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आर्मी ऑफिसर बनकर महिला से ठगी

आर्मी ऑफिसर बनकर महिला से ठगी

वेट लॉस मशीन और उत्पाद मंगवाने के नाम पर 99 हजार ठगे

जोधपुर,शहर के चौपासनी हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र में रहने वाली एक महिला से दो युवकों ने आर्मी ऑफिसर बनकर ठगी की। महिला वेट लॉस मशीन को ऑनलाइन बेचती है। शातिरों ने खुद को आर्मी अफसर बताते हुए खुद के खाते में 99 हजार रूपए डलवा दिए। आरोपियों ने महिला से उसके उत्पाद को खरीद किया था। पीडित महिला की तरफ से कोर्ट में इस्तगासे के जरिए अब चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थाने में मामला दर्ज करवाया गया है।

चौपासनी हाउसिंग बोर्ड पुलिस ने बताया कि इस बारे में शोभावतों की ढाणी स्थित मरूधर केसरी नगर की रहने वाली गुरप्रीत कौर पत्नी महेेंद्र सिख की तरफ से रिपोर्ट दी गई। इसमें बताया कि वह वजन कम करने के उत्पाद ऑन लाइन बेचने का काम करती है। गत 14 अप्रैल को ऑनलाइन धोखाधड़ी की गई।
व्यापार के सिलसिले में उसके पास फेसबुक के माध्यम से कई ग्राहक आते है, जिन्हें वह अपने वजन कम करने के उत्पाद के बारे में जानकारी देकर उत्पाद बेचने के लिए वाट्सएप नंबर देती है। उसे 14 अप्रैल को विकास नाम के एक व्यक्ति ने फेसबुक पर उत्पाद लेने के लिए कहा। उसने खुद को आर्मी पर्सन बताया और उत्पाद को पसंद किया था। बाद में इसने अपना वाट्सएप नम्बर दिया।
पीडिता ने रिपोर्ट में बताया कि एडवांस पेमेंट देने को कहा तो उसने कहा कि आर्मी वालों के पास कोई ऑनलाइन एप या एकाउंट नहीं होता है, हमारे पास स्वाइप मशीन है जिससे पेमेंट होगा। इस व्यक्ति ने अपना कैन्टीन स्मार्ट कार्ड की फोटो भेजी और अपने आधार कार्ड की फोटो भी भेजी थी। इसके बाद विकास ने कहा कि आपको मुझे 5 रुपए देने होंगे और आप जितने रुपए मुझे देंगी आपके पास दुगुने रुपये आएंगे। महिला ने उसे 5 रुपए ट्रांसफर किए तो 10 रुपए वापस उसके खाते में आ गए।

शातिरों के बताए अनुसार करती रही, खाते में 99 हजार डाल दिए:-
पुलिस को दी रिपोर्ट मेें गुरमीत ने बताया कि शातिर आरोपी ने 10 हजार के प्रोडक्ट खरीदे थे, ऐसे में उसने गुरमीत से अब 3 हजार रुपए ट्रांसफर करने को कहा, ताकि उसके खाते में 6 हजार रुपए आ जाए। गुरमीत के ऐसा करने के बाद शातिर विकास और उसके साथी ने उलझाया और 6 हजार की डिमांड रखी ताकि 12 हजार उसके खाते में आ जाए। इस तरह वे चाल चलते रहे और अपने खाते में 99 हजार 895 रूपए डलवा दिए।

रिपोर्ट के अनुसार विकास के साथ रणदीप नाम के शख्स ने चैटिंग के जरिये बताया कि आपके रूपए हमे मिल गए हैं। उसके बाद जब उसको कहा पैसे वापिस करो तो उन दोनों व्यक्तियों ने कहा कि ये पैसे कल वापिस होंगे। तब तक आप कोई लेन-देन अपने बैंक खाते से नहीं करना। अगले दिन न पैसे मिले,न ठगों से कोई जवाब। महिला ने जब अपने पति को ठगी की बात बताई। तब साइबर नंबर  1930 पर फोन करके इस घटना की पूरी जानकारी दी। साइबर पुलिस से 15 अप्रैल को महिला को एक ई-मेल मिली, जिसमें बताया गया कि शिकायत रजिस्टर्ड कर दी गई है। उसके बाद में 18 अप्रैल को आई दूसरी मेल में बताया गया कि 31 हजार 997 रुपए रूकवा दिए गए हैं।

पीडि़ता का आरोप है कि इस कार्रवाई के बाद भी चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थाने ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की, जिससे होल्ड हुई राशि भी नहीं मिल सकी। महिला ने अब कोर्ट में इस्तगासा पेश किया, जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया है।

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