपनाया है।
परिचालन सफलता को सामने लाना:-
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता प्रभावी ढंग से बताई गई जिसमें सनसनी फैलाने की बजाय लोगों को रणनीतिक कौशल और सफलता की सूचना दी गई।
दुष्प्रचार के स्रोतों को खारिज करना:-
भारतीय अधिकारियों ने पाकिस्तान स्थित कई फर्जी सोशल मीडिया और अन्य अकाउंट द्वारा तोड़- मरोड़कर तथ्यों को पेश करने की बात उजागर की है। उनमें से कई अब अंतरराष्ट्रीय सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म की जांच के घेरे में आ गए हैं।
मीडिया साक्षरता को बढ़ावा देना:-
लोगों को फर्जी खबरों की पहचान बताने का अभियान चलाने से सुरक्षित डिजिटल माहौल बनाने में मदद मिली है।
सच्चाई एक रणनीतिक शक्ति:-
दुष्प्रचार के खिलाफ भारत की लड़ाई हाइब्रिड युद्ध से निपटने में देश की परिपक्वता का प्रमाण है। सही तथ्यपरक जानकारी देकर झूठी सूचनाओं का मुकाबला करने और विश्वसनीय संचार द्वारा भारत न केवल अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता का बचाव कर रहा बल्कि सूचना की विश्वसनीयता को भी बचाए रख रहा है। ऐसे युग में जहां धारणा गढ़कर नीति को आकार दी जाती हो और जहां एक ट्वीट से ही दहशत फैल जाती हो,वहां गलत सूचनाओं को उजागर और बेअसर करने की भारत की क्षमता युद्ध के मैदान में जीत जितनी ही महत्वपूर्ण है।