उम्मेद अस्पताल के चिकित्सकों ने बचाई गंभीर नवजात की जान

जोधपुर,उम्मेद अस्पताल के चिकित्सकों ने बचाई गंभीर नवजात की जान।बेबी ऑफ खतीजा जन्म के पहले दिन उम्मेद अस्पताल एनआई सीयू में भर्ती हुआ। बच्चे ने मेकोनियम दाग वाला पानी मां के पेट से पिया था। उसका रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस स्कोर 5/10 था। प्रीडक्टल और स्टडक्टल ऑक्सीजन सैचुरेशन 96 प्रतिशत एवं 88 प्रतिशत था। बच्चे को शुरू में बबल कैप पर रखा गया था। एफआईओ2 की आवश्यकता लगातार बढ़ रही थी।

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डॉ.जेपी सोनी,डॉ हरीश मौर्य,डॉ मीतेश मैलीना द्वारा जाँच व इलाज शुरू किया गया। एडमिशन पर अल्ट्रासाउंड लंग स्कोर 6 था जो बढ कर 20 हो गया। जिसके बाद सर्फेक्टेंट दिया गया। जिसके बाद अल्ट्रासाउंड लंग स्कोर में सुधार हुआ लेकिन एफआईओ 2 की आवश्यकता बढ रही थी। बच्चे की हालत में सुधार नहीं हो रहा था। 2 डी इको से प्रेसीसडेंट प्यूएलमोएनएआर हायपरटेंशन ऑफ न्यू बोन का डायग्नोसिस किया गया। जिसका इलाज इंजेक्शन मिलिरिनोन का उपयोग करके किया गया। लेकिन बच्चे में सुधार नहीं हो रहा था।

इनहेलेशनल नाइट्रिकॉक्साइड के साथ उपचार शुरू किया गया था जिसे शुरू में 24 घंटे के लिए/20 पीपीएम दिया गया और 72 घंटे के लिए 30पीपीएम के लिए जारी रखा गया। फिर धीरे-धीरे कम किया गया। बच्चे में सुधार हो रहा था। उसके बाद बच्चे को धीरे-धीरे वेंटिलेटर से हटा दिया गया और वेंटिलेटर के माध्यम से एनआईवी पर रखा गया और धीरे-धीरे ऑक्सीजन समर्थन से हटा दिया गया।इस दौरान बच्चे को नाक की नली से दूध पिला रहे थे। बच्चे को 25वें दिन से मां की छाती से दूध पिलाना शुरू किया और बच्चे को 36 दिन के बाद डिस्चार्ज किया गया। इनकी सफलता पर प्रधानाचार्य एवं नियंत्रक एसएन मेडिकल कॉलेज डॉ रंजना देसाई ने उनको बधाई दी।

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