राजस्थान,गुजरात और हरियाणा के सूखे स्थलों का हेली सर्वे शुरू

शेखावत ने दिखाई हरी झंडी

जोधपुर, शहर के निकट गांव चौखा से मंगलवार को राजस्थान गुजरात और हरियाणा के सूखे स्थलों का हेलीबॉर्न सर्वे शुरु हुआ। इस सर्वे से इन सूखे स्थलों में जमीन के अंदर कितना पानी है। कितने एक्विफर है। इसकी जानकारी मिलेगी। जमीन के अंदर पुरानी जलधारा के नेटवर्क का पता लगाया जाएगा। साथ ही वहां स्थित पानी की क्वालिटी पर भी रिसर्च होगा। इससे इन सूखे स्थलों पर कृत्रिम प्रबंधित पुनर्भरण के जरीए भूजल स्तर में सुधार करने में मदद मिलेगी। यानी कुल मिला कर सूखे स्थलों के जमीन में पानी को लेकर उसके हेल्थ कार्ड सहित मैप तैयार होगा।

इस हेलिकॉप्टर युक्त भूभौतिकी सर्वेक्षण का उद्घाटन मंगलवार को केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत एवं डॉ जितेंद्र सिंह द्वारा चौखा स्थित भारतीय हथकरघा प्रौद्योगिकी संस्था के ग्राउंड से हरी झंडी दिखाकर किया।

शहर के निकट गांव चौखा से मंगलवार को राजस्थान गुजरात और हरियाणा के सूखे स्थलों का हेलीबॉर्न सर्वे

पानी की समस्या का होगा निवारण

ये सर्वेक्षण शुष्क क्षेत्रों में पानी की समस्या के निवारण और भू-जल संसाधनों को बढ़ाने के लिए राजस्थान, गुजरात, हरियाणा और पंजाब राज्यों में दो चरणों में होगा। पश्चिमी राजस्थान के साथ ही गुजरात और हरियाणा के शुष्क और अर्द्ध शुष्क वे जिले जहां बारिश का आंकड़ा हमेशा घटता-बढ़ता है और वहां भूजल के नए स्रोत तलाशने की संभावना है। पहले चरण में 1 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र शामिल

दो चरणों में सर्वे

दो चरणों में होने वाले इस सर्वेक्षण के पहले चरण (2021-22) में 1 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को शामिल किया गया है। इसमें राजस्थान के आठ जिलों में लगभग 65,500 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र, गुजरात के 5 जिलों का 32,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र और हरियाणा के 2 जिलों में 2,500 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र सम्मिलित है।

जल संरक्षण को मिलेगा संबल

जल संरक्षण को बढ़ावा देना इस प्रोजेक्ट से जल संरक्षण को संबल मिलेगा। जलभृत मानचित्रण, कृत्रिम पुनर्भरण के लिए स्थलों, 3-डी भूभौतिकीय प्रतिरूप, भूभौतिकीय विषयगत मानचित्र, असंतृप्त जलभृतों की जानकारी के साथ भूजल की गुणवत्ता की पहचान होगी। पुरा- वाहिका नेटवर्क का स्थानागत वितरण होगा। भूजल निकासी के लिए उत्तम उपयुक्त स्थल और कृत्रिम या प्रबंधित जलभृत पुनर्भरण के जरिए जल संरक्षण होगा।

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