आईआईटी जोधपुर ने की अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी

जोधपुर,आईआईटी जोधपुर ने की अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी।भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी जोधपुर)ने अमेरिका के तुलसा विश्वविद्यालय के सहयोग से 4-5 जनवरी को नई दिल्ली के इरोस होटल में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी की। सम्मेलन में फोरेंसिक प्रयोगशालाओं,शिक्षाविदों,शोधकर्ताओं,कानून प्रवर्तन कर्मियों और सरकारी अधिकारियों सहित विभिन्न जांच एजेंसियों के प्रमुख लोगों ने भाग लिया और दुनिया भर के 15 देशों (संयुक्त राज्य अमेरिका,ब्रिटेन,स्वीडन, दक्षिण अफ्रीका,हांगकांग और ऑस्ट्रेलिया सहित)ने भाग लिया। दो दिवसीय सम्मेलन में 7 सत्र शामिल किये गये।डीपफेक,डिजिटलफोरेंसिक मॉडल,नेटवर्क फोरेंसिक,डिजिटल फोरेंसिक उपकरण और तकनीक, क्लाउड फोरेंसिक,मोबाइल और एंबेडेड डिवाइस फोरेंसिक, औद्योगिक नियंत्रण प्रणाली और फोरेंसिक जैसे विषयों पर 15 शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे।

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मुख्य व्याख्यान लेफ्टिनेंट जनरल एम. उन्नीकृष्णन नायर,राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक,राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय,भारत सरकार,नई दिल्ली द्वारा “डिजिटल फोरेंसिकः दृष्टिकोण और दिशाएँ” पर तथा डॉ. गौरव गुप्ता,अतिरिक्त निदेशक और वैज्ञानिक ई,इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने “डिजिटल फोरेंसिक इकोसिस्टम का विकास” पर जोर दिया गया। लेफ्टिनेंट कर्नल (डॉ.) संतोष खडसरे ईसेक फोर्ट टेक्नोलॉजीज ने मुख्य व्याख्यान देने वाले वक्ताओं का स्वागत करते हुए डिजिटल फोरेंसिक बुनियादी ढांचे के आत्मनिर्भरता (उत्पादों का स्वदेशी विकास) की आवश्यकता पर जोर दिया।

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सम्मेलन के बारे में बात करते हुए, सम्मेलन के अध्यक्ष व इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के अतिरिक्त निदेशक/वैज्ञानिक ई.डॉ.गौरव गुप्ता ने कहा चूंकि अपराधी पृथ्वी पर सबसे रचनात्मक लेकिन आलसी लोग हैं और उनके ये लक्षण कंप्यूटर धोखाधड़ी और साइबर अपराधों के खतरे से निपटने के लिए समाधान विकसित करने के लिए उपयोग में लाये जा सकते हैं। यह सम्मेलन दुनिया भर के शोधकर्ताओं और अभ्यासकर्ताओं के लिए उस लक्ष्य की ओर लक्षित अपने नवीन शोध कार्यों को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा। लोगों का डिजिटल प्रौद्योगिकियों पर भरोसा सुनिश्चित करने के लिए पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए देश को डिजिटल फोरेंसिक की आवश्यकता है।

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डॉ.सौमित्र कुमार सनाढ्य सम्मेलन के अध्यक्ष और प्रोफेसर (कंप्यूटर विज्ञान और अभियांत्रिकी विभाग) डीन (डिजिटल परिवर्तन) मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी भाप्रौसं जोधपुर ने सम्मेलन के आयोजन में अहम योगदान दिया। अपने कार्यक्षेत्र और सम्मेलन के बारे में बात करते हुए, प्रोफेसर सौमित्र ने कहा मेरा कार्य क्षेत्र कंप्यूटर सुरक्षा के आसपास केंद्रित है और डिजिटल फोरेंसिक एक उभरता हुआ क्षेत्र है जो ऐसे समाधान देने का वादा करता है जिससे इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य से जुड़े मामलों की जांच में तेजी लाकर कानून प्रवर्तन एजेंसियों को लाभ पहुंचाया जा सकता है। डिजिटल फोरेंसिक पर 20वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के आयोजन से जुड़ने का मेरा उद्देश्य डिजिटल फोरेंसिक के क्षेत्र में अनुसंधान करने में रुचि रखने वाले भारतीय छात्रों को इस क्षेत्र में होने वाले उच्च-स्तरीय शोध से परिचित कराना है।

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डिजिटल फोरेंसिक पर आईएफआईपी वर्किंग ग्रुप 11.9 (IFIP WG 11.9) वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और चिकित्सकों का एक सक्रिय अंतरराष्ट्रीय समुदाय है जो डिजिटल फोरेंसिक के महत्वपूर्ण क्षेत्र में अनुसंधान और अभ्यास की कला को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित है। डिजिटल फॉरेंसिक पर 20 वां वार्षिक आईएफआईपी डब्ल्यूजी 11.9 अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन सभी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के निष्कर्षण, विश्लेषण और संरक्षण से संबंधित मूल,अप्रकाशित शोध परिणामों और नवीन विचारों को प्रस्तुत करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा। MeitY के उद्देश्य और मिशन के साथ डिजिटल फोरेंसिक पर 20वें IFIP WG 11.9 अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की प्रासंगिकता और जुड़ाव डिजिटल फोरेंसिक के नए और दिलचस्प क्षेत्र में अनुसंधान प्रयासों को बढ़ावा देना है। डिजिटल फोरेंसिक अनुसंधान का आउटपुट सीधे कंप्यूटर सिस्टम और साइबर स्पेस के लिए सुरक्षित समाधान के विकास से संबंधित हैं।

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