रीट परीक्षा से पहले पकड़ा फर्जी परीक्षार्थी गिरोह

  • सरकारी स्कूल अध्यापक सहित चार गिरफ्तार
  • 4.50 लाख नगद, दस लाख के दो चेक, कूट रचित दस्तावेजों के साथ कोचिंग संस्थान चलाने वाला भी हिरासत में

जोधपुर, प्रदेश भर में रविवार होने वाली रीट परीक्षा से पहले ही मुस्तैद पुलिस ने नकल गिरोह और फर्जी परीक्षार्थियों का पता लगाना शुरू कर दिया है। कमिश्ररेट की जिला पूर्व पुलिस ने शनिवार को फर्जी परीक्षार्थी गिरोह का खुलासा करते हुए चार लोगों को पकड़ा है। इसमें कोचिंंग संस्थान चलाने वाला एक अध्यापक, एक सरकरी स्कूल का अध्यापक और दो अन्य परीक्षार्थियों को पकड़ा गया है। इनके पास से पुलिस ने साढ़े चार लाख नगद बरामद किए जाने के साथ दस लाख के चेक भी बरामद किए हैं। इनके पास में फर्जी कूटरचित दस्तावेज भी मिले हैं। पुलिस अब पकड़े गए अभियुक्तों से अन्य गिरोह का पता लगाने का प्रयास भी कर रही है।

पुलिस उपायुक्त पूर्व भुवनभूषण यादव ने बताया कि रविवार को आजोजित होने वाली रीट परीक्षा को लेकर नकल और फर्जी गिरोहों का पता लगाने के लिए पुलिस को सख्त दिशा निर्देश दिए गए। इसके लिए पुलिस की टीमों का गठन किया गया। तब मानजी का हत्था क्षेत्र में चलने वाले मीरा गुरूकुल कोचिंग संस्थान से फर्जी गिरोह चलने की सूचना पर पुलिस की स्पेशल टीम लगाई गई। इसके लिए एडीसीपी पूर्व भागचंद, एसीपी दरजाराम, महामंदिर थानाधिकारी लेखराज सिहाग, डीएसटी पूर्व के प्रभारी दिनेश डांगी एवं जिला स्पेशल शाखा के सत्यप्रकाश को लगाया गया।
पुलिस उपायुक्त यादव ने बताया कि पुलिस की इस टीम ने आज मीरा गुरूकुल कोचिंग संस्थान के संचालक बाड़मेर के बाछला निवासी भंवरलाल पुत्र पूनाराम विश्रोई, बाड़मेर के रोहिला गांव में रहने वाले सरकारी स्कूल अध्यापक मोहनलाल पुत्र उदाराम के साथ जालोर जिले के सांचोर स्थित डांवल निवासी रमेश पुत्र भाकराराम विश्रोई एवं बाड़मेर धोरीमन्ना के भीमतल निवासी रावताराम पुत्र दुर्गाराम जाट को गिरफ्तार किया गया।

भंवरलाल है मास्टर माइंड

डीसीपी पूर्व भुवन भूषण यादव ने बताया कि कोचिंग संस्थान चलाने वाला भंवरलाल विश्रोई इस गिरोह का मास्टर माइंड है। वह सरकारी स्कूल का अध्यापक है जो पांच साल तक नौकरी करता रहा और अभी तीन साल से गैर हाजिरी चल रहा था। इन दिनों मानजी का हत्था में मीरा गुरूकुल कोचिंग संस्थान चला रहा है। उसी ने सांचोर के परीक्षार्थी रमेश कुमार के स्थान पर खुद ही परीक्षा देने की योजना बनाई। इसके लिए साढ़े चार लाख रूपए लिए गए। रमेश कुमार के स्थान आईडी पर खुद की फोटो चस्पा कर रखी थी। परीक्षार्थी रावताराम के स्थान पर किसी डमी परीक्षार्थी को बिठाया जाना था। उससे पांच-पांच लाख के दो चेक लिए गए। रमेश कुमार से 9 लाख में सौदा तय किया गया। मगर पहले साढ़े चार लाख रूपए नगद दिए गए है। जिसे पुलिस ने जब्त कर लिए।

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