अधिवक्ताओं के चैंबर के बिजली बिल अघरेलु श्रेणी में,जवाब तलब

जोधपुर,अधिवक्ताओं के चैंबर के बिजली बिल अघरेलु श्रेणी में,जवाब तलब। राजस्थान उच्च न्यायालय की खंडपीठ के वरिष्ठ न्यायाधीश विजय बिश्नोई और न्यायाधीश योगेंद्र कुमार पुरोहित ने न्यायालय परिसर में अधिवक्ताओं के चेंबर में बिजली बिल की श्रेणी घरेलू की बजाए अघरेलू श्रेणी से राशि वसूल किए जाने पर राज्य सरकार,ऊर्जा सचिव,डिस्कॉम और जेवीवी एनएल के प्रबंधनिदेशक, राजस्थान उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल और जयपुर विद्युत वितरण निगम के अधीक्षण अभियन्ता  को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है और आगामी तारीख 22 नवंबर मुकर्रर की। राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रणजीत जोशी ने अधिवक्ता अनिल भंसाली, अनिल भंडारी,वीडी दाधीच,समीर श्रीमाली और दिनेश चौधरी के माध्यम से जनहित याचिका दायर कर कहा कि राज्य के अधिवक्ताओं को चार चार के समूह में न्यायालय परिसर में चेंबर कई शर्तों के साथ हाईकोर्ट आवंटन समिति द्वारा आवंटित किया जाता है और इसमें चेंबर खोलने और बंद करने की समय सीमा भी निर्धारित की हुई है। उन्होंने कहा कि विद्युत विभाग ने टैरिफ दर में निवास स्थल के अलावा अधिवक्ता कार्यालय को  दुकान,रेस्टोरेंट और अन्य व्यवसायिक स्थल के समकक्ष रखते हुए अघरेलू श्रेणी में रखकर बिलकुल ही गलत किया है।उन्होंने कहा कि वकालत का   पेशा व्यावसायिक श्रेणी में नहीं लिया जा सकता है और अधिवक्ता कक्ष को अधिवक्ता कार्यालय कदापि नहीं माना जा सकता है। सो राज्य में स्थित सभी न्यायालय परिसर में आवंटित अधिवक्ता चेंबर्स में विद्युत विभाग  विद्युत बिलों में गलत तरीके से अघरेलू श्रेणी के हिसाब से राशि वसूल कर रहा है,जबकि विद्युत बिल घरेलू श्रेणी के हिसाब से ही जारी किए जाने चाहिए।

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इस पर राजस्थान उच्च न्यायालय की खंडपीठ के वरिष्ठ न्यायाधीश विजय बिश्नोई और न्यायाधीश योगेंद्र कुमार पुरोहित ने राज्य सरकार,ऊर्जा सचिव, डिस्कॉम और जेवीवीएनएल के प्रबंध निदेशक,राजस्थान हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल तथा जयपुर विद्युत वितरण निगम के अधीक्षण अभियंता को नोटिस जारी कर 22 नवंबर को जवाब तलब किया है।

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