• सरकार इसे ठीक करवाने में नाकाम
  • पंजाब व राज्य सरकार इस पर ठोस कार्यवाई नही करती है तो हर स्तर पर संघर्ष किया जाएगा

जोधपुर, प्रदेश के 10 जिलों में पेयजल और सिचाई का मुख्य स्त्रोत इंदिरा गांधी नहर परियोजना में दूषित केमिकल युक्त पानी आने से न केवल कृषि योग्य भूमि बंजर हो रही है बल्कि लोगों के स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ हो रहा है। यह बात राज्य सभा सांसद राजेन्द्र गहलोत ने सर्किट हाउस में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कही।

इंदिरा नहर दूषित पानी Doordrishtinews.com

गहलोत ने राजस्थान सरकार से मांग की है कि वह पंजाब सरकार पर इंदिरा गांधी कैनाल के पानी में केमिकल व सीवरेज पानी को न छोड़ने के लिए दबाव बनाए। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी लिफट नहर परियोजना राजस्थान के 10 जिलों गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, चूरू, सीकर, झुंझुनू व नागौर के 7500 गांवों, शहरों और कस्बों को पेयजल व सिचाई हेतु जल की आपूर्ति होती है।

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वर्तमान में जो पानी हरिके बैराज में छोड़ा गया है वह काफी दूषित पानी है। इसमें पंजाब के कई औद्योगिक इकाइयों का दूषित केमिकल युक्त पानी और शहरी सीवरेज का गंदा पानी मिलने से यह पानी जहरीला हो रहा है। इन नगरों में स्थापित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट एवं केमिकल एफ्लुसट प्लांट की संख्या एवं शोधन क्षमता प्राप्त केमिकल एवं नगरीय अपशिष्ट मात्रा की तुलना में काफी कम है।

गहलोत ने कहा कि पंजाब में प्रवेश से पहले सतलुज नदी का पानी ‘बी’ श्रेणी का होता है जो दुषित होते हुए भी पीने योग्य है, लेकिन पंजाब में प्रवेश के बाद इसमें केमिकल युक्त दूषित पानी और सीवरेज का पानी मिलने से यह पानी ‘ई’ श्रेणी में परिवर्तित हो जाता है, जो पीने के लिए अनुपयोगी होने के साथ ही स्वास्थ्य के लिए भी काफी हानिकारक है।

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एनजीटी में भी पंजाब सरकार को लगाई थी फटकार

राज्यसभा सांसद राजेन्द्र गहलोत ने कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में इंदिरा गांधी नहर में केमिकल एवं सीवरेज का पानी छोड़ने पर फटकार लगाते हुए पंजाब सरकार पर 50 करोड़ की पेनल्टी लगाई थी। जनवरी, 2019 में नदी की सफाई का प्रोग्राम भी बनाया गया था जो दिसम्बर 2021 तक पूरा होना था।

परन्तु यह कार्य पूरा नहीं होने से अभी भी इंदिरा गांधी नहर में दूषित पानी आ रहा है। उन्होंने कि राजनीतिक अदूरदर्शिता के चलते राजस्थान सरकार इस मामले को लेकर पूरी तरह से उदासीन है और पंजाब सरकार पर इसके लिए उचित दबाव नहीं बना पा रही है, इसके चलते प्रदेशवासी अपशिष्ट, सीवरेज व केमिकल युक्त पानी पीने के लिए मजबूर है।

100 से अधित सीवरेज एवं केमिकल ट्रीटमेंट प्लांट की आवश्यकता

सांसद राजेन्द्र गहलोत ने कहा कि इन नदियों में जो केमिकल युक्त और सीवरेज का पानी बह रहा है उसके लिए लगभग 100 से अधिक सीवरेज एवं केमिकल एफ्लुएन्ट प्लांट की आवश्यकता है, लेकिन अभी तक यह कार्य 50 प्रतिशत भी पूरा नहीं हुआ है। हालात यह है कि इस पानी को सिचाई व पीने के उपयोग में लेने के कारण राजस्थान के यह 10 जिले कैंसर की राजधानी बन रहे हैं और यहां लगातार कैंसर मरीजों की संख्या बढ़ रही है।

दूषित पानी से पर्यावरण को भी भारी नुकसान हो रहा है।उन्होंने ने कहा कि इस संबंध में प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह को 11 फरवरी, 2021 को पत्र लिखकर उचित कार्रवाई की मांग की गई थी लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। हमारी प्राथमिकता इन्दिरा गांधी नहर को बचाना व इसमें शुद्ध जल प्रवाह कराना है। यदि इसमें राजस्थान व पंजाब सरकारें ठोस कार्यवाही करने में नाकाम रहती हैं तो इसके लिए हर स्तर पर संघर्ष करेंगे।

भारतीय जनता पार्टी जोधपुर शहर जिला के तत्वाधान में सर्किट हाउस में आयोजित इस प्रेस कांफ्रेंस में भाजपा जिलाध्यक्ष देवेन्द्र जोशी, पूर्व जिलाध्यक्ष घनश्याम डागा, जिला महामंत्री देवेन्द्र सालेचा, महेन्द्र मेघवाल, डा. करणीसिंह खींची, देवराज बोहरा, जगदीश धाणदिया भी मौजुद थे।
भाजपा जिलाध्यक्ष देवेन्द्र जोशी ने कहा कि वर्तमान में राजनैतिक परिस्थिति अैर मुख्यमंत्री के गृह जिले में पेयजल की समस्या अत्यधिक गंभीर समस्या है। जोधपुर में लिफ्ट केनाल से जो गंदा पानी आ रहा है उससे लोगों में बीमारियों फैल रही हैं।