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16 करोड़ की धोखाधड़ी का खुलासा, दो खाताधारकों को उदयपुर से पकड़ लाई पुलिस

  • हैण्डीक्राफ्ट निर्यातक से ऑनलाइन हुई थी ठगी
  • एक गैस चूल्हा रिपेयरिंग करने वाला
  • दूसरा कंपनी में नौकरी करने वाला -32 लाख रूकवाए
  • 1 करोड़ और होल्ड करवाने की तैयारी में

जोधपुर,शहर में हैंडीक्राफ्ट निर्यातक से 16 करोड़ 26 लाख की ऑनलाइन ठगी के मामले में पुलिस लगातार जांच में जुटी रही। आखिकर साइबर की टीमों की मेहनत रंग लाई और दो ऐसे लोगों को पकड़ा गया जो रुपयों को आगे से आगे ट्रांसफर करते थे। पुलिस ने दो ऐसे खाताधारकों को उदयपुर से पकड़ा है। इसमें एक गैस चूल्हा रिपेयरिंग का काम करता है तो दूसरा एक मेटल कंपनी में कार्य करता है। पुलिस ने प्रकरण मेें 32 लाख रूपयों को होल्ड करवाने में भी सफलता हासिल की है जबकि 1 करोड़ की रकम को रूकवाने का प्रोसेस जारी है।

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डीसीपी पूर्व अमृता दुहन के अनुसार जिन दो लोगों को पकड़ा है उनमें उदयपुर के सुखेर स्थित अशोक गली पुरानी पंचायत निवासी दीपक सोनी पुत्र जगदीश सोनी और उदयपुर के ही मानव गर्ग पुत्र नाथूलाल गर्ग है। दीपक पेशे से गैस चूल्हा रिपेयरिंग का काम करता है जबकि मानव गर्ग सिक्योर मेटल कंपनी में जॉब करता है। इनकी चेन काफी बड़ी है और यह लोग ठगी के पैसों को आगे से आगे ट्रांसफर करने का काम करते हैं। लोगों की आइडी लेकर फर्जी तरीके से खाते खोलने के साथ उनका मिस यूज करते हैं। इनका सरगना हाथ नहीं लगा है। काफी लंबी चौड़ी चेन है। डीसीपी दुहन ने बताया कि पुलिस ने अभी तक 32 लाख का एक ट्रांजेक्शन रूकवाया है और एक करोड़ का प्रोसेसिंग में है।

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इसमें मुख्य आरोपी के दुबई चले जाने की आशंका है। निर्यातक ने 7 राज्यों में 4 बैंकों के करीब 8 खातों में रुपये ट्रांसफर किए हैं। कुछ ऑन लाइन व कुछ चेक के माध्यम से रुपये जमा करवाया था। हालांकि जोधपुर पुलिस ने सभी बैंकों में कॉन्टैक्ट कर इन खातों को फ्रिज करवा दिया है।

पुलिस ने बताया कि शातिर ठगों ने निर्यातक निवासी पावटा से पुणे के विमाननगर के 79, एसआरके ट्रेडिंग लिमिटेड,राजा अन्नामलाईपुरम चेन्नई के वायएसएम एन्टरप्राइजेज,त्रिसूर केरल के अब्दुल कादिर नाम के अकाउंट,मनिकोंडा हैदराबाद के अकेदी राकेश लिमिटेड, ओधव अहमदाबाद के धनराज मेटल, पचामल केरल के एमएम फ्रूट एंड वेज लिमिटेड,उदयपुर के सोनी लिमिटेड और कांदीवली,मुंबई के मुकेश कुमार लिमिटेड नाम के अकाउंट में रुपये ट्रांसफर करवाया।

उदयपुर में जिस बैंक खाते में रुपये जमा कराए उसके खाताधाकर को पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पता चला कि किसी करण नामक व्यक्ति ने उसके खाते से रुपये निकाले हैं। करण अब दुबई में है। यह भी आशंका है कि वह इस गैंग का मुख्य सदस्य है, उसने नाइजीरियन के साथ मिलकर ठगी को अंंजाम दिया है।

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इन बैंक शाखाओं से निकाले गए रुपए

पुलिस ने बताया कि अलग-अलग राज्यों के शहरों में स्थित आईसीआईसीआई,एक्सिस, आईडीएफसी बैंक के खातों में ट्रांजैक्शन किया गया था। पुलिस इन खातों में उपयोग में लिए गए मोबाइल नंबर के आधार पर ठगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। जोधपुर पुलिस की साइबर टीम दिल्ली की साइबर टीम से संपर्क कर इस ठगी के हर पेंच को सुलझाने की कोशिश कर रही है।

निर्यातक से वाट्सएप पर हुई थी चेटिंग

माइक बी फोरे,इंड्रयू रिच,राफेल सोरोस और निक फॅल्कर नाम के फेक एडवाइजर के झांसे में आकर 1 नवंबर को निर्यातक अरविंद ने सिल्वर मेंबरशिप ली और सवा दो लाख रुपए उनके बताए गए खाते में ट्रांसफर कर दिए। अरविंद ने यह पेमेंट ऑनलाइन किया। इस पेमेंट पर उनको अच्छा रिटर्न मिला तो 1 लाख 4 हजार रुपए एचडीएफसी बैंक से ट्रांसफर कर दिए। फिर धीरे-धीरे 21 नवंबर तक क्रमशः 5,10,15, 20, 35 लाख ट्रांसफर कर दिए। ठगों ने विश्वास दिलाने के लिए एग्रीमेंट, डिजिटल सिग्नेचर आदि का प्रोपेगैंडा तक किया।

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