वैदिक शब्द की व्याख्या

वैदिक शब्द की व्याख्या

हिंदी शब्द का बढ़ाएं ज्ञान जिज्ञासा का करें समाधान

शब्द संदर्भ:- (170) वैदिक

लेखक:-पार्थसारथि थपलियाल

जिज्ञासा

गाज़ियाबाद से सोम प्रसाद शर्मा की जिज्ञासा भारतीय संस्कृति में व्याप्त कई शब्दों के बारे में जानने की है। वेद, उपवेद, संहिता, ग्रंथ उपनिषद ऋषि, मुनि, श्रुति, स्मृति आदि क्या हैं?

समाधान

संस्कृत व्याकरण के अनुसार वेद शब्द की उत्पत्ति विद धातु से हुई है। विद शब्द का अर्थ है ज्ञान। इन्हें श्रुति भी कहा जाता है। वैदिक ज्ञान दो प्रकार से संग्रहित है। पहला है श्रुति परंपरा और दूसरा स्मृति परंपरा। श्रुति का अर्थ है सुनना और स्मृति का अर्थ है याद रखना। वेद दुनिया की सबसे पुरानी संहिताएँ हैं। इसीलिए भारत बड़े गर्व से कहता है कि सनातन संस्कृति का मूल आधार वेद हैं, जो अपौरुषेय हैं, जिनमें ब्रह्मांड का वह ज्ञान है जो अन्यत्र नही है। वेद अपौरुषेय हैं का मतलब है, वेदों में निहित ज्ञान ईश्वरीय है। यह ज्ञान आरम्भ में चार ऋषियों को प्राप्त हुआ। उनके नाम हैं- अग्नि, वायु, आदित्य और अंगिरा। गीता में भी इन चारों का विवरण है।

मनुस्मृति में एक श्लोक है

अग्निवायुरविभ्यस्तु त्र्यं ब्रह्म सनातनम।
दुदोह यज्ञसिध्यर्थमृगयु: समलक्षणम्॥ -मनु (1/13)

पुराण यह मानते हैं कि सबसे पहले ब्रह्माजी ने ईश्वरीय ज्ञान अग्नि, वायु, आदित्य और अंगिरा को दिया। जिन्होंने ज्ञान को सुना और आगे अपने शिष्यों को सुनाया। मनुस्मृति के अनुसार ऋषियों द्वारा अपनी कठोर तपस्या के दौरान जो दिव्य ज्ञान प्राप्त हुआ उस ज्ञान को उन्होंने अपने शिष्यों को बताया। इसलिए ऋषियों को मंत्रदृष्टा कहा जाता है। इस ऋषि परंपरा को आगे बढ़ाने वाले 414 ऋषि हुए हैं उनमेसे 30 महिलाएं हैं। इनमे कुछ प्रमुख नाम हैं-भारद्वाज, कश्यप,कपिल,गौतम,वशिष्ठ, विश्वमित्र,अत्रि,जैमिनी,पारासर, जमदग्नि,कात्यायन,याज्ञवल्क्य, कणाद,पतंजलि,गार्गी,मैत्रेयी,अपाला, लोपामुद्रा,घोषा,रत्नावली आदि।

वेदों में तीन तरह का ज्ञान है। पहला ज्ञान कांड, दूसरा कर्म कांड और तीसरा है भक्ति कांड। अर्थात वेदों में ज्ञान, कर्म और भक्ति पर विस्तृत जानकारी है। स्वामी दयानंद सरस्वती ज्ञान के दो भाग कर देते हैं, एक है साहित्य और दूसरा विज्ञान।
ऋषियों द्वारा प्राप्त ज्ञान श्रुति परंपरा से संग्रहित होता रहा। उस संग्रह को संहिता कहा जाता है। संहिता का एक अर्थ नियमावली भी होता है। इस प्रकार पहली वैदिक संहिता का नाम ऋग्वेद संहिता है। (क्रमशः)

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