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बीच समुद्र में केसिनो में खेलते पकड़ा हिस्ट्रीशीटर

  • जोधपुर से नेपाल तक पुलिस का सर्च
  • कारोबारी के साथ दुकान में घुस कर हुई डकैती को खुलासा
  • गोवा से हिस्ट्रीशीटर सहित तीन गिरफ्तार
  • शेखावटी गैंग भी रही शामिल
  • 14.6 लाख बरामद
  • परिवादी खुद संदेह के घेरे में
  • हिस्ट्रीशीटर का लारेंस गैंग से रहा है संपर्क
  • वारदात में प्रयुक्त कार बरामद

जोधपुर,शहर के सरदारपुरा इलाके प्रथम बी रोड पर एक कारोबारी से दुकान में घुसकर बंधक बनाने और वहां से 7 लाख की डकैती करने वाली गैंग का पुलिस ने खुलासा किया है। सबसे बड़ी बात है कि इस वारदात को अंजाम देने में दो गैंग का हाथ रहा है। एक गैग स्थानीय थी तो दूसरी शेखावटी अंचल की निकली है। सात लोग वारदात में शरीक होना अब तक सामने आया है। तीन आरोपियों को पकड़ा गया है। जिसमें एक मंडोर थाने का हिस्ट्रीशीटर है जो इस गैंग का सरगना भी है। उसका लारेंस गैंग से भी पूर्व में संपर्क रहा है। इस प्रकरण में लारेंस का हाथ है या नहीं पुलिस इसकी भी पड़ताल में जुटी है। प्रथम दृष्टया उसका इसमें कोई लेना देना सामने नहीं आ रहा है। पुलिस ने अभियुक्तों की निशानदेही पर कार भी जब्त कर ली है। अभियुक्तों को पकडऩे के लिए पुलिस की टीम गोवा तक तफरी मार कर आई।

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पुलिस उपायुक्त पश्चिम गौरव यादव ने बताया कि 4 मार्च को कारोबारी मोहन लाल पुत्र जेसाराम प्रजापत निवासी जावा तहसील सिरोही हाल निवासी सरदारपुरा बी रोड  के साथ हुई डकैती की वारदात को शीघ्र ट्रेस आउट करने के निर्देश प्रदान किए गए। एडीसीपी हरफूल सिंह,एसीपी चक्रवर्ती सिंह राठौड़ द्वारा डकैती करने वाले अज्ञात व्यक्तियों की तलाश व दस्तयाबी के लिए थाना पर एक विशेष टीम का गठन किया गया। इसमें थानाधिकारी सोमकरण, प्रोबेशनर एसआई लक्ष्मी, हैड कांस्टेबल शकील,प्रेम चौधरी,राजेंद्र पटेल,कैलाश राजपुरोहित,राजाराम डूडी एवं अविनाश बाबल को लगाया गया।

यह है मामला

परिवादी ने पुलिस को बताया कि वह बाहर से कलेक्शन करके में रूम पर आया था। उसके पास में तकरीबन 7 से 8 लाख रुपये थे,जो ऑफिस के काउण्टर में रखे थे। तभी तकरीबन 5 बजे के आस पास कार्यालय में एक लडक़ा मुंह बाधा आया। उसके पीछे पीछे 3 अन्य व्यक्ति आए। परिवादी के  मुंह पर सेलटेप बांध कर मारपीट करने लगे। उसके बाद उन्होंनेे काउण्टर से 7 से 8 लाख रुपए लूट कर ले गए। सेठजी के रखे हुए रुपये भी अलमारी खोल कर ले गए। बदमाश लोग परिवादी को ऑफिस में बंद करके व सीसीटीवी कैमरे की डीवीआर भी अपने साथ ले गए। उसके बाद ये कार से भाग गए। फिर में दरवाजा जैसे तेसे खोलकर बाहर आया और पुलिस को सूचना दी।

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पहले रैकी करने वाले शख्स की हुई पहचान

डीसीपी यादव ने बताया कि प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुए साईबर सैल पश्चिम की सहायता से घटना स्थल के आस पास के सीसीटीवी फुटेज चैक कर अज्ञात डकैती करने वाले व्यक्तियों के आने जाने के रास्ते का पता लगाया गया। तब सीसीटीवी फुटेज प्राप्त कर वारदात के समय मोटरसाईकिल पर रैकी करने वाले शख्स की पहचान सुनिल उर्फ बिटु के रूप में की गई।

आई-20 कार का लगा पता

सीसीटीवी फुटेज में एक आई-20 कार एवं सन्दिग्ध शख्स नजर आए। जिस पर उनकी पतारसी शुरू की गई। जिस पर पहले कापरड़ा के सुनिल को दस्तयाब कर पूछताछ की गई। उसने वारदात पवन सोलंकी व उसके सहयोगियों द्वारा करना बताया।

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हिस्ट्रीशीटर पवन सोलंकी नेपाल भागा,फिर गोवा लौटा

डीसीपी यादव के अनुसार पवन की तलाश तकनीकी आधार पर की गई। जिस पर मुलजिम पवन सोलंकी के काठमाडू नेपाल होने की सूचना मिलने पर उसकी दस्तयाबी के लिए नेपाल पुलिस से सम्पर्क कर तलाश की गई। मगर पवन सोलकी को भनक लग जाने से नेपाल से गोवा आ गया। निरन्तर पीछा कर उसकी दस्तयाबी के लिए उक्त पुलिस टीम को गोवा भेजा गया।

