घरों में बनाया गया ठंडा भोजन, शीतला माताजी को आज लगेगा ठंडे का भोग

ध्वजारोहण के साथ कागा शीतलामाता मेला शुरू

जोधपुर(डीडीन्यूज),घरों में बनाया गया ठंडा भोजन, शीतला माताजी को आज लगेगा ठंडे का भोग।शहर के नागौरी गेट के बाहर कागा स्थित प्राचीन शीतला माता मंदिर में मारवाड़ का प्रसिद्ध शीतला माता मेला आज से शुरू होगा। इस नौ दिवसीय मेले का आगाज शाम 4.30 बजे ध्वजारोहण से किया गया। शनिवार को अष्टमी पर ठण्डा भोजन ग्रहण किया जाएगा।

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शहर के कागा तीर्थ स्थित शीतला माता मंदिर में शुक्रवार को शीतला माता का मेला ध्वजारोहण के साथ शुरू हो गया। प्रथम पूज्य गणेश व माता शीतला के पूजन के बाद मंदिर शिखर पर ध्वजारोहण किया गया। इस दौरान आज सप्तमी पर माता को भोग लगाया गया। घरों में भी शीतला माता,ओरी माता,अचपड़ाजी व पंथवारी माता का प्रतीक बनाकर पूजन किया गया। जोधपुर में अष्टमी मनाए जाने की परंपरा है लेकिन अष्टमी पर शनिवार होने के कारण अधिकांश शहरवासियों ने आज माता को भोग लगाया। कल अष्टमी तिथि पर भी मां को भोग लगाया जाएगा।

घरों में महिलाओं ने माताजी को लगने वाले ठंडे का भोग बनाया। शनिवार को परिवार सहित ठंडे का ही सेवन किया जाएगा। विधिवत मेला आरंभ होने के साथ अब नौ दिन तक कागा स्थल पर दर्शनार्थियों की भीड़ भी रहेगी।

सीसीटीवी कैमरें लगाए 
मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष निर्मल कच्छवाहा ने बताया कि मेले में सुरक्षा की दृष्टि से पचास सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाएगी। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस व्यवस्था के अलावा ट्रस्ट प्रशासन ने स्वयंसेवकों की टीमों का भी गठन किया है। मेले के संबंध में व्यवस्थाओं को लेकर अलग-अलग कमेटियों का गठन किया गया है।

मंदिर में 24 घंटे दर्शनों के लिए पुजारियों की अलग-अलग टीमों का भी गठन किया गया। इसके अलावा सफाई सहित अन्य व्यवस्थाओं के लिए भी टीमों का गठन किया गया है। मंदिर परिसर को पॉलिथिन से मुक्त रखा जाएगा। ट्रस्ट सचिव देवेश कच्छवाह ने बताया कि पिछली बार प्रायोगिक रूप से रॉबिनहुड आर्मी की ओर से माता के चढने वाले सूखे व गीले प्रसाद को अलग-अलग करके जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाया गया था। इस बार भी रॉबिनहुड आर्मी संस्था के सहयोग से जरूरतमंद लोगों तक प्रसाद पहुंचाया जाएगा।

इसका किया जाएगा सेवन 
ठंडे तौर पर करबा,राब,पंचकूटे की सब्जी,मठरी,दहीबड़े,कांजी-बड़े, मीठी नमकीन पुडिय़ां आदि व्यंजनों को मां शीतला,ओरीमाता, अचपड़ाजी एवं पंथवारी माता पूजन व भोग के बाद शनिवार को बतौर प्रसादी के रूप में ग्रहण की जाएगी।