मुख्यमंत्री शहर में,बीच सड़क पर वकील की बाइक रोक कर सरेआम हत्या
- साइड में ले जाकर चाकुओं से गोदा
- सिर पर पत्थर से मारा
- वीडियो वायरल
जोधपुर,शहर में शनिवार को मुख्यमंत्री का तीन दिवसीय दौरा आरंभ हुआ। इधर उनका जोधपुर में आना हुआ और उधर दिनदहाड़े एक अधिवक्ता की हत्या कर दी गई। बदमाशों मेें न तो पुलिस का खौफ रहा और न ही खुद किए का पछतावा। हालांकि पुलिस ने हत्यारों को दस्तयाब कर लिया है। जिनसे पूछताछ जारी है। शहर के भदवासिया अस्पताल के सामने बीच सडक़ पर दो लोगों ने वकील की चाकुओं से गोदकर और सिर पर पत्थर मारकर बेरहमी से हत्या कर दी। वकील बाइक पर अपने घर की तरफ जा रहा था, तभी दो आरोपियों ने उसका रास्ता रोका और गाड़ी से उतारकर मारपीट शुरू कर दी। इतने में एक ने चाकू निकाला और सीने व पेट पर वार करना शुरू कर दिए। वह नीचे गिरा तो उसके सिर पर पत्थर पटक दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इस बीच कुछ लोगों ने बचाने के भी प्रयास किए लेकिन वे नहीं माने। पुलिस ने दो आरोपियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर,हिरासत में लिया है। दोनों से पूछताछ की जा रही है कि उन्होंने वकील की हत्या क्यों की।
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डीसीपी अमृता दुहन ने बताया कि घटना शाम करीब 6 बजे की है। मंदिर वाला मोहल्ला में रहने वाले जुगराज चौहान (48) बाइक से अपने घर लौट रहे थे,घर के पास ही बीच सडक़ पर आरोपी अनिल और मुकेश ने बाइक रोकी और पीटना शुरू कर दिया। पहले अनिल ने और फिर मुकेश ने मिलकर तीन से चार वार किए। इसके बाद अनिल ने उस पर दो बार सिर पर पत्थर पटक दिया। जिससे उसकी मौत हो गई। घटना स्थल पर भारी जाम लग गया। माता का थान थाना पुलिस को सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची और उसे अस्पताल भिजवाया, यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद पुलिस ने दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
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जमीन अपने नाम करवाने एवं प्रोपर्टी का विवाद
पुलिस का कहना है कि दोनों पक्षों के बीच जमीन विवाद भी चल रहा था। आरोपियों का एक 700 वर्गफीट का प्लॉट था, कोर्ट के आदेश पर जुगराज को सौंप दिया गया। इससे आरोपी 70 वर्गफीट के कमरे में रह रहे थे। वकील ने वहां पर मकान बनाकर मजदूरों व अन्य को किराए पर दे दिया, जिससे अच्छा किराया आ रहा था। आरोपियों के पास आय का कोई साधन नहीं था। यह देखकर आरोपियों को बुरा लगता था।
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जुगराज ने लगाया था बेटे की हत्या का आरोप
एडीसीपी ने बताया कि अनिल और मुकेश ने पुलिस को बताया कि उसके बेटे की तीन साल पहले कार एक्सीडेंट में मौत हो गई थी। इस पर जुगराज ने अनिल और मुकेश पर हत्या का आरोप लगाया था। जुगराज को लगता था कि उसने प्लॉट ले लिया है,इसलिए आरोपियों ने बेटे की हत्या करवाई है। इसके अलावा समाज में भी बेटे की हत्या की बात को लेकर आए दिन बदनाम करता था। जांच के बाद पुलिस ने निर्दोष बताया था लेकिन वकील ने फिर से जांच के लिए आवेदन दिया।
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घटना से पहले दोनों पक्ष को बुलाया गया था
घटना वाले दिन शनिवार को दिन में मंडोर एसीपी राजेंद्र दिवाकर ने दोनों पक्षों को बुलाया था। आरोपियों ने बताया कि वे बहुत ज्यादा परेशान हो गए थे,जिससे यह तय किया कि परेशान होने से अच्छा है जेल जाना। शाम को उसके घर आने का इंतजार किया और फिर उसे मौत के घाट उतार दिया।
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