केसिनो से धरा गया पवन सोलंकी

पुलिस की टीम द्वारा अथक प्रयास कर गोवा में बीच समुन्द्र में केसिनो सेन्टर पर तलाश कर दस्तयाब किया गया। वारदात में पवन सोलंकी से पूछताछ के आधार पर सहयोगी दिलीप कुमार को पाली से दस्तयाब किया गया।

पुलिस को किया भ्रमित,किसी दूसरे की गाड़ी के नंबर लगाए

जांच में सामने आया कि अभियुक्त पवन सोलंकी शातिर बदमाश होने से अपनी निजी रंजिश के चलते मनीष सोलंकी के वाहन के नम्बरों का उपयोग पुलिस को भ्रमित करने के लिये किया गया। दूसरे सहयोगी दिलीप के कब्जे से वारदात में प्रयुक्त कार आई-20 को जब्त किया गया।

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45 लाख की डकैती होना बताया

थानाधिकारी सोमकरण ने बताया कि मुल्जिम पवन सोलकी द्वारा पूछताछ मे कारोबारी से 45 लाख की डकैती करना स्वीकार किया। वह पुलिस थाना माता का थान के प्रकरण में भी नामजद आरोपी है।

समुद्री जहाज में खेल रहा था केसिनो

पुलिस की टीम पुख्ता सूचना पर समुद्री जहाज पर गई थी। समुद्र के बीचोंबीच पवन सोलंकी को केसिनो से उठाया गया।

दो बार पहले भी किया था प्रयास

अब तक जांच में सामने आया कि आरोपी पवन सोलंकी ने वारदात से सप्ताह भर पहले और उससे कुछ और दिन पहले भी डकैती की योजना बनाई थी। मगर भीड़भाड़ वाला इलाका होने से अपना इरादा बदल डाला था।

मनीष सोलंकी ने उसका वीडियो बनाकर गलत बातें लिखीं

आरोपियों के पास मिली कार पर जयपुर के एक मनीष सोलंकी नाम के शख्स की कार के नंबर पाए गए। पुलिस ने पड़ताल आरंभ की तो मालूम हुआ कि वह मनीष सोलंकी नाम के शख्स की है और वह जयपुर में है। उसकी कार भी ग्रे रंग की है। जबकि वारदात के लिए सफेद रंग की कार काम में ली गई। पवन ने पुलिस को जानकारी में बताया कि मनीष सोलंकी ने उसका वीडिया बनाकर गलत कमेंट किए थे। जिस पर बदले की भावना से पवन ने उसकी गाड़ी के नंबर आई-20 कार पर लगा दिए ताकि पुलिस का संदेह उस पर बना रहे।

चार हजार किलोमीटर की यात्रा

पुलिस की टीम ने बदमाशों की धरपकड़ के लिए चार हजार किलोमीटर तक दूरी तय की। पहले नेपात बार्डर तक गए फिर लौट कर गोवा पहुंचे। यहां बीच समुद्र के केसिनो से पवन सोलंकी को उठाया।

शेखावटी गैंग का है विक्की उर्फ विक्रम

आरोपी पवन सोलंकी ने विक्रम उर्फ विक्की सैनी की गैंग से सम्पर्क कर वारदात करना स्वीकार किया है। विक्रम उर्फ विक्की गैंग के दो सदस्यों को पुलिस थाना मुकुन्दगढ जिला झुंझुनू द्वारा शनिावर को गिरफ्तार किया गया है। विक्की उर्फ विक्रम की तलाश जारी है।

इन्हें किया गया गिरफ्तार,यह है आपराधिक रिकॉर्ड

पुलिस निरीक्षक सोमकरण के अनुसार आरोपी पवन सोलंकी पुत्र लालसिंह पदाला बेरा मंडोर का रहने वाला है। वह मंडोर थाने का हिस्ट्रीशीटर है। उसके खिलाफ लूट, मारपीट,आर्म्स एक्ट,हत्या प्रयास, धोखाधड़ी एवं आईटी एक्ट सहित अन्य धाराओं में तकरीबन 15 प्रकरण दर्ज हो रखे हैं।

पाली जिले के वैंकटेश मार्ग कोतवाली निवासी दिलीप कुमार पुत्र अशोक कुमार के खिलाफ एक प्रकरण सामने आया है। जो कोतवाली पुलिस पाली में दर्ज होने के साथ चालान हो रखा है। मामला मारपीट एवं लज्जा भंग का है। तीसरे पकड़े गए आरोपी कुड खोखरिया कापरड़ा निवासी सुनील उर्फ बिट्टू पुत्र मोमराज विश्रोई है। जिसके खिलाफ 11 प्रकरण सामने आ रखे हैं। वह जाली नोट प्रकरण में गिरफ्तार होने के साथ उसका चालान भी हो रखा है। साथ ही उसके खिलाफ ज्यादातर प्रकरण चोरी के हैं। सभी प्रकरणों में चालानसुदा मुल्जिम है।

अन्य आरोपियों की हुई पहचान

पुलिस ने वारदात में शरीक दूसरी गैंग के तीन लोगों उदयपुर वाटी झुंझूनूं के विक्रम सैनी उर्फ विक्की,कुलदीप उर्फ केडी एवं राजेश सैनी की पहचान की है। इनकी भी अब सरगर्मी से तलाश जारी है।

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