बीमा कंपनी पर लगाया 25 हजार का हर्जाना

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग

जोधपुर,बीमा कंपनी पर लगाया 25 हजार का हर्जाना। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग,जोधपुर द्वितीय ने परिवाद मंजूर करते हुए व्यवस्था दी है कि अनुबंधित बस में यदि कोई यात्री अन्य शहर से बैठता है तो वह परमिट का उल्लंघन नहीं है और इस आधार पर दावा खारिज किया जाना बीमा कंपनी की सेवा में कमी और त्रुटि है। आयोग के अध्यक्ष डॉ श्याम सुंदर लाटा और सदस्य अफसाना खान ने न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी को निर्देश दिया कि परिवादी को दावा राशि 21 लाख 21 हजार 500 रुपए मय 9 फीसदी ब्याज तथा 25 हजार रुपए हर्जाना और पांच हजार रुपए परिवाद व्यय दो माह में अदा करें।

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नवीन चौधरी ने अधिवक्ता अनिल भंडारी और दिनेश चौधरी के माध्यम से परिवाद दायर कर कहा कि उनकी बीमित बस अनुबंध के जरिए सूरत से जोधपुर भ्रमण पर आ रही थी,तब 21 अक्टूबर 2019 को सांचौर रोड पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई,लेकिन बीमा कंपनी ने यह कहकर दावा खारिज कर दिया कि 31 यात्रियों में से एक यात्री वड़ोदरा से सवार हुआ और उसी ने दुर्घटना की प्रथम सूचना रपट दर्ज कराई है सो वाहन का उपयोग कॉन्ट्रैक्ट केरिज के आधार पर नहीं होकर स्टेट केरीज परमिट के आधार पर हो रहा था। अधिवक्ता भंडारी ने बहस करते हुए कहा कि पूरी बस को
सूरत से जोधपुर भ्रमण वास्ते अनुबंध के तहत किराया लेकर बुक किया गया था और बीमा कंपनी यह सबूत पेश करने में नाकाम रही कि एक यात्री वड़ोदरा से बस में बैठा है और उसने अलग से कोई किराया अदा किया है सो वाजिब दावा खारिज किया जाना बीमा कंपनी का अनुचित व्यापार व्यवहार है। बीमा कंपनी की ओर से कहा गया कि यात्री ने पुलिस रपट में कथन किया है कि वह वड़ोदरा से यात्रा कर रहा था।

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जिला उपभोक्ता आयोग ने बीमा कंपनी पर 25 हजार रुपए हरजाना लगाते हुए परिवाद मंजूर कर कहा कि बीमा कंपनी का अन्वेषक यह साबित करने में असफल रहा कि वड़ोदरा से यात्रा शुरू करने वाले यात्री ने अलग से बस का किराया अदा किया हो। उन्होंने कहा कि एक यात्री अन्य जगह से यात्रा शुरू करता है तो वह परमिट का उल्लंघन नहीं है। उन्होंने बीमा कंपनी द्वारा दावा खारिज करने को सेवा में कमी और त्रुटि मानते हुए न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी को निर्देश दिया कि परिवादी को दो माह में दावा राशि 21 लाख 21 हजार 500 रुपए मय नौ फीसदी ब्याज और परिवाद व्यय 5 हजार रुपए अदा करें।

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